खुद का कल्याण करने में लगा था घूसखोर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, कोटा एसीबी ने दबोचा
टैक्सी का बिल पास करने के लिए ठेकेदार से मांगी 10 हजार की घूस, कोटा एसीबी ने रंगे हाथ धरा
- बैंक खाते में हर महीने घूस की रकम जमा कराने की दी थी हिदायत
- घूस के बिना टैक्सी का बिल नहीं कर रहा था पास, झालावाड़ में चल रही ट्रैप की कार्यवाही
TISMedia@Kota. सरकार ने जिस अफसर को अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जिला सौंपा था, वह जनता की बजाय अपना ही “कल्याण” करने में जुट गया। सरकारी योजनाओं में घपला तो बहुत बड़ी बात थी, जिस कार से वह रोजाना घर से दफ्तर आता जाता था उसी के ठेकेदार से हर महीने बंधी मांगने लगा। मना करने पर टैक्सी का टेंडर खत्म करने की धमकी देता। पानी सिर के ऊपर से निकलने लगा तो घूसखोर जिला कल्याण अधिकारी को कोटा एसीबी ने 10 हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ धर दबोचा।
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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) कोटा के अतरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP Kota ACB) ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि झालावाड़ के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (District Minority Welfare Officer) कार्यालय में ठेके पर टैक्सी चलाने वाले सवाईमाधोपुर निवासी वीर सिंह ने कोटा चौकी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि पिछले एक साल से उसकी कार ठेके पर इस दफ्तर में लगी थी। जिसकी एवज में उसे हर महीने करीब 28 हजार रुपए का भत्ता मिलता था।
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मांगी 10 हजार की मासिक बंधी
परिवादी ने बताया कि जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ब्रह्म प्रकाश आर्य टैक्सी का ठेका चालू रखने के लिए हर महीने 10 हजार रुपए की घूस मांग रहा था। तीन महीने से घूस न देने के कारण उसकी टैक्सी हटाने की पहले धमकी दी और जब मनुहार की तो उसने घूस की रकम में कोई रियायत करने के बजाय बैंक का एक खाता (खाता संख्या-61277928868 IFSC SBIN0031763) दिया और उसमें हर महीने 10 हजार रुपए जमा करने को कहा। परिवादी ने जब घूस नहीं दी तो जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने उसकी टैक्सी का ठेका खत्म कर दिया।
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बिल पास करने के लिए भी मांगी घूस
परिवादी ने बताया कि जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ब्रह्म प्रकाश आर्य ने उसकी टैक्सी का ठेका खत्म कर दिया और तीन महीनों के करीब 40 हजार रुपए के बिलों का भी भुगतान नहीं किया। जब इन बिलों का भुगतान करने के लिए कहा तो 20 हजार रुपए की घूस मांगी। एसीबी कोटा के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि परिवादी की शिकायत मिलने के बाद 09 अप्रैल को शिकायत का सत्यापन कराया गया। जिसमें उसने परिवादी से 19 हजार रुपए देने पर ही बिल पास करने की बात कही।
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घूस लेते रंगे हाथ दबोचा
एसीबी कोटा के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि रिश्वत मांग का सत्यापन होने के बाद 13 अप्रैल को कोटा एसीबी ने झालावाड़ के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ब्रह्म प्रकाश आर्य का ट्रैप आयोजित किया। परिवादी जब ब्रह्मप्रकाश आर्य के पास पहुंचा तो उसने अपने मोबाइल से परिवादी के मोबाइल पर एक बैंक खाते का नंबर व्हाट्सएप कर घूस की रकम उस खाते में जमा करने को कहा। आर्य के बताए खाता नंबर में परिवादी ने 10 हजार रुपए की घूस जमा करवा दी और पैसे जमा करने की रसीद उसे ले जाकर दिखाई तो आर्य ने उसका फोटो खींचकर रसीद वापस लौटा दी। घूस की रकम खाते में पहुंचते ही पहले से मुस्तैद कोटा एसीबी ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ब्रह्म प्रकाश आर्य को धर दबोचा।
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महिला के खाते में लिए पैसे
एसीबी जांच में सामने आया है कि जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ब्रह्म प्रकाश आर्य ने टैक्सी ठेकेदार से घूस की रकम किसी शकुंतला नाम की महिला के खाते में जमा करवाई थी। एसीबी पता लगाने में जुटी है कि इस महिला से आर्य का क्या संबंध है? इसके साथ ही एसीबी जिला अल्पसंख्यक अधिकारी झालावाड़ के दफ्तर को सील कर उसकी तलाशी लेने में जुटी है, ताकि पता किया जा सके कि आर्य और किन किन मामलों में घूस लेता था। एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि एसीबी की टीम अभी भी झालावाड़ में कार्यवाही करने में जुटी है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को डिटेन करने वाली टीम में एसीबी के उपाधीक्षक हर्षराज सिह खरेडा, पुलिस निरीक्षक अजीत बगडोलिया, मोहम्मद खालिक, देवेन्द्र सिह, भरत सिह, नरेन्द्र सिंह, बृजराज, मनोज कुमार और जोगेन्द्र सिंह आदि लोग शामिल थे।