चारा घोटालाः 139.35 करोड़ रुपये के घोटाले में लालू यादव दोषी करार
रांची की सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला, डोरंडा कोषागार से जुड़ा है मामला
- सीबीआई ने दर्ज किए थे 5 मामले, सभी में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को माना दोषी mi sitio
TISMedia@Ranchi बहुचर्चित चारा घोटाला में झारखंड के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहरा दिया है। हालांकि अभी सजा का एलान नहीं किया गया है। अगर तीन साल से अधिक की सजा होती है तो फिर जमानत नहीं मिल पाएगी। अगर सजा तीन साल से कम की होती है तो जमानत की संभावना बन जाएगी।
सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने मामले में छह महिलाओं समेत 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। दोषी करार दिए जाने के बाद सजा पर बिंदुवार बहस चल रही है। कोर्ट ने 34 आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। लालू प्रसाद यादव सहित 41 आरोपियों की सजा पर फैसला 21 फरवरी को आएगा। गौरतलब है कि करोड़ों रुपयों के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में लालू यादव को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को अब तक करोड़ों रुपये के चारा घोटाले से जुड़े पांचों मामलों में दोषी पाया गया है। डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी के पांचवे मामले में कोर्ट ने लालू सहित 99 लोगों को आरोपी बनाया था। लालू फिलहाल इस मामले में जमानत पर थे। सीबीआई ने डोरंडा ट्रेजरी घोटाले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। जिसमें पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ढोने की कहानी शामिल है। मामला 1990-92 के बीच का है।
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ऐसे लिखी फर्जीवाड़े की कहानी
डोरंडा ट्रेजरी मामले में अफसरों और नेताओं ने फर्जीवाड़ा की नई इबारत ही लिख दी थी। इस मामले में 400 सांड़ों को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया। यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले। सीबीआई ने जांच में पाया कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था।