उत्तर प्रदेश: जानलेवा हुआ पंचायत चुनाव, इलेक्शन ड्यूटी कर रहे 135 शिक्षकों की मौत
![135 teachers working in Uttar Pradesh's panchayat elections died due to corona infection](https://tismedia.in/wp-content/uploads/2021/04/tismedia.in-corona-virus_death_uttar-pradesh.jpg)
लखनऊ. कोरोना कहर के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव करने की योगी सरकार और चुनाव आयोग की जिद शिक्षकों की जान पर भारी पड़ गई। यूपी में इलेक्शन ड्यूटी कर रहे 135 शिक्षकों की कोरोना की चपटे में आकर मौत हो गई। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के खुलासे के बाद अब सूबे में हड़कंप मच गया है। फिलहाल संघ ने पीड़ित परिवारों को कोरोना वॉरियर्स मानते हुए 50 लाख की सहायता दिए जाने की मांग की है।
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भारी पड़े चुनाव
कोरोना के कहर के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। हालात यह हैं कि एक तरफ तो पूरे प्रदेश में लोगों को कोरोना संक्रमण की वजह से दवाएं और अस्पतालों में इलाज तक नहीं मिल रहा, लेकिन प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग चुनावों को टालने के बजाय सरकारी कर्मचारियों की जबरन इलेक्शन ड्यूटी लगाने पर तुला है। इनकार करने पर इन लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए जा रहे हैं। जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा प्रदेश के शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश में पंचायत चुनाव से संबंधित ड्यूटी करने वाले 135 शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की अब तक मृत्यु हो चुकी है।
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22 जिलों में शिक्षकों की मौत
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्र ने बताया कि चुनाव प्रशिक्षण व ड्यूटी के बाद अब तक प्रतापगढ़ में 12 शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ साथ हरदोई व लखीमपुर में 10-10, बुलंदशहर, हाथरस, सीतापुर, शाहजहांपुर में 8-8, भदोही व लखनऊ में 7-7, सोनभद्र, गाजियाबाद व गोंडा में 6-6, कुशीनगर, जौनपुर, देवरिया, महाराजगंज व मथुरा में 5-5, गोरखपुर, बहराइच,उन्नाव व बलरामपुर में 4-4 तथा श्रावस्ती में तीन शिक्षक, शिक्षा मित्र या अनुदेशक की आकस्मिक मृत्यु हो चुकी है। वीरेंद्र मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि चुनावों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिसके चलते चुनाव से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक व सुरक्षाकर्मी प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं और अनगिनत मौतों के साथ जनमानस सहमा हुआ है। कोविड-19 की भयंकर महामारी के बीच करवाए जा रहे पंचायत चुनाव स्थगित किए जाएं। ताकि, इन लोगों की जान बचाई जा सके।
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भारी पड़ी अनदेखी
उन्होंने कहा कि महासंघ ने चुनाव से पहले शिक्षकों के टीकाकरण की मांग की थी। गृह मंत्रालय ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में पोलिंग पार्टियों का टीकाकरण करने की अनुमति दे दी थी। इस आदेश के आधार पर प्रदेश में भी पंचायत चुनाव की पोलिंग पार्टियों का टीकाकरण किया जा सकता था, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।