राजस्थानः कोरोना काल में विधायक निधि हुई दोगुनी, अब हर साल मिलेंगे 5 करोड़
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक कोष की राशि 5 करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने की स्वीकृति
- 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के निशुल्क टीकाकरण के लिए विधायक कोष से 600 करोड़ रूपए उपलब्ध कराने को मंजूरी
जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की अनुशंसा के आधार पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विकास के कार्य कराने के लिए दी जाने वाली राशि 2.25 करोड़ रूपए प्रति वर्ष से बढ़ाकर 5 करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। गहलोत ने वित्त वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (विधायक कोष) के तहत दी जाने वाली राशि बढ़ाकर 5 करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने की घोषणा की थी।
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वैक्सीन को देने होंगे 3 करोड़
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रत्येक विधायक के लिए दी जाने वाली 5 करोड़ रूपए की राशि में से 3 करोड़ रूपए राज्य में 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को निशुल्क कोविड वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसके लिए कुल 600 करोड़ रूपए की राशि राज्य स्तर से ही सीएम रिलीफ फण्ड के वैक्सीनेशन कोष अकाउंट में जमा कराई जाएगी। वित्तीय वर्ष 2020-21 के अनुसार ही विधायक कोष से 1 करोड़ रूपए विधानसभा क्षेत्र में चिकित्सा से जुड़े आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए उपकरण, भवन आदि की उपलब्धता अथवा आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की स्थापना के लिए विधायक की अनुशंसा के अनुसार उपयोग में लाई जाएगी।
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25 लाख रुपए का बांट सकेंगे खाना
इसके अतिरिक्त विधायक कोष में से वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 25 लाख रुपए की राशि का उपयोग प्रदेश में कोविड महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू कर्फ्यू, लॉकडाउन, जन अनुशासन पखवाड़ा आदि के दौरान जरूरतमंद तबके जैसे, गरीब, निराश्रित, असहाय, दिहाड़ी मजदूर आदि की आय कम होने अथवा नहीं होने के चलते सामाजिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए फूड पैकेट, भोजन सामग्री के वितरण आदि के लिए किया जाएगा। यह राशि राज्य स्तर से ही मुख्यमंत्री सहायता कोष-कोविड 19 राहत कोष में जमा कराई जाएगी तथा विधायक की अनुशंसा पर सम्बंधित जिला कलेक्टर को हस्तांतरित की जाएगी। विधायक कोष में शेष 75 लाख रूपए की राशि विधायक की अनुशंसा के अनुरूप स्थानीय विकास कार्यों के लिए उपयोग में लाई जा सकेगी। गहलोत ने प्रदेश में कोरोना की दूसरी घातक लहर से प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा करने के उद्देश्य से 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए निशुल्क टीकाकरण करने की घोषणा की थी। राज्य में इस आयु वर्ग के लोगों की संख्या अनुमानतः 3.75 करोड़ से 4 करोड़ के बीच है। प्रदेश में इस आयु के युवा वर्ग को निशुल्क वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में राज्य सरकार करीब 2 हजार 500 करोड़ रुपए व्यय करेगी।