Agnipath Scheme Protest: आप जानते हैं क्या है अग्निपथ योजना, जिसकी वजह से मचा है देश भर में बवाल

TISMedia@Kota. सेना भर्ती के नए प्रारूप अग्निपथ को लेकर देश भर के बेरोजगार आक्रोशित हैं। दिल्ली से लेकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार तक में केंद्र सरकार की इस नई योजना के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हो रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर अग्निपथ योजना है क्या? केंद्र सरकार ने इसमें क्या प्रावधान किए हैं और किस तरह पूरी योजना काम करेगी। यदि नहीं तो TIS Media आपको बता रहा है पूरी योजना की बारीकियांः-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (Cabinet Committee On Security) यानि सीसीएस (CCS) ने हरी झंडी दे दी है। मंगलवार को हुई सीसीएस (CCS) की मीटिंग के फैसले को खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और रक्षा सचिव (Secretary of Defense) सहित सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने मीडिया के सामने पेश किया। इस प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि अगले 90 दिनों में देश के अग्निवीरों की भर्तियां सेना में शुरु हो जाएंगी।

चार साल के लिए होगी सैनिकों की भर्ती
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया को अग्निपथ योजना के बारे में बताते हुए कहा कि भारतीय सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दिशा में आज सीसीएस ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना को एक ट्रांसफॉर्मेटिव योजना बताया जो सशस्त्र सेनाओं यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना में बड़े बदलाव लेकर आएगी जिसके चलते सेनाएं पूरी तरह आधुनिक और बेहद ही सुसज्जित बन जाएंगी। इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स यानी डीएमए के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निपथ योजना का एक प्रेजेंटेशन पेश किया। उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना में चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी और उनको ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।

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इस साल होगी 46 हजार भर्तियां 
‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा।

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सेवानिधि पैकेज क्या है?
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी। चार साल में उसकी कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। वहीं सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी। नौकरी पूरी होने के बाद उसे ये रकम ब्याज सहित मिलेगी। जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी। ये रकम टैक्स फ्री होगी।

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सहूलियतों का वायदा 
सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा।

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अग्निपथ रिक्रूटमेंट योजना की ये हैं 10 बड़ी बातें…
1. सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी. इन चार साल के दौरान उन्हें अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा.
2.  चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्नि वीरों की सेवाएं आगे बढ़ाई जाएंगी. बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा.
3. चार साल की नौकरी में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी. साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र वाले अग्निवीर के लिए योग्य होंगे.
4. थलसेना और नौसेना में महिलाओं को भी अग्निवीर बनने का मौका मिलेगा.
5. अग्निवीरों को 4.76 लाख का सालाना सैलेरी पैकेज मिलेगा यानी हर महीने करीब 30 हजार. चौथे वर्ष तक ये पैकेज 6.92 लाख हो जाएगा. इसके अलावा सियाचिन जैसे इलाकों के लिए रिस्क एंड हार्डशिप अलाउंस भी मिलेगा.
6. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी. इस राशि को सेवा निधि पैकेज नाम दिया गया है. इसके तहत रिटायरमेंट के बाद 11.7 लाख की राशि मिलेगी. ये सेवा निधि पैकेज अग्निवीर की सैलरी का 30 प्रतिशत और इतना ही सरकार का योगदान के साथ मिलकर बनाया गया है. ये सेवा निधि पैकेज पूरी तरह से आयकर मुक्त होगी.
7. सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि मिलेगी. साथ ही अग्निवीर की बची हुई सेवा की सैलरी भी परिवार को मिलेगी.
8. अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान अपंग हो जाता है तो उसे 44 लाख की राशि दी जाएगी और बाकी बची सेवा की सैलरी भी मिलेगी.
9. खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजिमेंट में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. दरअसल, सेना में इन्फेंट्री रेजीमेंट अंग्रेजों के समय से बनी हुई हैं जैसे सिख, जाट, राजपूत, गोरखा, डोगरा, कुमाऊं, गढ़वाल, बिहार, नागा, राजपूताना-राईफल्स (राजरिफ), जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जैकलाई), जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जैकरिफ) इत्यादि. ये सभी रेजीमेंट जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर तैयार की जाती हैं.
द गार्ड्स आजादी के बाद मात्र एक ऐसी रेजीमेंट है जो ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर खड़ी की गई थी. लेकिन अब अग्निवीर योजना में माना जा रहा है कि सेना की सभी रेजीमेंट ऑल इंडिया ऑल क्लास पर आधारित होंगी. यानि देश का कोई भी नौजवान किसी भी रेजीमेंट  के लिए आवेदन कर सकेगा. आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में ये एक बड़ा डिफेंस रिफॉर्म माना जा रहा है.
10. अग्निपथ योजना के तहत अगले 90 दिनों के भीतर थल सेना की पहली रिक्रूटमेंट रैली आयोजित कर ली जाएगी. इस योजना के तहत पहले साल में थल सेना के लिए 40 हजार अग्नि वीरों की भर्ती की जाएगी. वायुसेना के लिए 3500 अग्निवीर और नौसेना के लिए 3000 अग्नि वीरों की भर्ती होगी.

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