संसद टीवी की धमाकेदार लांचिंग, राज्यसभा और लोकसभा टीवी का हुआ विलय

लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली तथा जनप्रतिनिधियों की भूमिका से कराएगा परिचित: ओम बिरला

TISMedia@NewDelhi करीब डेढ़ दशक का सफर तय करने के बाद बुधवार को भारतीय संसद के दो टीवी चैनल लोकसभा टीवी और राज्य सभा टीवी का विलय हो गया। लोकसभा की कार्यवाही और संसदीय कार्य व्यवस्था से आमजन को रूबरू कराने वाले भारत के इन दो प्रमुख चैनलों के विलय के बाद नए टीवी चैनल संसद टीवी का उदय हुआ। जिसका बुधवार को संसद भवन की एनेक्सी में  उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुभारंभ किया। इस दौरान केंद्रीय मन्त्रियों, संसदीय समितियों के अध्यक्ष; राज्य सभा के उपसभापति, श्री हरिवंश सहित इस अवसर पर कई संसद सदस्य तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।

संसद टीवी की लांचिंग के मौके पर एक सशक्त भारत के निर्माण के लिए विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए , भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सभी हितधारकों के बीच बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया और विधायिकाओं में व्यवधानों को समाप्त करने का आवाहन किया। नायडू ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने, समान विकास और प्रत्येक नागरिक को सकारात्मक परिवर्तन का एजेंट बनने के लिए सशक्त बनाने और इस एजेंडा को पूरा करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

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बहस से ही निकलता है समस्याओं का समाधान 
विधायिकाओं में लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिध्वनित करने वाली सार्थक बहस का आह्वान करते हुए, नायडु ने कहा कि शोरगुल में लोगों की आवाज़ को डूबने से बचाना चाहिए । बहस में लोगों की आकांक्षाओं और चिंताओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए क्योंकि विधायिकाओं में बहस समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है। वहीँ व्यवधान हमारी ऊर्जा को नष्ट कर देते हैं और नए भारत के निर्माण के कार्य में विलम्ब करते हैं। संसदीय लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि टेलीविजन, सोशल और डिजिटल मीडिया के अभूतपूर्व विस्तार ने ‘फर्जी समाचार’ और ‘सनसनी’ की चुनौती को जन्म दिया है और ‘सत्य’ को ‘झूठ’ से अलग करना एक चुनौती बन गया है। संसदीय लोकतंत्र और प्रबुद्ध नागरिकों के बीच महत्वपूर्ण संबंध की आवश्यकता पर बल देते हुए, नायडु ने मीडिया से नागरिकों के विकास और सशक्तिकरण के साधन के रूप में कार्य करने का आग्रह किया।

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भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का नया अध्याय 
कार्यक्रम में विशिष्टजनों को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की सराहना की कि तेजी से बदलते समय के साथ और विशेष रूप से 21वीं सदी में संवाद और संचार के माध्यम से आ रही क्रांति के परिप्रेक्ष्य में संसद से जुड़े चैनल में भी बदलाव आ रहे हैं । प्रधान मंत्री ने कहा कि संसद टीवी का शुभारंभ भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय है , क्योंकि संसद टीवी के रूप में देश को संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज बनेगा। प्रधान मंत्री ने दूरदर्शन के 62 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी। उन्होंने अभियंता दिवस के अवसर पर सभी इंजीनियरों को भी बधाई दी।

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लोकतांत्रिक व्यवस्था हमारी जीवनधारा 
इस बात का उल्लेख करते हुए कि आज अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस भी है, प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की कि जब लोकतंत्र की बात आती है, तो भारत की जिम्मेदारी अधिक है क्योंकि भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, यह एक विचार है। भारत में लोकतंत्र केवल एक संवैधानिक संरचना नहीं है, बल्कि यह इसकी आत्मा भी है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र सिर्फ संविधान की धाराओं का संग्रह नहीं है, यह हमारी जीवन धारा है। प्रधान मंत्री ने स्वतंत्रता के 75 वर्षों के संदर्भ में मीडिया की भूमिका के बारे में भी बात की। कंटेन्ट के महत्व के बारे में बात करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि हालांकि यह कहा जाता है कि कंटेन्ट महत्वपूर्ण है, परंतु मेरे विचार से “कंटेन्ट आपस में जुडने का माध्यम है।” उन्होंने इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि जब किसी के पास बेहतर कंटेन्ट होता है, तो लोग अपने-आप ही उससे जुड़ जाते हैं। यह जितना मीडिया पर लागू होता है उतना ही हमारी संसदीय प्रणाली पर भी लागू होता है क्योंकि संसद में राजनीति ही नहीं, नीति भी होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम लोगों को संसद की कार्यवाही से जुड़ना चाहिए। उन्होंने नए चैनल से इस दिशा में काम करने के लिए कहा।

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राष्ट्रीय गौरव का क्षण
स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में देश भर में मनाये जा रहे ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ का उल्लेख करते हुए, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हर्ष व्यक्त किया कि राष्ट्रीय गौरव के ऐसे क्षण में आज संसद टी.वी. का शुभारंभ हो रहा है। इस चैनल के माध्यम से प्रयास होगा कि युवा संसदीय गणतंत्र और उसकी कार्यप्रणाली के प्रति जागरूक हों, संविधान को जानें, अपने कर्त्तव्यों और अधिकारों के प्रति सचेत हों। उन्होंने विश्वाश किया कि संसद टी.वी. राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों और घटनाओं को पारदर्शिता और निष्पक्षता से दर्शाने वाले एक श्रेष्ठ चैनल के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा और जागरूकता, जानकारी और जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए जनतंत्र को और सशक्त बनाएगा।

लोगों के जीवन में लाएगा सकारात्मक परिवर्तन
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि अपने नए रूप में संसद टी.वी. संसद और जनता के बीच संवाद स्थापित करेगा और दोनों चैनलों के विलय से संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा । बिरला ने कहा कि संसद टीवी देश का एकमात्र चैनल होगा जिसके माध्यम से नागरिकों को ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली तथा जनप्रतिनिधियों की भूमिका से परिचित कराने का कार्य होगा। उन्होंने विश्वाश व्यक्त किया कि संसद टीवी राजनीतिक और नीतिगत घटनाक्रमों पर सटीक जानकारी देगा और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों को प्रामाणिक जानकारी के साथ प्रस्तुत करेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस टीवी के माध्यम से संसद तथा संसदीय समितियों तथा विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं के बारे में जानकारी पूरे विश्व के साथ साझा की जाएगी और हमारे जनप्रतिनिधियों के सकारात्मक और प्रेरणादायी कार्यों को प्रकाश में लाया जायेगा । उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि संसद टीवी दूर-दराज के क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों के अभाव दिखाएगा तो दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम कर रहे व्यक्तियों के बारे में भी जानकारी देगा।

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