हैवान : नकली रेमडेसिवीर की फैक्ट्री दबोची, 25 हजार में बेच रहे थे 1 इंजेक्शन

दिल्ली पुलिस ने किया भांडाफोड़, 5 आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली. कोरोना महामारी में देशभर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की किल्लत बनी हुई है। हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सरकारी विमान भेज कर 7500 डोज मंगाई तो मीडिया में छा गए। ताजा खबर ये है इस नाम का नकली इंजेक्शन तो उत्तराखंड में ही बन रहा था। अब कितने लोगों की जान से खिलवाड़ हुआ पता नहीं। लेकिन 5 लोग पकड़े जा चुके हैं और अगर गंभीरता से जांच हुई तो कई और पकड़े जा सकते हैं। ये लोग 25000 तक में एक इंजेक्शन बेच रहे थे। अब उत्तराखंड एसटीएफ भी मामले की जांच में जुट गई है।

सबसे पहले दिल्ली में शोएब अहमद और मोहन झा नाम के शख्स दवा ब्लैक करते पकड़े गए। इन्होंने बताया कि एक महिला ये इंजेक्शन बेचती है, इस पर पुलिस ने महिला और उसके साथी को पकड़ा। इनसे पता चला कि नकली फैक्ट्री कोटद्वार में है। इन्ही की जानकारी पर हरिद्वार और रुड़की में कुछ लोगों की तलाश हुई। रुड़की में पवन सिंह हाथ आया तो पता चला फैक्ट्री वहीं लगी है। उसके पास से 200 डोज बरामद की गई। यह भी पता चला ये गिरोह अब तक 2500 से ज्यादा इंजेक्शन बेच चुका है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पौड़ी जिले के रुड़की में नकली रेमडेसिविर बनाने वाली फैक्ट्री में छापा मारा। वैसे इस दवा पर कोटद्वार की फैक्ट्री का पता है लेकिन काम रुड़की में हो रहा था। अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक महिला समेत चार दिल्ली के ही हैं। क्राइम ब्रांच ने हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में छापे डाले।

जमकर बेचे नकली रेमडेसिवीर
दिल्ली क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि उत्तराखंड के कोटद्वार में नकली इंजेक्शन बनाने वाली फैक्ट्री चल रही है। बड़ी बात यह भी है कि उत्तराखंड पुलिस को मुखबिर से ऐसी कोई सूचना नहीं मिल पाई। इस घटना से स्वास्थ्य विभाग के ड्रग्स अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। देहरादून में तैनात ड्रग विभाग के अधिकारी जहां रेमेडेसिविर की व्यवस्था में जुटे हैं। वही जिलों में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर ऐसे गंभीर समय मे भी अपनी जिम्मेदारियों की खानापूर्ति कर रहे है।

उत्तराखंड एसटीएफ सक्रिय
रुड़की, हरिद्वार और कोटद्वार में दिल्ली स्पेशल सेल के छापों के बाद में अब राज्य एसटीएफ की टीम भी एक्टिव हो गई है। आरोपी रुड़की में रेमडिसिवीर नामक पेपर्स प्रिंटिंग कराकर दूसरे इंजेक्शन पर इसे चिपका देते थे और रेमेडिसवीर नामक इंजेक्शन बताकर बेच देते थे डीआईजी और प्रवक्ता नीलेश आनंद भरने ने बताया कि कुल 5 लोगों से जॉइंट इंट्रोगेशन चल रही है इंजेक्शन पर नाम का प्रिंट करने वाले फैक्टरी मालिक को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। डीआईजी नीलेश आनंद भरने ने बताया कि उत्तराखंड एसटीएफ और अधिक जानकारी जुटा रही है। 5 लोगों में से 2 उत्तराखंड के रुड़की हरिद्वार के निवासी है । दिल्ली स्पेशल सेल ने दो लोगों को पहले दिल्ली में अरेस्ट किया था इसके आधार पर स्पेशल सेल दिल्ली से उत्तराखंड आयी थी।

सिक्किम की है फर्म

दिल्ली में रेमेडेसिविर की किल्लत मचने के बाद से वहां पर नकली इंजेक्शन बेचने वाला गिरोह सक्रिय है। वहां सख्ती होने लगी तो इन लोगों ने उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में अपने गोरखधंधे को शिफ्ट कर दिया। इनके द्वारा किराए पर मकान लेने के बाद covipre के नाम की रेमिडीसीवीर कि हूबहू पैकिंग लायी गयी थी। यह गैंग सिक्किम की एक फर्म के नाम से यह इंजेक्शन बनाते थे। सिक्किम के ड्रग कंट्रोलर काफी पहले ही भारत के ड्रग कंट्रोलर को अवगत करा चुके हैं कि उनके यहां जिस कंपनी को रेमेडेसिवीर की अनुमति दी गयी थी, उसने वहां काम बंद कर दिया है। इसी कंपनी के रैपर बनाकर नकली इंजेक्शन देश के कई राज्यों में बनाए जा रहे हैं। इस बीच कुछ दिनों पहले हरिद्वार में ड्रग डिपार्टमेंट को जब नकली इंजेक्शन के बारे में जानकारी मिली तो यहां कार्रवाई भी की गई और दवा करोबरियो को भी निर्देशित किया गया कि वह इस नाम से आने वाले इंजेक्शन न लें। बता दें भारत भर में केवल 7 कंपनियों के पास ही रेमेडेसिविर बनाने की अनुमति है।

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