कैंडल मार्च : सड़कों पर उतरे फनकार, बोले-कर्मभूमि है कलादीर्घा, बर्बाद नहीं होने देंगे

TISMedia@Kota.  कलादीर्घा के सामने निजी बस स्टैंड बनाए जाने के विरोध में बुधवार को कलाकारों ने कैंडल मार्च निकाला। शाम 6.30 बजे बड़ी संख्या में कला संगठनों से जुड़े लोग कलादीर्घा के सामने एकत्रित हुए। इसके बाद बड़ तिराहे तक कैंडल मार्च निकाल सरकार से कलादीर्घा बचाने की गुहार लगाई। मार्च में करीब 100 से ज्यादा लोग शामिल थे। रंगकर्मी राजेश विलायत राय व निधि प्रजापति ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा। जब तक प्रस्तावित बस अड्डा का निर्माण बंद नहीं किया जाता। कलादीर्घा कलाकारों की कर्मभूमि है, जिसका सुकून बर्बाद नहीं होने देंगे।

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चित्रकार डॉ. मुक्ति पारासर, साहित्यकार अंबिका दत्त चतुर्वेदी ने कहा कि छत्रविलास उद्यान हाड़ौती का सबसे बड़ा उद्यान हैं। शहरवासियों के लिए ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्त्रोत है। यहां सुबह-शाम बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं। सौंदर्यीकरण व खूबसूरती से यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां बस स्टैंड बनाए जाने से शांत माहौल अशांत हो जाएगा।

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लाइफ प्रमोटर जेड एच जैदी, पर्यावरण एक्टिविस्ट ब्रजेश विजयवर्गीय ने कहा कि कलादीर्घा कलाकारों के लिए कर्मभूमि है। यहां सभी विधाओं के कलाकारों को अपना प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है। यह शांत और पर्यावरण से शुद्ध जगह है। ऐसे में कलादीर्घा के सामने निजी बस स्टैंड बनाना कलाकारों पर कुठाराघात करना है। बसों के शोर-शराबे से कलाकारों की एकाग्रता भंग होगी। टिस मीडिया के विकास पाठक, चेतन सोनी, तनमय कपूर, वीएस तोमर, तपेश्वर, अभिषेक गर्ग सहित कई कलाकारों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से कलादीर्घा के सामने प्रस्तावित बंद अड्डे को रद्द करने की मांग की।

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इन संगठनों ने निभाई भागीदारी

कैंडल मार्च में शहर के प्रमुख संगठनों ने भागीदारी निभाई। जिसमें रंगकर्मी एकता संघ, स्पीक मैके, पैराफिन ग्रुप, कलादीर्घा संघर्ष समिति, विकल्प जन सांस्कृतिक मंच, मेवाड़ ओसवाल संस्था,सोसाइटी हैस ईव-शी,हाड़ौती अर्टिशियन सोसाइटी, गायत्री परिवार, जल बिरादरी कोटा, स्मृति वन समिति, एनवायर्नमेंटल सैनिटेशन सोसाइटी, बाघ मित्र, कोटा डेवेलपमेंट फोरम, द इनसाइड स्टोरी, कोटा स्कूल ऑफ ड्रामा, सुभाष कला संगम, त्रिनेत्र कला अकादमी सहित, अनेक संस्थाएं  प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कलादीर्घा के संघर्ष में शामिल रहे।

 

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