पूनावाला का झूठः सीरम को 11 करोड़ डोज के लिए सरकार ने एडवांस दिए थे 1732 करोड़ रुपए

बड़ा सवालः इतनी बड़ी रकम एडवांस मिलने के बाद भी क्यों देश छोड़कर भागा पूनावाला, क्यों बोला झूठ

कोरोना वैक्सीन का नया ऑर्डर ना देने की खबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया गलत
कहा- सीरम को दिए 1732 करोड़ रुपये दिए थे एडवांस, राज्यों ने भी दी एडवांस रकम

नई दिल्ली. कोरोना वैक्सीन के लिए कोई नया ऑर्डर न दिए जाने की खबर झूठी निकली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक आदार पूनावाला के हवाले से चलाई गई इन खबरों को पूरी तरह निराधार बताते हुए बकायदा ऑर्डर के आंकड़े जारी किए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को मई, जून और जुलाई में कोविशील्ड वैक्सीन की 11 करोड़ डोज की डिलीवरी के लिए पूरे 1732.50 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। वह भी एडवांस में। इसके बाद भी पूनावाला देश छोड़कर क्यों भागा और लंदन जाने के बाद उसने झूठे बयान क्यों दिए इसे लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ पूनावाला ने कहा था कि वैक्सीन की कमी के लिए सरकार जिम्मेदार है, न कि कंपनियां। उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी किए गए अपने बयान में कहा था कि ‘हमने प्रोडक्शन इसलिए नहीं बढ़ाई क्योंकि हमें उस हिसाब से ऑर्डर नहीं मिले थे। हमने यह नहीं सोचा था कि हमें एक साल में 100 करोड़ डोज तैयार करनी होगी।’

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केंद्र ने दावे की निकाली हवा
पूनावाला का बयान सामने आते ही भारतीय मीडिया संस्थानों ने खबरें चलाना शुरू कर दिया। जिसके बाद केंद्र सरकार को खुलकर सामने आना पड़ा। केंद्र सरकार ने इन खबरों का खंडन करते हुए बयान जारी किया है कि केंद्र सरकार ने मार्च के बाद दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों को कोई नया ऑर्डर नहीं दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये खबरें बेबुनियाद और गलत हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि मार्च 2021 में केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 100 मिलियन डोज और भारत बायोटेक को 20 मिलियन डोज का ऑर्डर दिया था, जिसके बाद कोई और नया ऑर्डर नहीं दिया गया।

सरकार ने अपने बयान में कहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट को 11 करोड़ डोज के लिए 1732.50 करोड़ रूपये का एडवांस पेमेंट कर दिया गया है। जिसकी डिलीवरी उन्हें मई, जून और जुलाई के महीने में करनी है। सीरम ने पिछले 10 करोड़ डोज में से 8.74 करोड़ डोज सरकार को सौंप दिए हैं। इसी तरह से भारत बायोटेक को 5 करोड़ वैक्सीन के डोज के लिए 787 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है, जिसकी डोज मई, जून और जुलाई के महीने में उपलब्ध होगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन की 10 करोड़ डोज के पिछले ऑर्डर के बदले 3 मई तक केवल 8.74 करोड़ डोज ही उपलब्ध कराई गई है। मंत्रालय ने बताया कि सीरम के अलावा अलावा भारत बायोटेक को मई, जून और जुलाई में कोवैक्सीन की 5 करोड़ डोज की डिलीवरी के लिए 787.50 करोड़ रुपये का 100% एडवांस दिया जा चुका है।

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वैक्सीन की कमी के लिए जिम्मेदार कौन?
केंद्र की ओर से जारी बयान में यह भी बताया गया है कि सरकार ने 2 मई तक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को 16.54 करोड़ वैक्सीन के डोज दिए हैं। आधिकारिक बयान के मुताबिक राज्यों के पास अभी भी 78 लाख डोज बचे हुए हैं। अगले 3 दिन में केंद्रशासित प्रदेशों और राज्य सरकारों को 56 लाख और खुराक उपलब्ध कराई जाएगी। भारत सरकार आगे भी वैक्सीन निर्माता कंपनियों से उत्पादन का 50 प्रतिशत खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त उपलब्ध कराएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वैक्सीन की कमी के लिए कौन जिम्मेदार है? कहीं यह कमी महज दिखाने भर की तो नहीं? वहीं केंद्र के दावों के बाद अब वैक्सीन को लेकर सियासत और भी ज्यादा गर्मा चुकी है। लेकिन, पूनावाला के बयान के बाद छिड़ी जुबानी जंग और आरोप प्रत्यारोप का दौर तीखा होता नजर आ रहा है।

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