राजस्थान: बिजलीघर चलाने में नाकाम सरकार 17 रुपए में खरीद रही है 4.45 रुपए वाली बिजली
TISMedia@Kota राजस्थान में बिजली घर चलाने के लिए कोयले का बंदोबस्त करने में नाकाम रही गहलोत सरकार ने अब महंगी बिजली खरीदना शुरू कर दिया है। आमतौर पर 4 से 5 रुपए में मिलने वाली बिजली 17 रुपए में खरीदी जा रही है। इतना ही नहीं बढ़ी हुई इस कीमत का बोझ भी सरकार ने फ्यूल चार्ज के जरिए आम जनता की जेब पर डाल दिया है। नतीजन, मुफ्त बिजली की बाट जोह रहे राजस्थान के लोगों को उल्टा मंहगी बिजली सप्लाई की जा रही है।
डिस्कॉम सूत्रों के मुताबिक हालात यह हो गए हैं कि आम तौर पर साढ़े 4 से साढ़े 5 रुपए यूनिट मिलने वाली बिजली पीक आवर्स में 12 से 17 रुपए प्रति यूनिट तक की महंगी दरों पर खरीदकर उपभोक्ताओं को सप्लाई देनी पड़ रही है। कई बार इसकी रेट 20 से 25 रुपए तक पहुंच जाती है। कारण यह है कि पीक आवर्स में सभी राज्यों में बिजली की खपत ज्यादा होती है। इसलिए बिजली उपलब्धता में कमी और ज्यादा डिमांड के चलते एक्सचेंज बाजार में भाव भी ऊंचे रहते हैं। जबकि खुद के बिजली प्लांटों से प्रोडक्शन करने पर राजस्थान में बिजली की रेट 4 रुपए 20 पैसे से 4 रुपए 45 पैसे तक ही पड़ती है।
गर्मी के साथ बढ़ी खपत
राजस्थान में भीषण गर्मी और लू के चलते बिजली की खपत में 25 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। प्रदेश में बिजली घरों की 5 यूनिट में प्रोडक्शन बंद पड़ा है। कोयले की किल्लत भी बरकरार है। जिस कारण फुल कैपिसिटी में सभी बिजली घर बिजली प्रोडक्शन नहीं कर पा रहे हैं। 15 मई के बाद तक छत्तीसगढ़ से कोयले की सप्लाई में सुधार हो सकेगा। लेकिन तब तक महंगी बिजली खरीदकर सप्लाई दी जा रही है। डिस्कॉम सूत्र बताते हैं कि बीते साल बिजली की रोजाना औसत खपत 1990 लाख यूनिट रही थी। लेकिन मौजूदा वक्त में बिजली की प्रतिदिन खपत 2500 लाख यूनिट पार पहुंच चुकी है।
जनता उठा रही खामिजाया
राजस्थान ने साल 2021 में भी 13 हजार 793 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी थी। महंगी बिजली खरीदकर सप्लाई देने पर बिजली कम्पनियां फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोतरी करके उपभोक्ताओं पर ही उसका भार डाल देती हैं। खामियाजा आमजनता को ज्यादा बिल चुकाकर भरना पड़ता है। माना जा रहा है पिछली बार की तरह 33 पैसे प्रति यूनिट की रेट पर वसूली की जा सकती है। प्रदेश में करीब 1 करोड़ 52 लाख बिजली उपभोक्ताओं से इस फ्यूल सरचार्ज की वसूली होती है। इनमें से 1 करोड़ 19 लाख केवल घरेलू उपभोक्ता हैं। जबकि कॉमर्शियल 14 लाख, इंडस्ट्रियल 3.54 लाख कनेक्शन हैं। एग्रीकल्चर के 15.41 लाख के करीब बिजली कनेक्शन हैं।
थर्मल पॉवर प्लांट में उत्पादन हुआ ठप
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की 5 यूनिट में बिजली प्रोडक्शन बंद पड़ा है। जिनमें से ज्यादातर में टेक्नीकल कारणों के चलते शटडाउन बताया जा रहा है। सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल यूनिट और 250 मेगावाट की यूनिट, कालीसिंध पावर प्लांट की 600 मेगावाट यूनिट, कोटा थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट यूनिट और छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की 250 मेगावाट की यूनिट से बिजली प्रोडक्शन ठप है। छबड़ा में हुए एक्सीडेंट के बाद से यूनिट ठप है।
ईमानदार उपभोक्ताओं की जेब पर डाका
फ्यूल सरचार्ज वसूली हर तीन महीने में होती है। पिछले क्वार्टर के आधार पर कैलकुलेशन करते हुए मिडिल क्लास घर का उदाहरण लें तो महीने में 350 यूनिट बिजली यूज होने पर उपभोक्ता को करीब 347 रुपए तीन महीने के बिल पर चुकाने होंगे। ज्यादा बिजली कन्ज्यूम होने पर उसी रेश्यो में यह अमाउंट बढ़ता जाएगा। अनुमान के मुताबिक अकेला जयपुर डिस्कॉम ही 250 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली करता है। तीनों डिस्कॉम्स 550 से 650 करोड़ रुपए तक उपभोक्ताओं से वसूलते हैं। जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम्स ने नवम्बर 2021 में प्रति यूनिट 33 पैसे फ्यूल सरचार्ज लगाया। अक्टूबर से दिसम्बर 2018 तक तीनों डिस्कॉम्स ने 37 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज की वसूली की।
ऐसे होती है जनता से वसूली
जनवरी से मार्च 2019 तक जयपुर डिस्कॉम ने 37 पैसे, अजमेर डिस्कॉम ने 23 पैसे, जोधपुर डिस्कॉम ने 24 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज ग्राहकों के बिलों में लगाया। अप्रैल से जून 2019 तक जयपुर डिस्कॉम ने 55 पैसे प्रति यूनिट, अजमेर डिस्कॉम ने 35 पैसे प्रति यूनिट और जोधपुर डिस्कॉम ने 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया। जुलाई से सितम्बर 2019 तक तीनों कम्पनियों ने 27 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूली की। अक्टूबर से दिसम्बर 2019 तक 39 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया गया। जनवरी से मार्च 2020 तक 30 पैसे प्रति यूनिट, अप्रैल से जून 2020 तक 28 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया। जुलाई से सितम्बर की वसूली योग्य नहीं पाया। अक्टूबर से दिसम्बर 2020 में 7 पैसे प्रति यूनिट, जनवरी से मार्च 2021 में 16 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया गया।