कलम का कुआं: अवैध शराब का अड्डा था कभी यह गांव, सरकारी योजनाओं ने बदल डाली सूरत
संभागीय आयुक्त ने किया प्रेरित, बोलेः शराब नहीं गुणवत्तायुक्त दूध उत्पादन के लिए बनाओ पहचान
कोटा. गर, सरकारें ठान लें तो कुछ भी मुश्किल नहीं है… यकीन न हो तो चले आइए कोटा के कलम का कुआं गांव। कभी अवैध शराब बनाने के लिए पूरे हाड़ौती में बदनाम रहे इस गांव में आज दूध की नदियां बह रही हैं। घरेलू रोजगार योजनाओं से जुड़कर युवा विकास की नई इबारत लिख रहे हैं और बुजुर्ग उन्हें सफलता का नया ककहरा पढ़ा रहे हैं। महिलाएं घर की दहलीज लांघ सिले हुए कपड़ों का नया ब्रांड खड़ा करने में जुटी हैं। यकीनन, बदलते हिंदुस्तान की तस्वीर बया कर रहा है यह गांव।
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हमेशा के लिए छोड़ा अवैध शराब का धंधा
कोटा जिले के कोलाना ग्राम पंचायत का कलम का कुंआ गांव जो कभी अवैध शराब व्यवसाय के लिए जाना जाता था, प्रशासन की पहल पर नवजीवन योजना के द्वारा ग्रामीणों को रोजगार के वैकल्पिक प्रशिक्षण देने एवं गांव में कराये गये विकास कार्यो से अब बदली तस्वीर नजर आने लगी है। संभागीय आयुक्त कैलाश चन्द मीणा के मुख्य आतिथ्य में गुरूवार को कलम का कुआं गांव के राजकीय विद्यालय परिसर में आयोजित प्रशिक्षण शिविर समापन में ग्रामीणों द्वारा नवजीवन योजना से आये बदलाव को बयां करते हुए अवैध शराब निर्माण को स्थाई रूप से छोड़ने का विश्वास दिलाया।
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कपड़ों और दूध के लिए बनाओ पहचान
संभागीय आयुक्त ने कहा कि अवैध कार्यों से जीवन बर्बाद होने के साथ भविष्य भी अंधकार में हो जाता है। ऐसे में सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेकर सम्मान व ईज्जत के साथ नया व्यवसाय शुरू करे। उन्होंने कहा कि कभी कलम का कुआं अवैध शराब निर्माण के लिए जाना जाता था, आने वाले समय में दूध उत्पादन व उन्नत नस्ल के पशुओं के लिए जाना जाये। उन्होंने कहा कि अब गांव से शराब नहीं गुणवत्ता युक्त दूध की सप्लाई तथा कलम का कुआं ब्रांड के सिले हुए कपड़े गांव को नई पहचान दिलाए। उन्होंने नवजीवन योजना से गांव में हुए विकास के लिए सभी विभागों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आने वाले समय में प्रत्येक विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाकर गांव को शिक्षित व वैकल्पिक रोजगार के सतत् प्रयास जारी रखें। उन्होंने प्रत्येक सप्ताह विकास अधिकारी लाड़पुरा को विकास कार्यो का निरीक्षण करने एवं ग्रामीणों से सीधा संवाद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने गांव के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था, युवाओं के लिए डेयरी व्यवसाय एवं महिलाओं के लिए सिलाई, बुनाई व ब्यूटी पार्लर जैसे कार्यों का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।
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आत्मनिर्भर बनें युवा
अतिरिक्त आयुक्त आबकारी सुनीता डागा ने कहा कि महिलाएं यदि ठान ले तो गांवों में परिवर्तन निश्चित है। प्रत्येक परिवार सम्मान के साथ अपना व्यवसाय करे इसके लिए सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शिता से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गांव के प्रत्येक परिवार को किसी ना किसी वैकल्पिक व्यवसाय का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित किया जायेगा। सीईओ जिला परिषद प्रतिभा देवठिया ने कहा कि गांव के आधारभूत विकास में किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जायेगी। स्वरोजगार के साथ ग्रामीणों को आधुनिकतम व्यवसायों में दक्ष करने के प्रशिक्षण दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि नवजीवन योजना में गांव में 21 लाख 50 हजार के विकास कार्य कराये गये है जिनमें पेयजल व्यवस्था, सड़क, शिक्षा, विद्युत जैसे आधुनिक सुविधाएं ग्रामीणों को मिलने लगी है।
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हर मदद को हमेशा तैयार
उप निदेशक सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश तोषनीवाल ने बताया कि गांवों में 75 महिलाओं को सिलाई, बुनाई का प्रशिक्षण देकर विभिन्न अस्पतालों, शिक्षण संस्थाओं के साथ समन्वय कराया गया है ताकि उन्हें आवश्यक कपड़े सिलाने का कार्य ग्रामीणों के माध्यम से किया जा सके। इसके लिए संस्थाओं द्वारा कपड़े प्रदान किये जायेंगे, ग्रामीणो को सिलाई का भुगतान निर्धारित समय पर होगा। उन्होंने बताया कि गांवों के 18 विद्यार्थियों को आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाकर सम्पूर्ण व्यवस्था राजकीय स्तर पर की गई है। 42 विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाकर प्रतिमाह शैक्षणिक, आवागमन एवं पौशाक के लिए राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि युवाओं की मांग पर अब डेयरी व दुग्ध व्यवसाय में प्रशिक्षण देकर उन्नत नस्ल के पशु खरीदने के लिए सहायता दी जायेगी।
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ग्रामीणों ने किया खुशहाली का वादा
कार्यक्रम में विद्यार्थियों को स्कूल बैग मय पाठ्य सामग्री एवं चेक प्रदान किए गए। महिलाओं को सिलाई, बुनाई कार्य के पारिश्रमिक के रूप में दो-दो हजार रूपये के चेक प्रदान किए गए। ग्रामीणों द्वारा नवजीवन योजना से आये बदलाव की जानकारी देकर सिलाई, बुनाई के साथ गांव में मणिहारी एवं ब्युटीशियन के प्रशिक्षण के लिए भी सुझाव दिए। ग्राम पंचायत सरपंच मुन्नी बाई ने आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया कि कलम का कुआं गांव आने वाले समय में दुग्ध उत्पादन के लिए जाना जायेगा। उन्होंने स्वयंसेवी संस्था, भगवती शिक्षा समिति के ओझा एवं हृूमन वेलफेयर सोसायटी के मनोज जैन आदिनाथ द्वारा किये गये कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर जिला आबकारी अधिकारी बिरधीचन्द गंगवाल, उपखण्ड अधिकारी कोटा दीपक मित्तल, विकास अधिकारी लाड़पुरा सहित अधिकारीगण, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्राम पंचायत के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।