सड़कों पर उतरे कोटा यूनिवर्सिटी के कर्मचारी, कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे
TISMedia@Kota. कोटा यूनिवर्सिटी में कार्यरत अशैक्षणिक कर्मचारी संघ विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन पर उतर आया है। कर्मचारियों ने मंगलवार को कार्य का बहिष्कार कर विश्वविद्यालय परिसर में धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही मांगे पूरी नहीं की गई तो 23 जनवरी को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह का बहिष्कार कर दिया जाएगा।
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कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गिरीश बोहरा ने बताया कोटा यूनिवर्सिटी के लगभग 100 कर्मचारी मानदेय भुगतान, हाउस लोन व बीमा कटौती को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसके बावजूद उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। 2016 से कर्मचारियों के मानदेय भुगतान नहीं किया गया जबकि अन्य विश्वविद्यालयों में कर दिया गया है। कोटा यूनिवर्सिटी में 2011 तक हाउस लोन दिया जाता था। इसके बाद से बंद कर दिया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन , कर्मचारियों की मांगों को लेकर गम्भीर नहीं है। मजबूरन कार्य बहिष्कार करना पड़ा। जब तक मांगे पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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यह है मांगे
– विवि परीक्षा व अन्य कार्यों के लिए वर्ष 2016 से 2019 तक का मानदेय बकाया चल रहा है, जिसका भुगतान किया जाए।
– कार्मिक प्रबंध मंडल के निर्णयानुसार परीक्षा गोपनीय विभाग के अतिरिक्त कार्य कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें हार्ड ड्यूटी अलाउंस दिया जाए।
– विवि कार्मिकों का चुनाव समाप्त होने के बाद भी चुनाव संबंधी कार्यों के नाम पर लम्बी अविध के लिए बीएलओ के कार्यों, सहायह कर्मचारी के कार्यों के लिए निर्वाचय कार्यालय में पदस्थापित किया जा रहा है। इसे मुक्त रखा जाए।
– विवि के नियमित कार्मिकों की राज्य बीमा की कटौती किया जाना चाहिए।
– विवि के कार्मिकों को भवन निर्माण ऋण व वाहन ऋण की सुविधा दिया जाना प्रस्तावित है, जो अब तक नहीं दी जा रही।
– अशैक्षणिक कर्मचारी संघ के लिए एक अलग से कक्ष दिया जाए।