गिरफ्त में महाठग : एक ने बैंक को लगाया 2.50 करोड़ का चूना, दूसरे ने 700 गरीबों से ठगे 20 लाख

पुलिस ने दोनों अपराधियों पर घोषित किया था 5-5 हजार का ईनाम

कोटा. जिले की शहर व ग्रामीण पुलिस लंबे समय से फरार दो ईनामी बदमाशों को दबोचा है। एक ने बैंक को 2.50 करोड़ का चूना लगाया तो दूसरे ने 700 गरीबों से 20 लाख ठग लिए। दोनों ही बदमाशों पर पुलिस ने 5-5 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। काफी कोशिशों के बाद आखिरकार कोटा पुलिस की मेहनत रंग लाई और दोनों महाठगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

गबन राशि से खरीदा आलीशान मकान और लग्जरी कार
कोटा ग्रामीण पुलिस ने गुरुवार को 2.50 करोड़ का गबन करने वाले ईनामी बदमाश को मोड़क स्टेशन से गिरफ्तार किया है। आरोपी खैराबाद ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत था और 4 साल से फरार था। पुलिस ने उस पर 5 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। उसने गबन की राशि से कोटा में स्वामी विवेकानंद नगर में आलीशान मकान व कार खरीदी और ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था। दोपहर को वह उज्जैन जाने के लिए मोड़क स्टेशन से बस में सवार होने वाला था। तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। आारोपी जिले के जिले के टॉप 10 अपराधियों में शामिल था।

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2.50 करोड़ का लगाया था चूना

ग्रामीण एसपी शरद चौधरी में बताया कि 2 जनवरी 2017 को खैराबाद के ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी प्रहलाद राय ने रामगंजमंडी थाने में शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि स्थानीय कार्यालय में गिरिराज वर्मा (42) ग्रेड प्रथम कैशियर पद पर कार्यरत था। उसने अपने परिचितों व रिश्तेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया। वहीं, षडयंत्रपूर्वक स्थानीय कार्यालय के बैंक खाते से चेक द्वारा 76 लाख 26 हजार 267 रुपए का गबन कर अनजान व्यक्तियों के बैंक खातों में जमा करवा कर राशि का दुरुपयोग किया। जब मामले की जांच की तो 2 करोड़ 38 लाख रुपए के गबन की जानकारी सामने आई। मामले में मुख्य आरोपी की पत्नी सहित 10 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी।

यूं हत्थे चढ़ा ठग
एसपी चौधरी ने बताया कि जिले में वांछित चल रहे अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम द्वारा निगरानी रखी जा रही थी। उनके संबंध में आसूचनाएं भी एकत्रित की जा रही थी। साथ ही दो माह से आरोपियों के परिजनों व पड़ोसियों पर भी बराबर नजर रखे हुए थे। गुरुवार को सायबर टीम के सदस्य भूपेंद्र नागर को मुखबीर से सूचना मिली कि गबन का मास्टर मांइड गिरिराज वर्मा कोटा आया हुआ है और उज्जैन जा रहा है। इस पर जिला स्पेशल टीम प्रभारी सीआई रामलक्षमण व रामगंजमंडी थानाधिकारी हरीश भारती जाब्ते के साथ मोड़क स्टेशन पहुंचे और आरोपी गिरिराज को उज्जैन की बस में चढ़ते हुए दबोच लिया।

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4 साल से इन राज्यों में काट रहा था फरारी
स्पेशल टीम के सीआई रामलक्षमण ने बताया कि आरोपी गिरिराज को थाने लाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने मुंबई, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर में फरारी काट रहा था। वर्तमान में उज्जैन में रह रहा था। दो-तीन दिन पहले ही वो कोटा आया था। आज बस से वापस उज्जैन जा रहा था, तभी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

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20 लाख डकारने वाला चढ़ा हत्थे

बिजली का बिल जमा कराने के नाम पर 700 लोगों से 20 लाख रुपए ठगने वाले ईनामी आरोपी को शहर पुलिस ने दबोच लिया है। आरोपी पर पुलिस ने 5 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। इनामी अपराधी सुरेंद्र लश्कार तीन साल से फरार चल रहा था। शहर पुलिस अधीक्षक विकास पाठक ने बताया कि 17 अप्रेल 2017 को केईडीएल के एईएन जितेंद्र कुमार अग्रवाल ने आरकेपुरम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि हमारी कंपनी केईडीएल के पास राजस्थान में विद्युत वितरण रखरखाव का कार्य है, जिसके तहत कंपनी कोटा शहर की विद्युत व्यवस्था संभालती है। राज्य सरकार द्वारा विद्युत उपभोग राशि के संग्रहण के लिए राजस्थान कोम्प सर्विसेज लिमिटेड कंपनी को अधिकृत किया है। इस कम्पनी ने हर शहर में लोकल सर्विस प्रोवाइडर अधिकृत किए हैं, जिसमें कोटा शहर में एनआईसीटी को अधिकृत किया हुआ है। एनआईसीटी द्वारा शहर में अलग-अलग स्थानों पर राशि संग्रहण के लिए कियोस्क ई-मित्र काउंटर खोल रखे हैं जो राशि संग्रहित कर राजस्थान सर्विसेज लिमिटेड कंपनी में जमा कराते हैं।

उपभोक्ताओं में थी नाराजगी
दिसंबर 2016 में हमारे पास प्रतिदिन कई उपभोक्ता बिल लेकर आए और कहने लगे कि हमारे पुराने बिल जमा किए हुए हैं फिर भी बकाया रकम जोड़कर बिल आ रहे हैं, जिसे कम किया जाए, बिलों के जुड़कर आने से उपभोक्ताओं में नाराजगी थी। जब हमने मामले की जांच की तो उसमें पुराने बिल की राशि जमा नहीं होना पाया। लेकिन, यह राशि आरकेपुरम स्थित कियोस्क ई-मित्र के सुरेंद्र लश्कार के काउंटर से जारी रसीद जमा थी।

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आरोपी बिल राशि हड़प हो गया था फरार
सुरेंद्र ने लगभग 700 उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत राशि जमा करवाकर कूटरचित तरीके से रसीद जारी कर, जालसाजी व धोखाधड़ी से 20 लाख 25 हजार 271 रुपए उपभोक्ताओं से प्राप्त किए लेकिन कम्पनी में जमा नहीं करवाए। उसनेे सारा पैसा हड़प लिया और शहर से फरार हो गया। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए उस पर 5 हजार का इनाम घोषित किया। इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया और विशेष टीम गठित कर आरोपी के संभावित ठिकानों पर दबिश दी। लंबी तलाश के बाद आरोपी का सुराग लगा और उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली।

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