Red Warning for Cold Day: कोटा में 48 घंटे तक शीतलहर की चेतावनी
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट, 5 डिग्री तक पहुंचा तापमान
- कड़ाके की ठंड पड़ने की दी चेतावनी, आसमान में छाया रहेगा घना कोहरा
TISMedia@Kota उत्तरायण हुए सूर्य दो दिन भी कोहरे से मुकाबला नहीं कर सके। रविवार को कोहरे की चादर ने उन्हें ऐसा ढ़का कि कोटा का पारा अचानक ही धड़ाम हो गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 48 घंटों तक भयंकर ठंड पड़ने की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।
मकर संक्रांति तक कोटा में मौसम साफ रहा और तेज धूप खिली, लेकिन सूर्य देव के उत्तरायण हुए 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि रविवार को सूर्य देवता कोहरे के आगोश में सिमट कर रह गए। तड़के से ही पड़ने वाली तेज सर्दी ने लोगों की हाड़ कंपा दिए। सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा। आलम यह था कि वीकेंड कर्फ्यू लगाने के लिए पुलिस को जरा सी भी मसक्कत नहीं करनी पड़ी। सर्दी ने लोगों को घरों में दुबके रहने के लिए मजबूर कर दिया।
पारा हुआ धड़ाम
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक कोटा का पारा रविवार को एक साथ गिरकर 5 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। पूर्व से दक्षिण पूर्व की ओर 6 किमी प्रति घंटे से लेकर 15 किमी प्रति घंटे तक चली हवाएं भी आसमान में छाए बादलों को नहीं हटा सकीं। क्लाउड कवर 26 फीसदी होने के कारण दिन भर घना कोहरा रहा। जिसके चलते दृश्यता एक किमी से भी कम रह गई। मौसम इस कदर ठंडा ता कि वातावरण में 77 फीसदी नमी बनी रही। जबकि पिछले साल आज ही के दिन कोटा का अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस रहा था।
मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
सूर्य के उत्तरायण होते ही करवट बदलते मौसम के मिजाज को देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कोटा वासियों को अगले 48 घंटे तक कड़ाके की ठंड से बचने की हिदायत दी है। मौसम विभाग ने एडवायजरी जारी की है किः-
• गर्म ऊनी कपड़े के नीचे ढीले ढाले, हल्के वजन की कई परतें पहनें।
• अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढकें क्योंकि अधिकांश गर्मी का नुकसान होता है इन शरीर के अंगों के माध्यम से।
• विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं, बेहतर होगा कि गर्मागर्म ही पीएं।
• घर से बाहर निकलने से बचें या सीमित करें।
• शरीर सूखा रखें, अगर गीला हो तो तुरंत कपड़े बदलें ताकि शरीर की गर्मी को नुकसान न पहुंचे। • शीतदंश होने पर शरीर के प्रभावित हिस्से को गुनगुने पानी से धीरे-धीरे गर्म करें। त्वचा को रगड़ें नहीं जोर से।
• अगर प्रभावित त्वचा क्षेत्र काला हो जाता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
• जहरीले धुएं से बचने के लिए हीटर का उपयोग करते समय वेंटिलेशन बनाए रखें।
• बिजली और गैस से गर्म करने वाले उपकरणों का उपयोग करते समय सुरक्षा उपाय करें।
• कमजोर लोगों के लिए अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता है।
• शीतदंश और हाइपोथर्मिया पीड़ित व्यक्ति के लिए जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता लें।