RTU ने दांव पर लगाया छात्रों का भविष्य, 1.27 लाख कॉपियों की जांच में निकली गड़बड़ियां
कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा (आरटीयू) में शिक्षक कैसे विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा रहे हैं, इसकी बानगी उत्तर पुस्तिका की जांच में सामने आई। आरटीयू में 2 साल में विभिन्न विषयों के विद्यार्थियों ने 1 लाख 27 हजार 884 कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन कराया, जिसमें से 84 हजार 127 कॉपियों में अंक बढ़े हैं। कॉपियां जांच में गड़बड़ी का खुलासा होने पर आरटीयू प्रशासन हरकत में आया और 43 शिक्षकों को दोषी मानते हुए एक साल तक कॉपी जांचने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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छात्र लगा रहे थे मूल्यांकन में गड़बड़ी का आरोप
आरटीयू की ओर से जांची जा रही एग्जाम कॉपियों से छात्र संतुष्ठ नहीं थे। वे लंबे समय से मूल्यांकन में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे थे। धरना-प्रदर्शन कर कॉपियों की दोबारा जांच करवाने की मांग कर रहे थे। छात्रों के विरोध को देखते हुए विधायक एवं बोम सदस्य पानाचंद मेघवाल ने विधानसभा में यह मद्दा उठाया था। जिसके बाद आरटीयू ने पिछले दो साल में विभिन्न विषयों की 1 लाख 27 हजार 884 कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन करवाया। जिसमें 84127 कॉपियों में नंबर बढ़े और 30446 में नंबर घटे हैं।
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छात्रों का भविष्य लग जाता है दांव पर
विधायक व बोम सदस्य पानाचंद मेघवाल ने कहा कि आरटीयू को गुणात्मक शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। मूल्यांकन में गड़बड़ी चिंताजनक है। शिक्षकों की लापरवाही से छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाता है। आरटीयू प्रशासन को छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लेना चाहिए।
आरटीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. धीरेंद्र माथुर ने कहा कि कॉपी जांच में गड़बड़ी होना चिंता का विषय है। यूनिवर्सिटी के नियमानुसार कॉपी जांच के मामले में कमेटी गठित हुई थी। पुनर्मूल्यांकन की क्वालिटी सही रहे, इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। साथ ही जिन शिक्षकों से गलतियां होती है, उन्हें डिबार कर देते हैं।
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