राष्ट्र के नाम पीएम मोदी ने किया संबोधन, केंद्र सरकार की तरफ से 21 जून से होगा सभी का फ्री वैक्सीनेशन

TISMedia@दिल्ली. आज प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को फिर सम्बोधित किया। शाम 5 बजे उनका सम्बोधन शुरू हुआ। उन्होंने जो बड़ी बातें कही हैं उनमे से यह कुछ बातें प्रमुख हैं-

  • कोरोना की दूसरी वेव के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है। भारत भी इस लड़ाई को लड़ रहा है जैसे दुनिया लड़ रही है। हम में से कई लोगों ने अपने करीबियों को खोया हैं। ऐसे सभी परिवार वालो को मेरी
  • 100 वर्षो में आई यह सबसे बड़ी महामारी है। ऐसी महामारी आधुनिक विश्व में कभी नहीं देखि गई थी। अस्पताल बनाने से लेकर ICU की संख्या बढ़ानी हो,वेंटीलेटर बनाने से लेकर कोविड से लड़ने के लिए बीते सवा साल में देश में एक नया हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है।

  • भारत में ऑक्सीजन की डिमांड बहुत बढ़ गई थी। भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में ऑक्सीजन की ज़रुरत महसूस नहीं की गई। इस ज़रुरत को पूरी करने के लिए बहुत काम किया गया। दुनिया के हर कोने से जहाँ कही से भी जो कुछ भी उपक्लब्ध हो सकता था उसको लाने का प्रयास किया गया। विदेशो में जहाँ भी दवाइयाँ उपलब्ध थी वहां से उसको लाने में कोई कसार बाकी नहीं राखी गई।
  • 2014 में देश वासियों ने हमें सेवा का मौका दिया तो भारत में वैक्सीनशन का कवरेज सिर्फ 60 परसेंट के आस पास था और हमारे लिए यह बहुत चिंता की बात थी। जिस रफ़्तार से भारत में टीकाकरण चल रहा था उस हिसाब से पूरे देश को टीका लगाने में 40 साल लग जाते। हमने इसके लिए मिशन इंद्रधनुष लांच किया। इसके ज़रिये जिसको इसकी ज़रुरत है उसको वैक्सीनेशन दिया जाएगा।

  • इसको लांच करने के बाद क्सीनेशन की सप्लाई 60 से 90 हो गई। यानी हमने स्पीड भी बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया। हम टीके की तरफ बढ़ रहे थे तभी कोरोना ने हमको घेर लिया। अब समस्या यह थी की भारत की इतनी आबादी कैसे बचेगी। हर आशंका को दर किनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि 2 मेड इन इंडिया वैक्सीन लांच कर दी। देश ने और वैज्ञानिको ने यह दिखा दिया की भारत बड़े बड़े देशो से पीछे नहीं है।
  • 23 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन डोज़ दी जा चुकी हैं। हमें सफलता जब मिलती हैं जब हमें अपने पे विशवास होता हैं। हमें विशवास था की हमारे वैज्ञानिक जल्द ही वैक्सीन बना लेंगे। जब हमारे वैज्ञानिक यह काम कर रहे थे जब हम लोगों ने कोरोना से लड़ने का प्लान बना लिया था।
  • वैक्सीन निर्माताओं को क्लीनिकल ट्रायल में मदद की गई, फण्ड दिया गया और हर स्तर पर सरकार उनके साथ कंधे से कंधे मिला कर चली। आत्मनिर्भर के माध्यम से उन्हें हज़ारो करोड़ों रुपए की आर्थिक सहायता भी दी गई। आज देश में 7 कंपनियां विभिन्न प्रकार की वैक्सीन का उत्पादन कर रही हैं।
  • आप कल्पना कर सकते हैं की अगर कोरोना की दूसरी ववे से पहले हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन न लगी होती तो क्या होता ? ज़्यादा से ज़्यादा हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीनेशन होने की वजह से ही लाखों देश वासियों का जीवन बचा पाए।
  • राज्‍यों की मांग को देखते हुए 16 जनवरी से चली आ रही व्‍यवस्‍था में प्रयोग के तौर पर बदलाव किया गया। सोचा 25 फीसदी का काम राज्‍यों को सौंप दिया गया, यह काम 1 मई से राज्‍यों को सौंप दिया गया।
  • 21 जून (विश्‍व योग दिवस)के बाद से 18 वर्ष से उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार, राज्‍यों को वैक्‍सीन मुहैया कराएगी। वैक्‍सीन का 75 हिस्‍सा केंद्र सरकार खरीदकर राज्‍य सरकारों को मुफ्त मुहैया कराएगी।

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  • देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत,  प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी। प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना को दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। हर गरीब को तय मात्रा में नवंबर तक मुफ्त अनाज मिलेगा।

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