डॉ. जिंदल के साथ आया आईएमए, गैर इरादतन हत्या का मुकदमा वापस लेने की मांग
आईएमए अध्यक्ष बोलेः कोटा हार्ट के श्रीजी अस्पताल में हुई घटना से डॉ. जिंदल का कोई सम्बंध नहीं
- अस्पताल प्रबंधन पर लगाए मुकदमें वापस लिए जाएं : डॉ. संजय जायसवाल
- आईएमए ने पुलिस अधीक्षक को दिया ज्ञापन, चिकित्सक पर की गई कार्रवाई का किया कडा विरोध
कोटा. रेमडेसिवीर इंजेक्शन की चोरी और पानी वाला इंजेक्शन लगाने से मरीज की मौत के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की कोटा इकाई ने श्रीजी अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों के खिलाफ दर्ज कराए गए गैर इरादतन हत्या के मामले को वापस लेने की मांग की। आईएमए की कोटा और राजस्थान इकाई के अध्यक्षों ने पुलिस अधीक्षक विकास पाठक को ज्ञापन सौंपा। जिसमें अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों को घटना से अनिभिज्ञ बताते हुए निर्दोष करार दिया गया है।
एसपी सिटी विकास पाठक को ज्ञापन देने गए आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा व आईएमए कोटा चेप्टर के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि पिछले एक माह से कोरोना की महामारी विकराल रूप धारण कर चुकी है एवं कोटा का जिला प्रशासन, चिकित्सा प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन दिन रात एक कर रोगियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने एवं संबल देने का प्रयास कर रहा है, लेकिन जिस तरह से पुलिस प्रशासन द्वारा चिकित्सक पर मुकदमें दर्ज किए गए हैं, आईएमए उसकी कठोर निंदा करता है।
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जिम्मेदार के खिलाफ हो सख्त कार्यवाही
आईएमए कोटा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि कोटा के सभी निजी चिकित्सक, चिकित्सालय एवं राजकीय चिकित्सालय सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर चिकित्सा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अपेक्षा से अधिक रोगियों के आने से सरकारी एवं निजी चिकित्सा तंत्र सभी रोगियों को एक साथ इलाज मुहैया करवाने में विफल हो गया था, सिस्टम की गलतियां निकालना काफी सरल काम होता है परन्तु धरातल पर रहकर कार्य करना कठीन है। कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट में जो घटना हुई है इसका अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश जिंदल से कोई भी सीधा सम्बन्ध नहीं है, एवं अस्पताल प्रशासन इस कठिन समय में भी रोगियों को जीवनदान देने का पूर्ण प्रयास कर रहा है। रोगियों को किस प्रकार बचाया जा सके, इसके लिए निरंतर मोनिटरिंग का काम स्वयं डॉ. राकेश जिंदल एवं उनकी टीम 24 घंटे कर रही है। डॉ. जायसवाल ने कहा की डॉ. राकेश जिंदल के विरुद्ध दर्ज झूंठे मुकदमे को जांच के परिणाम आने तक वापस लिया जाए। इस प्रकरण में जो कर्मचारी लिप्त है, उनके खिलाफ पुलिस जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए एवं कठोरतम सजा दिलवाई जाए।
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मुकदमा वापस नहीं लिया तो हड़ताल
डॉ. जायसवाल ने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में जबकि सरकारी अस्पतालों ने भी रोगियों को भर्ती कर इलाज से मना कर दिया था तब सभी निजी चिकित्सक एवं चिकित्सालयों ने प्रशासन के साथ आकर पूरी तत्परता से कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। बावजूद इसके डॉ. जिंदल को झूठे मामले में फंसाकर निजी चिकित्सकों एवं चिकित्सालयों का हौसला तोड़ने की कोशिश की जा रही है। आईएमए उसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है एवं यदि यह मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो कोटा के समस्त निजी चिकित्सक एवं चिकित्सालय कोरोना के रोगियों का इलाज करने में असमर्थ रहेंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी कोटा जिला प्रशासन की रहेगी। आईएमए सचिव अमित व्यास ने कहा कि इस संकट की घड़ी में हम सभी आपके साथ खड़े होने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन चिकित्सकों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से उनका मनोबल टूटेगा और चिकित्सक उपचार करने में भयभीत महसूस करेंगे। इस प्रकरण में जो भी लिप्त है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए ना की अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई हो, अस्पताल प्रशासन का इस प्रकरण से कोई सीधा सम्बंध नहीं है। इस दौरान डॉ. राकेश जिंदल, डॉ. बीएल गोचर, डॉ. राहुल अरोडा, डॉ. साकेत गोयल सहित कई चिकित्सक उपस्थित रहे।