जनता दरबार: मेडिकल कैम्प लगार बिरला जी ने चोखो काम कर्यो छः
लोक सभा स्पीकर की प्रेरणा से लगाए गए स्वास्थ्य शिविरों में उमड़े लोग

TISMedia@Kota आमली गांव के मन्नाजी के घुटने कई सालों से खराब हैं। वे पिछले कई सालों से खराब घुटनों के कारण बिना सहारे घर से बाहर तक नहीं निकल पा रहे। स्पीकर ओम बिरला की ओर से नमाना गांव में लगाए गए स्वास्थ्य जांच शिविर में उन्होंने घुटने की जांच करवाई। डाक्टर ने उन्हें कुछ और जांचों के लिए लिखा है। मन्नाजी को उम्मीद है कि शिविर के माध्यम से उनके घुटने ठीक हो जाएंगे।
जवाहर नगर गांव के बुजुर्ग जगन्नाथ को कान से कम सुनाई देता है, देखने में भी परेशानी है। कांति बाई अल्सर की समस्या से परेशान है। घासीलाल और मांगी बाई को मोतियाबिंद की समस्या है। इन सब से भी जब डॉक्टरों ने कहा कि कुछ समय के इलाज के बाद परेशानी दूर हो जाएगी तो उनके चेहरे पर सुकून भरी शांति नजर आई। इन सब का कहना था कि सुदूर गांव में शिविर आयोजित कर स्पीकर बिरला ने अच्छा काम किया है।
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दवाएं भी मिली और जांच भी हुई
नमाना गांव में स्पीकर बिरला की ओर आयोजित किए गए स्वास्थ्य जांच शिविर के प्रति लोगों में भरोसा और विश्वास दिखाई दिया। सुबह 10 बजे से ही पंजीकरण करवाने और मेडिकल कॉर्ड बनाने के लिए कतारें लगी हुई थीं। शिविर में फिजिशियन, सर्जन, महिला रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग तथा कान-नाक-गला रोग विशेषज्ञों के पास दिन भर लोगों का तांता लगा रहा। चिकित्सकों की लिखी जांचें करवाने के लिए शिविर में ही व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा दवाओं के निशुल्क वितरण के लिए भी अलग से कांउटर लगाया गया था। इन सारी सुविधाओं से लोग काफी खुश नजर आए। उनका कहना था कि गांव में बिरला ने जैसे एक मध्यम श्रेणी का अस्पताल तैयार करवा दिया, जहां लगभग सभी सामान्य बीमारियों का उपचार उपलब्ध है।
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हायड्रोकिफेलस पीड़ित बच्चे को मिलेगा उपचार
शिविर के माध्यम से दो गंभीर मरीजों को बड़े केंद्रों पर उपचार के लिए चिन्हित किया गया। शिविर में हाइड्रकिफेलस से पीड़ित एक बच्चा भी पहुंचा। इस बीमारी में बच्चे के सिर का आकार शरीर की तुलना में अधिक हो जाता है। इस बच्चे का उपचार जयपुर में करवाया जाएगा। इसी तरह दिल में छेद की परेशानी से पीड़ित एक मरीज ने भी शिविर में अपनी जांच करवाई। उसका उपचार भी कोटा या जयपुर में करवाया जाएगा।
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आंखों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने की जरूरत
शिविर में बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग मरीज पहुंचे जो मोतियाबिंद से ग्रस्त थे। अब इनका जल्द ऑपरेशन करवाया जाएगा। इनकी जांच करने वाले चिकित्सकों का कहना था कि ग्रामीण क्षेत्रों में आंखों की समस्या के प्रति जागरूकता की कमी दिखाई दी। मोतियाबिंद का छोटा से ऑपरेशन करवाने के बाद इनकी नजर में सुधार आ सकता है। परन्तु यह लोग कई सालों से इसी परेशानी के साथ अपना जीवन जी रहे हैं।