सरसों और गेहूं के बीच लहलहा रहा था अफीम-गांजा, नारकोटिक्स ने नष्ट की 24 लाख की अवैध फसल

TISMedia@Kota. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो कोटा ने करौली जिले में बुधवार को बड़ी कारवाई को अंजाम दिया है। टीम ने 491 वर्ग मीटर में अवैध रूप से की गई अफीम की खेती और गांजे के 730 पौधे जब्त किए हैं। मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। यह कार्रवाई करौली पुलिस के सहयोग से की गई है। अफीम खेती व गांजे के पौधों की कीमत करीब 24 लाख आंकी गई है।

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केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि करौली जिले के पटार गांव में खातेदारी की जमीन पर अवैध रूप से अफीम और गांजे की खेती की जा रही है। इस पर स्थानीय पुलिस की मदद से टीम ने छापा मारा। जहां अवैध रूप से अफीम की काश्त की गई थी। साथ ही गांजे के 730 पौधे बोये गए थे। जिनकी ऊंचाई करीब 3 से 4 फीट थी।

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सरसों और गेहूं के बीच अफीम की खेती

जोशी ने बताया कि खेती सरसों और गेहूं के बीच में की गई थी, ताकि लोगों को पता नहीं चल सके। टीम ने भरोसी, तुसरी और सुवाबाई को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने बताया कि मौके पर अफीम काश्त व गांजा नष्ट करवाया है।

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24 लाख की थी उपज
कार्रवाई के दौरान अफीम काश्त से निकलने वाले डोडो की कीमत 4 लाख तथा गांजे के 730 पौधों की कीमत 20 रुपए आंकी गई है। हालांकि, गांजे की यह फसल अभी तैयार नहीं थी। पौधे करीब 4 फीट ऊंचे हो गए थे। ऐसे में एक पौधे से सुखाने के बाद करीब डेढ़ सौ ग्राम गांजा तैयार हो जाता, जो कि करीब 110 किलोग्राम के आसपास था।

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