हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए दंगारोधी यूनिट की तैनात

अंबाला. प्रदर्शनकारी किसानों से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने दंगारोधी यूनिटों को जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर सभी जगहों पर वीडियोग्राफी करवा रही है। हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को विपक्षी दलों का षणयंत्र करार दिया है।

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किसान या दंगाई…
हरियाणा सरकार ने आंदोलनकारी किसानों से निपटने के लिए दंगारोधी यूनिटों को मैदान में उतार दिया है। सरकार ने सभी ड्यूटी स्थलों पर आंसू गैस और वाटर कैनन की 2-2 गाड़ियों की तैनाती की है। इनके अलावा वज्र वाहन, फायर ब्रिगेड, क्रेन, एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं। दंगा जैसे हालात से निपटने के लिए तीन रिजर्व पुलिस बल एंटी रायट उपकरणों के साथ तैनात किए गए हैं। इसके अलावा दो रिजर्व पुलिस बल को दंगा विरोधी उपकरणों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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क्यों हो रहा प्रदर्शन?
सरकार ने कृषि सुधारों के लिए तीन कानून कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर उग्र आंदोलन कर रहे हैं। जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन कानूनों को वापस लेने से साफ इन्कार कर चुके हैं। जिसके बाद किसानों और सरकार के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं।

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