पुलिस अफसर मांग रहे थे रिश्वत और वकील निभा रहे थे दलाल की भूमिका, एसीबी ने दबोचा
– एसीबी ने 5 पुलिसकर्मियों सहित 3 दलालों के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
TISMedia@Kota. साल की शुरुआत से ही कोटा एसीबी जबरदस्त एक्शन मोड में है। धड़ाधड़ कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों में हड़कम्प मचा है। एसीबी ने सोमवार को रिश्वत मांगने के तीन अलग अलग मामलों में 5 पुलिसकर्मी सहित 3 दलालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि, कार्रवाई के दौरान शक होने पर एसीबी टीम ट्रेप को अंजाम नहीं दे पाई थी। ऐसे में सत्यापन के बाद पुलिसकर्मी व दलालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि विज्ञान नगर इलाके में परिवादी व सहपरिवादी ने एक साल के लिए कोचिंग हॉस्टल लीज पर लिया था। एग्रीमेंट के अनुसार लीज अवधी 4 अप्रेल 2018 से 31 मार्च 2019 तक की थी। परिवादी को बीस लाख रुपए किश्तों में देने थे, इस पर उसने हॉस्टल मालिक राकेश सिंघल को 1 जून 2018 को 17 लाख 95 हजार रुपए दे दिए। इसके कुछ दिनों बाद सिंघल ने परिवादी को समय से पूर्व ही होस्टल खाली करने को कहा। परिवादी ने जब इसका विरोध किया तो सिंघल ने अपने मैनेजर प्रकाश व्यास के जरिए परिवादी व सह परिवादी के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया।
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दर्ज मामले में एफआर लगाने की एवज में एएसआई हजारी लाल, हैड कांस्टेबल राम प्रताप और दलाल की भूमिका निभा रहे वकील बाबूलाल मेघवाल ने 2 लाख की रिश्वत मांगी। बाद में सौदा 1.50 लाख रुपए में तय कर मामले में एफआर लगाने का भरोसा दिलाया। वहीं, हैड कांस्टेबल रामप्रताप ने सहपरिवादी से नया मोबाइल दिलाने की मांग की और सीआई नीरज गुप्ता से बात करवाकर मामले से उसका नाम हटवाने का आश्वासन दिया।
परिवादी व सहपरिवादी की शिकायत पर एसीबी ने सत्यापन करवाया लेकिन शक होने पर ट्रेप कार्रवाई नहीं हो सकी। सत्यापन के बाद एसीबी ने तत्कालीन एएसआई हजारी लाल, हैड कांस्टेबल रामप्रताप और वकील बाबूलाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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दूसरे मामले में बारां जिले के अंता थाने में जमीन का कब्जा छुड़वाने की एवज में सीआई समेत तीन पुलिसकर्मियों व एक दलाल ने 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। परिवादी की शिकायत पर सत्यापन करवाया। लेकिन, शक होने पर ट्रेप कार्रवाई नहीं हो सकी। ऐसे में सत्यापन के बाद एसीबी ने सीआई उमेश मेनारिया, कांस्टेबल रवि विश्नोई, निलंबित एएसआई बृजबिहारी व दलाल की भूमिका निभा रहे वकील भगवान दाधीच के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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वहीं, तीसरे मामले में एसबीआई बैंक में केसीसी लोन दिलाने की एवज में रिश्वत मांग रहे संविदाकर्मी अमित मीणा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी अमित ने परिवादी से लोन की एवज में 40 हजार रुपए मांगे थे। जिसमें से आरोपी 20 हजार रुपए ले चुका था और शेष बीस हजार की मांग कर रहा था। सत्यापन में इसकी पुष्टि होने पर आरोपी अमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।