टोक्यो ओलिंपिक खतरे में, खुल कर विरोध में आये जापानी

TISMedia@Sports. टोक्यो ओलंपिक को लेकर एक तरफ आयोजक जापान की बहुसंख्यक जनता खड़ी है और दूसरी तरफ वहां की सरकार और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति। 59 फीसद जनता कह रही है कि 2020 में होने वाले इस आयोजन को जैसे पहले एक साल के लिए टाला था वैसे इस साल भी टाल दें। टोक्यो ओलंपिक 2020 को रद्द करने को लेकर तीन लाख 51 हजार लोगों के साइन वाली ऑनलाइन याचिका टोक्यो की गवर्नर युरिको कोइके को सौंप दी गई है। याचिका को ओलंपिक और पैरालंपिक समितियों के प्रमुखों को भी भेजा गया है। फिलहाल तो आईओसी खेल कराने पर अड़ी है लेकिन विरोध बढ़ता देख आसार अच्छे नहीं लग रहे हैं। जापान भी संक्रमण की जद में हैं और देश में अब तक 3.2 फीसद लोगों का ही टीकाकरण हो पाया है। उधर ब्रिटेन में 55 और अमेरिका में 46 फीसद को वैक्सीन लग चुकी है।

टोक्यो ओलंपिक खेलों को रद्द करने की मुहिम से जुड़े लोगों ने ओलंपिक समिति के अधिकारियों से अपील की है कि वे कोरोना महामारी के दौर में खेलों के आयोजन के बजाय लोगों की जान बचाने को प्राथमिकता दें। इस महीने की शुरुआत में एक वकील और टोक्यो के गवर्नर पद के पूर्व उम्मीदवार केनजी उत्सुनोमिया ने ‘कैंसल द टोक्यो ओलंपिक’ नाम से ऑनलाइन याचिका पेश की थी।जापान के चेंज डॉट ओआरजी प्लेटफॉर्म पर इसके समर्थन में रिकॉर्ड लोगों ने साइन किए। जितने पिछली किसी भी याचिका में नहीं किए गए। ओलंपिक खेलों को रद्द करने की मुहिम में डॉक्टर्स भी जुड़े हैं, जबकि कुछ हाई-प्रोफाइल जापानी एथलीट्स ने भी चिंता व्यक्त की है, जिनमें मास्टर्स गोल्फ चैंपियन हिदेकी मत्सुयामा और शीर्ष महिला टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री और गवर्नर भी पक्ष में
टोक्यो की गवर्नर युरिको कोइके ने ओलंपिक खेलों के खिलाफ चल रही मुहिम के बारे में कहा कि वह सुरक्षित ओलंपिक कराने की दिशा में काम करेंगी। कोरोना एक वैश्विक महामारी है, जिसमें सुरक्षित टोक्यो 2020 खेलों का आयोजन करना महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री पहले ही हर हाल में खेल कराने की घोषणा कर चुके हैं। जापान के इकॉनोमी मंत्री यासुतोशी निशिमुरा ने कहा कि आयोजक खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के समर्थन का इंतजार कर रहे हैं। निशिमुरा ने संसद को बताया, ‘मुझे पता है कि कई लोग चिंतित हैं कि इससे कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के निर्णय के आधार पर आयोजक टोक्यो ओलंपिक 2020 के आयोजन के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

क्या कहता है सर्वे
इस असमंजस के बीच जापान जे अखबार योमीउरी ने हाल ही में आम जनता की राय जानने के लिए एक सर्वे किया। इसके मुताबिक 59 फीसद जापानी लोग कह रहे हैं कि कोविड काल में ओलिंपिक रद्द कर देना चाहिए।

आईओसी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी हुआ विरोध
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने इन आशंकाओं को खारिज किया है कि टोक्यो ओलंपिक रद्द होंगे।
आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की सालाना बैठक के बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी ।
आईओसी प्रवक्ता मार्क एडम्स ने कहा, ‘हम जनता की राय सुनते हैं, लेकिन उसके आधार पर फैसला नहीं लेते। खेल होंगे और होकर रहेंगे।’ एडम्स आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक की नुमाइंदगी कर रहे थे, जिनकी अगले सप्ताह होने वाली जापान यात्रा रद्द कर दी गई है।
कॉन्फ्रेंस में आखिरी सवाल याहू स्पोर्ट्स के पत्रकार को पूछना था, लेकिन स्क्रीन पर एक प्रदर्शनकाली काला और सफेद बैनर लेकर टोक्यो ओलंपिक का विरोध करता नजर आया।उसने कहा, ‘कोई ओलंपिक नहीं होंगे। कहीं नहीं होंगे। ना लॉस एंजिलिस में और ना ही टोक्यो में।’ इसके बाद लाइन काट दी गई।

जापान के तीन प्रान्तों में इमरजेंसी
इस बीच गुरुवार को कोरोना संक्रमण के 712 नए मामले सामने आने के बाद शुक्रवार को होकाईडो प्रांत समेत तीन प्रांतों में 31 मई तक इमरजेंसी बढ़ा दी गई है। चिंता का विषय यह है कि होकाईडो में ओलंपिक मैराथन होनी है।

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भारत का दल जाएगा: आईओए
दो दिन पहले भारतीय ओलिंपिक संघ के प्रमुख नरेंद्र बत्रा ने कहा कि भारत से करीब 210 खिलाड़ियों और अधिकारियों का दल टोक्यो जरूर जाएगा। हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। वहां जाने वालों को दो बार टीके लग चुके हैं। और हम जांच करवा कर ही वहां जाएंगे इसलिए जापान की ओर से बाहरी लोगों पर लगाई गई पबंदियों से हम बाहर होंगे। उन्होंने कहा जीवन चलता रहता है। ओलिंपिक का आयोजन ये संदेश देगा कि हम कोविड से आगे निकल चुके हैं।

मिकितानी बोले आत्महत्या जैसा होगा ओलिंपिक
जापान के अरबपति उद्यमी और रतुकेन ग्रुप के संस्थापक भी ओलिंपिक के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। हाल ही में एक मीडिया हाउस से बातचीत में उन्होंने कहा कि ओलिंपिक का आयोजन करना जापान के लिए आत्महत्या क़रने जैसा होगा। यह समय लोगों को और व्यापार को बचाने का है खतरे में डालने का नहीं।

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