Flood In Rajasthan: चम्बल खतरे के निशान से 13 मीटर ऊपर, कोटा बैराज के खुले 10 गेट

TISMedia@Kota/Dholpur पूर्वी राजस्थान में हो रही जोरदार बारिश के बाद चंबल नदी अपने पूरे उफान पर बह रही है। चम्बल की डाउन स्ट्रीम में बने बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कोटा से लेकर धौलपुर तक के निचले इलाकों में चम्बल कहर बरपाने लगी है। पानी की तेज आवक के चलते कोटा बैराज के 10 गेट खोलकर 78,840 क्यूसेक पानी की निकासी करनी पड़ी। वहीं धौलपुर में तो हालात यह हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग तीन का पुल भी पानी में डूब गया। धौलपुर में चम्बल खतरे के निशान से 13 मीटर ऊपर बह रही थी। नतीजन, कोटा से लेकर धौलपुर तक सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
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चम्बल में 143 मीटर पानी
सवाई माधोपुर, टोंक, करौली और बारां जिले के अलग-अलग बांधों से छोड़े जा रहे पानी की वजह से जिले भर के अलग-अलग इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मंगलवार सुबह से चंबल का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा और बुधवार सुबह 8 बजे तक धौलपुर में खतरे के निशान से 13 मीटर ऊपर पहुंच गया। यहां चम्बल नदी के जलस्तर का खतरे का निशान 130.79 मीटर पर लगा है। जबकि पानी की आवक 143 मीटर दर्ज की गई। चम्बल का जल स्तर बढ़ने से करीब 50 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिला कलेक्टर राकेश जायसवाल और एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि लोगों को सुरक्षित इलाकों की ओर ले जाया जा रहा है। इसके साथ ही एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन को भी मस्तैद कर दिया गया है।
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एसडीआरएफ ने बचाई 30 लोगों की जान
बूंदी जिले के देहीखेड़ा थाना क्षेत्र में एक रोडवेज बस बरसाती नाले में फंस गई। बस में करीब 30 यात्री सवार थे। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गया और रस्से की सहायता से यात्रियों को बस से बाहर निकालने ने काम शुरू किया गया। देहीखेड़ा SHO सत्यनारायण ने बताया कि रोडवेज बस कोटा से सवारियां लेकर इटावा जा रही थी। माखीदा-लबान के बीच एक खाल (नाले) आ रहा था। बस चालक ने उसे पार करने की कोशिश की। बस बीच में जाकर बंद हो गई। नाले में फंस गई। मौके पर जेसीबी मंगवाई गई है। रस्से के सहारे सवारियों को बाहर निकालने का काम शुरू किया गया। करीब तीन घंटे की कोशिशों को बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
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एसडीआरएफ ने 29 लोगों की जान बचाई
पार्वती नदी में अचानक तेज पानी आने के कारण खातौली कस्बे के एक मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे 29 लोग बहाव में फंस गए। चारों ओर पानी भरने से इन लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया। लोगों को बचाने के लिए एसडीआरएफ को सूचना दी गई। जिसके बाद टीम प्रभारी हैड कांस्टेबल अशोक 10 लोगों की टीम को लेकर मंगलवार रात 9.30 बजे ही मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। टीम प्रभारी अशोक ने तीन लोग चंद्र प्रकाश, चंद्रसेन और विक्रम की टीम के साथ रात 12 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला 29 लोगों की जान बचाई।
यहां हुई बारिश
जयपुर मौसम विभाग और जलसंसाधन विभाग से मिले डेटा के मुताबिक बारां के शाहाबाद 208MM, किशनगंज 188, बारां जिला 185, अटरू 180, मांगलौर 166, उम्मेद सागर 144, छबड़ा 142, छीपाबडौद 136, अंता 101, भीलवाड़ा के जैतपुरा 195, बिजौलिया 183, मांडलगढ़ 167, जहाजपुर 119, कोटड़ी 90, बूंदी शहर 264, अभयपुरा 252, केशवारायपाटन 247, गुढ़ा डेम 180, हिंडौली 148, तालेड़ा 121, इंद्रगढ़ 110, चित्तौड़गढ के बेंगू में 119, झालावाड़ जिले के खानपुर 109, बांकनी 89, भीमसागर 76, रायपुर 75, अकलेरा 65, कोटा के लाडपुरा 225, डिंगोद 169, पीपलदा 167, कोटा शहर 157, सांगोद 143, कानवास 122, रामगंजमंडी 78, प्रतापगढ़ जिला 93, सवाई माधोपुर शहर 127, देवपुरा 205, टोंक शहर 111, मोतीसागर 125, अलीगढ़ 93, देवली 88, निवाई 83, बीसलपुर बांध 80 और गलवा डेम में 67 MM बारिश रिकॉर्ड की गई।