JEE Mains Exams 2021 पेपर लीक, 15 लाख में एडमिशन की गारंटी, रिमोट एक्सेस से हुआ पेपर सॉल्व
25 लैपटॉप, 7 पीसी, लगभग 30 पोस्ट-डेटेड चेक के साथ-साथ भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद
- एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर
- जेईई-मेन परीक्षा में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद 6 राज्यों के 20 ठिकानों पर सीबीआई ने मारा छापा
TISMedia@NewsDelhi. जेईई-मेन संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2021 (JEE Mains Exams 2021) में फर्जीवाड़े से पेपर सॉल्व कराने के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 6 राज्यों में फैले 20 ठिकानों पर छापेमारी की। नामचीन इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में पेपर आउट कर एडमिशन की गारंटी देने वाली इस एजुकेशन कन्सलेंसी के ठिकानों से सीबीआई ने 25 लैपटॉप, 7 पीसी, लगभग 30 पोस्ट-डेटेड चेक के साथ-साथ भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि एफिनिटी एजुकेशन के निदेशकों, स्टाफ और दलालों के खिलाफ जेईई (मेन्स) परीक्षा 2021 के आखिरी चरण में हाईटेक तरीके से पेपर सॉल्व कराने का मामला दर्ज किया गया है। परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के आरोप में सीबीआई ने एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय सहित कई अज्ञात लोगों के खिलाफ 01 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई थी।
6 राज्यों के 20 ठिकानों पर छापा
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एफिनिटी एजुकेशन के नोएडा और दिल्ली स्थित दफ्तरों के साथ-साथ इंदौर, पुणे, बैंगलोर और जमशेदपुर सहित देश भर में फैले 20 ठिकानों पर गुरुवार को एक साथ छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान 25 लैपटॉप, 7 पीसी और 30 से ज्यादा पोस्ट डेटेड चेक के साथ-साथ भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। जोशी ने बताया कि सीबीआई का सर्च ऑपरेशन अभी जारी है। इस मामले में अभी कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और उनसे जुड़े ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
15 लाख में एडमिशन की गारंटी
जोशी ने बताया कि छापेमारी के बाद अभी तक चले तलाशी अभियान में खुलासा हुआ है कि एफिनिटी एजुकेशन के निदेशक एक कंसल्टेंसी फर्म चलाते हैं। जो देश के नामचीन इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ विदेशी संस्थाओं में भी दाखिले की गारंटी देते हैं। एक दाखिले की एवज में 12 से 15 लाख रुपए तक की वसूली की जाती है। फिलहाल एफिनिटी पर आरोप है कि जेईई (मेन्स) की ऑनलाइन परीक्षा में हेराफेरी कर रहे थे और छात्रों को बड़ी रकम के बदले टॉप एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में प्रवेश दिलाने के लिए रिमोट एक्सेस के जरिए सोनीपत (हरियाणा) में एक चुने हुए परीक्षा केंद्र से आवेदक का प्रश्न पत्र हल कर रहे थे। आरोपी सिक्योरिटी के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में इच्छुक छात्रों से उनकी दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट, यूजर आईडी, पासवर्ड और पोस्ट-डेटेड चेक लेते थे। जिसे पूरी रकम चुकाने के बाद ही वापस किया जाता था।
सोनीपत में परीक्षा, नोएडा से पेपर सॉल्व
सीबीआई प्रवक्ता जेशी ने बताया कि जेईई परीक्षा में धांधली के लिए एफिनिटी एजुकेशन के डायरेक्टर और स्टाफ ने पेपर सॉल्व करने के लिए बेहद लेटेस्ट और हाईटेक सिस्टम इस्तेमाल किया था। नोएडा में बैठे एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने जेईई मेन में अच्छी रैंकिंग दिलाने के लिए सबसे पहले देश भर में अपने एजेंट फैलाए। इन लोगों ने उन बच्चों को टार्गेट किया था जो अभी तक की परीक्षाओं में बूरी तरह से पिछड रहे थे। यह एजेंट जेईई मेन में कम रैंकिंग वाले उम्मीदवारों से संपर्क कर उन्हें बेहतर रैंक और टॉप संस्थान में एडमिशन देने की गारंटी देते और इसके लिए बकायता 15 लाख रुपए के पोस्ट डेटिड चैक लिए जाते। चैक मिलने के बाद यह एजेंट उन बच्चों का एग्जाम सेंटर सोनीपत में भरवाते। सोनीपत स्थित परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों से एफिनिटी के स्टाफ ने तगड़ी सैटिंग कर ली थी। परीक्षा सेंटर पर मौजूद ड्यूटी अफसर की मदद से परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों के कंप्यूटर का रिमोर्ट एक्सिस लिया जाता और सोनीपत में बैठे इन बच्चों का प्रश्न पत्र नोएडा समेत देश भर में हजारों किलोमीटर दूर बैठे एक्सपर्ट सॉल्व करते।