घूसखोर कांस्टेबल : 3 हजार के चक्कर में 3 साल के लिए गया जेल, 50 हजार का जुर्माना भी ठुका

थाने में मुकदमा दर्ज नहीं फिर भी देता था बंद करने की धमकी

कोटा. एसीबी कोर्ट ने मंगलवार को रिश्वत मांगने के 10 साल पुराने मामले में तत्कालीन कांस्टेबल लाल सिंह को 3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। आरोपी कांस्टेबल बारां जिले के अंता थाने में तैनात था। उसने बिना मुकदमे के परिवादी को थाने में बंद करने की धमकी देकर रिश्वत ली थी।

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सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि 2 अप्रेल 2010 को अंता के धतुरिया गांव निवासी ब्रज बिहारी ने बारां एसीबी में शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि अंता थाने का कांस्टेबल लाल सिंह ने गांव आया और उसे कहा कि थाने में तेरे खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज किया है। बालाखेड़ा गांव के लोगों ने तेरे खिलाफ पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी है, कि तू गांव में चोरियां करता है। तेरे मामले की जांच मैं कर रहा हूं, क्योंकि एसपी ने मुझे जांच सौंपी है। अब तूझे जेल जाने से बचना है तो मुझे 10 हजार रुपए देने पड़ेंगे। यदि रुपए नहीं दिए तो तूझे बंद करना पड़ेगा। कांस्टेबल की धमकी से परिवादी डर गया और उसकी पत्नी ने सीसवाली चौराहे पर आरोपी कांस्टेबल लालचंद को रिश्वत के तौर पर 3 हजार रुपए दिए। इसके बाद लालचंद 5 हजार रुपए और देने के लिए दबाव बनाने लगा। बाद में 4 हजार में सौदा तय हुआ।

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शिकायत के बाद बारां एसीबी ने मामले का गोपनीय सत्यापन करवाया। जिसमें शिकायत सही मिलने पर एसीबी ने ट्रेप के लिए जाल बिछाया। इसके बाद 8 अप्रेल को आरोपी कांस्टेबल लालचंद को परिवादी से 4 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एसीबी की जांच में सामने आया था कि जिस परिवाद को लेकर आरोपी कांस्टेबल ने परिवादी को थाने में बंद करने की धमकी देकर रिश्वत ली, ऐसा कोई परिवाद अंता थाने में दर्ज ही नहीं था और न ही कोई गांववासियों ने उसके खिलाफ एसपी को शिकायत दी थी।

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