घर के अंदर पड़ी थी 4 मासूम बच्चों की लाश, बाहर पिता का शव पेड पर लटका मिला
एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत, पुलिस जुटी जांच में
बांसवाड़ा. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में एक ही परिवार के पांच लोगों की लाश मिलने से पूरे सूबे में सनसनी फैल गई। घटना कुशलगढ़ थाना क्षेत्र के डूंगलापानी गांव की है। जहां ग्रामीणों को सुबह करीब सात बजे 40 वर्षीय बाबूलाल शव उसके घर के सामने पेड़ से लटका मिला। किसी अनहोनी की आशंका के चलते लोग जब उसके घर में घुसे तो उन्हें बाबू के चारों बेटों गणेश (2), विक्रम (4), मांगीलाल (6) और राकेश (8) की लाश बिस्तर में पड़ी मिली।
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तार जैसी चीज से घोंटे गए बच्चों के गले
घटना की जानकारी मिलते ही कुशलगढ़ पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंच गई। जांच में सामने आया कि बच्चों की हत्या किसी तार जैसी चीज से गला घोंटकर की गई है। जबकि बाबूलाल की मौत फांसी लगने के कारण हुई। पुलिस ने बाबूलाल के पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन उन्हें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
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थर्राया गांव
बाबूलाल को पेड़ पर लटका देखने के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जब वह बाबूलाल के घर में घुसे तो पहली मर्तबा बच्चों को देखकर लगा कि वह अभी सो रहे हैं। जब लोगों ने बच्चों को जगाने की कोशिश की तब जाकर पता चला कि उनकी भी मौत हो चुकी है। मासूम बच्चों की हत्या की खबर फैलते ही पूरा इलाका थर्रा उठा।
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पत्नी को निकाल दिया था घर से
कुशलगढ़ थानाधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि ग्रामीणों से पूछताछ के बाद सामने आया है कि बाबू शराब पीने का आदी था। इस बात को लेकर उसका पत्नी से अक्सर झगड़ा होता था। यहां तक कि वह उसके साथ मारपीट भी करता था। करीब 8-10 दिन पहले झगड़ा होने के बाद बाबूलाल ने पत्नी को घर से निकाल दिया था। फिलहाल वह गुजरात में मजदूरी कर रही है। पूछताछ के लिए उसे बुलाया गया है।
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हत्या या आत्महत्या!
कुशलगढ़ थानाधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। जांच में अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि मामला हत्या या आत्महत्या का है। हालांकि आशंका जाहिर की जा रही है कि बच्चों की हत्या करने के बाद बाबूलाल ने आत्महत्या तो नहीं कर ली। गांव के सरपंच पारसिंह ने बताया कि बाबू के पिता का निधन हो चुका है। मां पहले बाबू के साथ ही रहती थीं, लेकिन उसकी मारपीट से तंग आकर रिश्तेदारों के पास रहने चली गईं। जबकि पत्नी को कुछ दिनों पहले ही उसने घर से निकाल दिया था। सरपंच का कहना है कि बाबू के परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं थी, न ही कोई विवाद था।