क्रिकेट की दुनिया में डक शब्द की कैसे हुई एंट्री…

TISMedia@Sports. क्रिकेट में शून्य के स्कोर पर आउट होने वाले बल्लेबाज के लिए ‘डक’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। बल्लेबाज के शून्य पर आउट होने के लिए डक शब्द के इस्तेमाल की कहानी भी बहुत दिलचस्प है। क्रिकेट में डक शब्द की उत्पत्ति साल 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच दुनिया के पहले अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच से पहले ही इस्तेमाल की गई थी।

READ MORE: तो क्या बांस बदल देगा क्रिकेट का युग, खिलाड़ियों के हाथ से छिन जाएंगे लकड़ी के बैट

क्रिकेट में डक शब्द का इस्तेमाल पहली दफा जुलाई 1866 में हुआ था। डक का पहली दफा इस्तेमाल एक रोचक वाकये से जुड़ा हुआ है। यह बात 17 जुलाई 1866 की है जब एक क्रिकेट मैच में वेल्स के राजकुमार (जो बाद में एडवर्ड VII बने) पहली ही गेंद पर आउट हो गए। इस खबर को एक अखबार ने एक दिलचस्प शीर्षक के साथ प्रकाशित किया। अखबार ने लिखा कि The prince had retired to the royal pavilion on a duck’s egg (राजकुमार बतख के अंडे के साथ शाही पवेलियन की ओर रवाना हुए।) बतख के अंडे के शून्य के आकार के कारण अखबार में इस शब्दावली का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद बाद कई अखबारों ने इस शून्य पर आउट होने के लिए इस शब्दावली का इस्तेमाल शुरू कर दिया। कालांतर में यह शब्द क्रिकेट डिक्शनरी का अभिन्न हिस्सा बन गया।

डक कई प्रकार के होते हैं। अगर कोई बल्लेबाज़ अपनी इनिंग की पहली गेंद का सामना करते हुए आउट हो जाए, तो इसे ‘गोल्डन डक’ कहा जाता हैं। यदि बल्लेबाज नॉन-स्ट्राइकर एन्ड पर हो और बिना कोई बॉल खेले ही आउट हो जाए तो इसे ‘डायमंड डक’ कहते हैं। अगर बल्लेबाज मैच या इनिंग की पहली ही बॉल पर अपना विकेट दे दे तो ‘रॉयल डक’ या ‘प्लैटिनम डक’ कहा जाता है।

अगर बल्लेबाज टेस्ट मैच की दोनों इनिंग में डक हो जाये तो इसे ‘पेअर आउट’ कहते हैं। वहीं अगर बल्लेबाज दोनों ही इनिंग में पहली खेली गई बॉल पर आउट होकर, पवेलियन लौट जाए तो यह ‘किंग पेअर’ कहा जाता है।

READ MORE: टोक्यो ओलिंपिक खतरे में, खुल कर विरोध में आये जापानी

आधिकारिक क्रिकेट में 1877 में पहली बार डक स्कोर किया गया था। 1877 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में ‘नेड ग्रेगोरी’ डक आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने।

1984 से 2001 तक वेस्टइंडीज के लिए क्रिकेट खेलने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर कॉर्टनी वाल्श के नाम सर्वाधिक 43 ‘डक्स’ का रिकॉर्ड है। भारतीय क्रिकेट टीम के फ़ास्ट बॉलर अजित अगरकर को 1999 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार 7 बार ‘डक्स’ का सामना करना पड़ा था, जिस वजह से उन्हें ‘बॉम्बे डक’ जैसा मजेदार नाम दिया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!