#KotaThermal धारीवाल पर भारी पड़ा लोड डिस्पेच सेंटर, आधी रात से बंद हो जाएंगी यूनिट 1 और 2
नगरीय विकास मंत्री ने थर्मल की दोनों इकाइयों को चालू रखने का दिया था बयान
TISMedia@Kota राजस्थान सरकार की धड़ेबाजी कोटा थर्मल पर खासी भारी पड़ती नजर आ रही है। आलम यह है कि सूबे की सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री शांति धारीवाल पर प्रसारण निगम का लोड डिस्पेच सेंटर (एलडी) भारी पड़ गया। नतीजन, धारीवाल के बयान के बावजूद एलडी ने 30 जून की आधी रात से कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाइयों को बंद करने के आदेश थर्मल प्रशासन को जारी कर दिए हैं। जिससे थर्मल कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
ऊर्जा विभाग की संयुक्त सचिव अनूपमा जोरवाल ने 17 जून को राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के एमडी एवं चेयरमेन को लिखित आदेश जारी किया था कि कोटा थर्मल की पहली और दूसरी यूनिट को 30 जून की आधी रात से हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए। आदेश की जानकारी लगते ही #TISMedia ने 24 जून को “#TISExclusive जेके और आईएल की तरह मिटने लगा कोटा थर्मल वजूद, हमेशा के लिए बंद हुईं दो यूनिटें” खबर प्रकाशित कर कोटा थर्मल को बंद करने की उच्च स्तरीय साजिश का खुलासा किया था।
TIS Media के खुलासे के बाद मचा हड़कंप
वसुंधरा सरकार के बाद गहलोत सरकार में भी कोटा थर्मल को बंद करने की उच्च स्तरीय साजिश का खुलासा होते ही सूबे में हड़कंप मच गया था। कोटा थर्मल के कर्मचारियों से लेकर आला अधिकारियों तक ने विद्युत उत्पादन निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को हालात से अवगत कराया। TIS Media की खबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला तक पहुंची तो हर कोई भौंचक रह गया।
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इन्वायरमेंट क्लीयरेंस को नकारा
कोटा थर्मल से लेकर उत्पादन निगम और सरकार में बैठे मंत्रियों तक की समझ में नहीं आया कि कोटा थर्मल को 2023 तक इन्वायरमेंट क्लीयरेंस मिलने के बाद भी आखिर पहली और दूसरी इकाई को बंद करने के आदेश कैसे जारी हो गई। खुलासे के बाद मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के दफ्तरों से कोटा थर्मल को बचाने वाले अफसरों को फोन घनघनाए गए और जब असल हालात पता चले तो हर कोई कोटा थर्मल की दो इकाइयों को बंद करने के फैसले की जिम्मेदारी लेने से भागने लगा।
धारीवाल ने दिया दखल
तीन दिन बाद कोटा के विधायक और राजस्थान सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री शांति धारीवाल ने भी सियासी नुकसान होता देख मामले में दखल दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से बात कर कोटा थर्मल की दोनों इकाइयों का संचालन चालू रखने की अपील की। जिस इन्वायरमेंट क्लीयरेंस की आड़ में कोटा थर्मल को बंद करने की साजिश रची जा रही थी, उसी को आधार बनाते हुए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री ने धारीवाल को आश्वासन दिया कि जब तक इन्वायरमेंट क्लीयरेंस है तब तक कोटा थर्मल की किसी भी इकाई को बंद नहीं किया जाएगा। पूरी तरह से मुतमईन होने के बाद नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने 28 जून को वीडियो जारी कर बयान दिया कि कोटा थर्मल की सभी इकाइयां पहले की तरह ही संचालित होती रहेंगी। इसके साथ ही पहली और दूसरी इकाई को बंद करने के आदेश भी सरकार ने वापस ले लिए हैं।
तो धारीवाल की नहीं चली!
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के कोटा थर्मल को बचाने का बयान जारी करने के 48 घंटे बाद ही राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के लोड डिस्पेच सेंटर ने 17 जून को जारी किए गए ऊर्जा विभाग की सचिव अनूपमा जोरवाल के आदेश को आधार बनाकर कोटा थर्मल प्रशासन को आज आधी रात से पहली और दूसरी यूनिट को हमेशा के लिए बंद करने के आदेश जारी कर दिए। यूडीएच मंत्री के बयान और मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बावजूद कोटा थर्मल की दोनों इकाइयों को आधी रात से बंद करने के आदेश मिलते ही प्लांट में हड़कंप मच गया। जयपुर बैठे आला अफसरों को हालात बताए गए, लेकिन किसी ने भी कोई दखल देने से साफ इन्कार कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोटा थर्मल को बंद करवा कर निजी हाथों में बेचने की साजिश रच रहे जयपुर में बैठे ऊर्जा विभाग के अफसरों के आगे राजस्थान सरकार के सबसे कद्दावर मंत्री की एक न चली।
क्यों नहीं जारी हुआ आदेश
कोटा थर्मल के आला अधिकारी बताते हैं कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आश्वासन के बाद ऊर्जा विभाग को अपना पुराना आदेश वापस लेकर थर्मल की दोनों इकाइयों को साल 2023 तक चालू रखने का नया आदेश जारी करना था, लेकिन उच्च स्तर पर मामला उठने के बावजूद इस बाबत कोई आदेश जारी नहीं हुआ। जिसकी वजह से लोड डिस्पेच सेंटर ने पुराने आदेश को आधार बनाकर 30 जून की रात 12 बजे से थर्मल की पहली और दूसरी इकाई को बंद करने के आदेश जारी कर दिए। कोटा थर्मल के आला अफसर कहते हैं कि जब तक दोनों यूनिटों को चालू करने के नए आदेश नहीं आएंगे तब तक वह इन्हें बंद करने के लिए बाध्य हैं। जबकि, बुधवार को खबर लिखे जाने तक कोटा थर्मल की पहली और दूसरी इकाई अपनी पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन कर रही थीं। 110-110 मेगावाट क्षमता की दोनों यूनिटें 95 और 98 मेगावाट विद्युत उत्पादन कर रही थी। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि धारीवाल के दखल के बावजूद आखिर कोटा थर्मल को पहले की तरह चालू रखने का आदेश ऊर्जा विभाग ने जारी क्यों नहीं किया?