कोटा को विकास प्राधिकरण का झुनझुना, झालावाड़ बारा को 15 हजार करोड़ के पॉवर प्लांट

TISMedia@Kota राजस्थान सरकार ने एक बार फिर बजट घोषणाओं में कोटा के साथ छलावा किया। बुधवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा के लोगों को विकास प्राधिकरण का झुनझुना थमा दिया। जबकि पड़ोसी जिलों बारा और झालावाड़ को करीब 15 हजार करोड़ के पॉवर प्रोजेक्ट की सौगात दे डाली। इतना ही नहीं कोटा के नाम पर दो पुरानी घोषणाओं का फिर से ऐलान किया गया।
बजट घोषणा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बारां जिले के छबड़ा में स्थित थर्मल पॉवर प्लांट के विस्तार की घोषणा की। गहलोत ने छबड़ा थर्मल पॉवर प्लांट में 9 हजार 600 करोड़ रुपए की लागत से 660-660 मेगावाट की दो नई यूनिटें स्थापित करने की घोषणा की। इतना ही नहीं झालावाड़ के कालीसिंध पॉवर प्लांट को भी विस्तार की सौगात मिली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा के जरिए कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट में 800 मेगावाट की तीसरी इकाई स्थापित करने की घोषणा की। जिस पर करीब 5 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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कोटा थर्मल पॉवर प्लांट होगा बंद
कोटा में स्थित राजस्थान के सबसे पुराने थर्मल पॉवर प्लांट को वसुंधरा राजे के बाद अशोक गहलोत की भी अनदेखी का सामना करना पड़ रहा है। साल 1983 में स्थापित कोटा थर्मल पॉवर प्लांट की 110-110 मेगावाट क्षमता की पहली और दूसरी दो इकाइयां इस कदर उम्र दराज हो चुकी हैं कि उन पर बीते एक दशक से बंदी की तलवार लटकी है। जबकि देश में जब भी ऊर्जा संकट खड़ा होता है यही दोनों इकाइयां उससे उबारती हैं। इतना ही नहीं बाकी की 210 मेगावाट की तीन और 195 मेगावाट की दो इकाइयों को अपग्रेड करने के लिए किसी भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। पिछली बजट घोषणा में थर्मल पॉवर प्लांट की खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की घोषणा की गई थी। जो अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल सकी है। ऐसे में कोटा थर्मल पॉवर प्लांट अपग्रेड नहीं किया जाता तो उस पर बंदी के बादल मंडराते रहेंगे।
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केडीए का झुनझुना
कोटा में नगर विकास न्यास की स्थापना साल 1970 में हुई थी। जिसके बाद से लेकर हमेशा यूआईटी की कार्यशैली को लेकर विवाद होता रहा है। कामकाज के हालातों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यूआईटी तमाम आवासीय और व्यवसायिक योजनाएं विकसित करने के बाद उन्हें नगर निगम तक को नहीं सौंप सका है। ऐसे में जब यूआईटी सुचारू रूप से काम नहीं कर पा रही, गहलोत सरकार ने कोटा में विकास प्राधिकरण की स्थापना की घोषणा कर डाली। जिससे आम जन को कितना फायदा होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर्स की मौज आना तय है। इसके साथ ही कोटा में विज्ञान केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की गई है। जबकि झालावाड़ रोड पर पहले से ही विज्ञान केंद्र स्थापित है। इसके साथ ही बजट घोषणा में बॉटनीकल गार्डन का भी ऐलान किया गया है। विस्तार से बजट आने के बाद ही पता चलेगा कि यह भी कहीं किसी पुरानी योजना की नई घोषणा तो नहीं है।
कोटा के लिए हुई ये घोषणाएं
-संभाग मुख्यालय में माइक्रो इरिगेशन का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा
-लहसुन प्रोसिंग यूनिट पर अनुदान की घोषणा
-पूर्वी राजस्थान नहर निगम गठन की घोषणा , कोटा, बूंदी,बारां, झालावाड़ समेत 13 जिलों को फायदा मिलेगा,आगामी साल में साल 9600 करोड़ के काम होंगें
-सांगोद में उपतहसील खुलेगी
-कोटा में इंदिरा गांधी नॉलेज हब
-नगर निगम की 40 किलोमीटर सीमा में सड़कें रिपेयर होगी
-कोटा में नए मेडिकल इंस्टीट्यूट पर 250 करोड़ खर्च होंगे।
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