जाग गए सरकार! दो महीने में कोटा को मिलेंगे 19 नए ऑक्सीजन प्लांट और 2 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन बेड

कोटा. जुबानी हमलों से लेकर दिल्ली दरबार तक की दौड़ बेजा साबित होने के बाद आखिरकार सरकार को कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सीय संसाधन बढ़ाने की सुध आ ही गई। शनिवार को न्यू मेडिकल कॉलेज में चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से लैस बेड की कमी को खत्म करने की घोषणा की। धारीवाल ने दावा किया कि अगले दो महीनों के अंदर कोटा में 19 नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के साथ ही सरकारी अस्पतालों में दो हजार से ज्यादा ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ा दिए जाएंगे।

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कोटा दौरे पर आए शांति धारीवाल ने बताया कि नए अस्पताल में 6, एमबीएस में 4, जेकेलोन में 2 व शहर के 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 3 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। जिसके बाद सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की क्षमता बढ़कर 2100 हो जाएगी। इसके बाद कोटा के किसी भी सरकारी अस्पताल को कहीं बाहर से ऑक्सीजन मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। धारीवाल ने कहा कि अगले दो महीने में कोटा ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

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नहीं टूटेंगी सांसें 
धारीवाल ने बताया कि न्यू मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल में फिलहाल 530 ऑक्सीजन बेड है। यहां 30- 30 क्यूबिक मीटर के 2 व 48-48 क्यूबिक मीटर के 4 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांटों के लगने के बाद अस्पताल में 500 ऑक्सीजन बेड और बढ़ जाएंगे। जिसके बाद यहां एक हजार ऑक्सीजन बेड हो जाएंगे। इसके साथ ही एमबीएस अस्पताल में 48-48 क्यूबिक मीटर के 4 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इन प्लांट के लगने के बाद अस्पताल में 460 ऑक्सीजन बेड हो जाएंगे। हालांकि अभी यहां सिर्फ 60 ऑक्सीजन बेड हैं। इसी तरह जेके लोन अस्पताल में अस्पताल में 48-48 क्यूबिक मीटर के 2 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इनके लगने से अस्पताल में 300 बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे। इसके अलावा शहर के तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुल्हाड़ी, विज्ञान नगर, दादाबाड़ी में 30-30 क्यूबिक मीटर के 3 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। जिसके बाद इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 100-100 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हो सकेंगे।

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यह कैसी जिम्मेदारी 
ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल रहे कोरोना के संक्रमण को लेकर जब नगरीय विकास मंत्धारी शांति धारीवाल से बात की गई तो उन्होंने टका सा जवाब देते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों की नहीं कह सकता। हमें नगरीय क्षेत्र का काम सौंपा है। ग्रामीण इलाकों में मेडिकल टीमें काम कर रही है। वहीं चिरंजीवी योजना में निजी अस्पतालों द्वारा की जा रही मनमानी के सवाल पर धारीवाल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि जो अस्पताल योजना में मरीजों को फायदा नहीं पहुंचाएगा या तय समय मे ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगाया तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा। हालांकि धारीवाल इस दौरान केंद्र के बहाने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर निशाना साधना नहीं भूले। धारीवाल ने कहा कि सारे ऑक्सीजन प्लांट पर केंद्र ने कब्जा कर लिया। पीएम केयर्स फंड से जो वेंटीलेटर भेजे गए है। उनमें से 90 फीसदी खराब हैं। 26 अप्रैल को मंत्रिमंडल के सदस्य केंद्र से मदद मांगने गए थे। लेकिन 6 मई तक कुछ नहीं हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के प्रयास से केवल 2 ऑक्सीजन टैंकर आए है। हालांकि सेटेलाइट हॉस्पीटल में धूल फांक रहे वेंटिलेटर को अब निकालने और कोटा के हिस्से के ऑक्सीजन टैंकर बाहर भेजने के सवाल पर वह चुप्पी साध गए।

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