लोकसभाः व्यवधान और हंगामे के बाद भी रही 114 फीसदी उत्पादकता

फिर दिखा लोकसभा अध्यक्ष बिरला का कुशल नेतृत्व, बजट सत्र में पारित हुए18 विधेयक

नई दिल्ली. लोकसभा का बजट सत्र गुरूवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। व्यवधान और हंगामे के बीच भी बजट सत्र की उत्पादकता 114 प्रतिशत रही। सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का कुशल नेतृत्व अनेक अवसरों पर दिखा, जिसकी वजह से न सिर्फ नष्ट हुए समय की भरपाई हो सकी बल्कि सदन की कार्यवाही निर्धारित अवधि से 48 घंटे 23 मिनट अधिक चली।

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देर रात तक चली कार्यवाही 
सत्रहवीं लोक सभा का पांचवा सत्र, 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आरम्भ हुआ था। दो भागों में विभाजित इस सत्र का पहला सत्र 13 फरवरी तक चला। लेकिन इस भाग का पहला सप्ताह विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन सुचारू रूप से चले इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रयास किए। बिरला की कोशिशों से सरकार तथा विपक्ष में सहमति बनी। उसके बाद बिरला ने देर रात तक कार्यवाही का संचालन किया तथा नष्ट हुए समय की भरपाई करते हुए उत्पादकता को 99.5 प्रतिशत तक पहुंचाया।

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हुआ लाजवाब काम 
बजट सत्र का दूसरा भाग 8 मार्च से प्रारंभ हुआ। इस बार भी पहले सप्ताह में विपक्ष ने कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न किया। हंगामे और गतिरोध के बीच इस बार भी लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने संकटमोचक बनते हुए सरकार और विपक्ष को एक मंच पर लाने में कामयाब हुए। इसके बाद एक बार पुनः सदन की कार्यवाही ने गति पकड़ी और दूसरे भाग के समाप्त होते-होते उत्पादकता 114 प्रतिशत हो गई। बजट सत्र के दौरान 17 विधेयक पुरःस्थापित किए गए जबकि 18 विधेयकों को विस्तृत चर्चा के बाद पास किया गया।

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जीरो ऑवर के हीरो बने लोकसभा अध्यक्ष
सत्र के दौरान अनेक अवसरों पर सदन ने देर रात तक बैठक की। प्रथम भाग में अलग-अलग अवसरों पर सदन की कार्यवाही देर रात 12 बजे या उसके बाद तक चली। सत्र के पहले भाग में सबसे अधिक उत्पादकता 9 फरवरी को 180 प्रतिशत जबकि दूसरे भाग में 16 मार्च को 203 प्रतिशत रिकाॅर्ड की गई। जीरो आवर के हीरो बन चुके लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बार भी अधिक से अधिक सदस्यों को शून्यकाल में बोलने का अवसर देने की अपनी पहल को जारी रखा। बजट सत्र के दौरान निर्धारित 440 सदस्यों के स्थान पर इस बार 543 सदस्यों ने अविलंबनीय लोक महत्व के मुद्दों पर शून्य काल के दौरान सरकार का ध्यान आकर्षित किया। 24 मार्च को सर्वाधिक 92 सदस्यों को शून्यकाल में बोलने का अवसर मिला। 78 महिला सांसदों में से 44 सांसदों ने जीरो आवर में अपनी बात रखी।

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17वीं लोकसभा में कुल 122 प्रतिशत उत्पादकता
उत्पादकता के मामले में 17वीं लोकसभा ओम बिरला के नेतृत्व में नए रिकाॅर्ड बना रही है। अब तक आयोजित 5 सत्रों में लोकसभा की कुल उत्पादकता 122 प्रतिशत रही है। पहले सत्र में उत्पादकता 125 प्रतिशत, दूसरे में 115, तीसरे में 95, चैथे में लोकसभा इतिहास की सर्वाधिक 167 प्रतिशत तथा पांचवे में 114 प्रतिशत रही है। 17वीं लोकसभा के 5 में से चार सत्रों में उत्पादकता 100 प्रतिशत से अधिक रही है।

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बजट पर 10 की जगह पौने 15 घंटे चर्चा
सत्र के दौरान केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया गया। केंद्रीय बजट पर चर्चा के लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया था। परन्तु अधिक से अधिक सदस्य बजट पर अपना अभिमत रख सकें, इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने चर्चा को 14 घंटे 42 मिनट तक जारी रखा। राष्ट्रपति अभिभाषण पर भी निर्धारित 10 घंटे की जगह लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने 16 घंटे 39 मिनट चर्चा का अवसर दिया।

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महिला दिवस पर अनूठी पहल
एक अनूठी पहल करते हुए लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संसद भवन परिसर में महिला सांसदों और महिला पत्रकारों के साथ मुलाकात की । इस अवसर पर केंद्रीय वित्त और कारपोरेट कार्य मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण तथा केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा वस्त्र मंत्री, श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी भी मौजूद थीं । इसके बाद श्री बिरला ने लोक सभा सचिवालय की महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मुलाकात की तथा सभा के निर्विघ्न संचालन में उनके योगदान की सराहना की।

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