Audio viral : शिक्षा विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल, 20 हजार दो और 4 लाख लो
घूसखोर कैशियर, परिवादी से मांग रहा रिश्वत का ओडिया हुआ वायरल
TISMedia@Kota. सरकार से मोटी तनख्वाह लेने के बावजूद कई अफसर व कर्मचारी घूस लेने से बाज नहीं आ रहे। फाइल पर वजन रखे बिना कोई काम ही नहीं होता। सुुविधा शुल्क मिलते ही काम जल्दी हो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि यह ऊपर के स्तर पर ही है, बल्कि निचले स्तर पर भी भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहराई हुई है। कोटा संभाग में कई घूसखोर रंगेहाथ पकड़े जा चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे। भ्रष्टाचार की कहानी कोई नई नहीं है।
एसीबी से बचने के लिए घूसखोर घूस लेने के तरीके भी बदल रहे हैं। इसका ताजा उदारहण हाल ही में एसीबी की गिरफ्त में आए कोटा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी विनोद मिश्रा और शिक्षा विभाग के कैशियर चंद्र प्रकाश शर्मा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में परिवादी कृष्ण कुमार मोदी से कैटरिंग कार्य का भुगतान की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। आरोपियों ने रिश्वत की पहली किस्त परिवादी से फोन-पे के जरिए ली थी। इस प्रकरण में परिवादी कृष्ण कुमार मोदी और कैशियर चंद्र प्रकाश शर्मा के कई ऑडियो सामने आए हैं, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।
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वायरल ऑडियो :
आरोपी कैशियर चंद्रप्रकाश शर्मा ऑडियो में खुलेआम रिश्वत की मांग कर रहा है। साथ ही पेटीएम के जरिए भी रिश्वत मांग की। साथ ही दोबारा भी टेंडर दिलाने का आश्वासन परिवादी को देता रहा है। यहां तक कि वह ऑडियो में आरोपी ने यह भी कहा है कि वह चेक का भी फोटो खींच कर भेज देगा। रिश्वत रकम मिलते ही वह उसे सौंप देगा।
आइए, आपको बताते हैं, रिश्वत मांगता कैशियर और परिवादी की ऑडियो में हुई बातचीत के अंश…
रिकॉर्डिंग : शिक्षा विभाग के कैशियर का वायरल ऑडियो पार्ट-1
परिवादी कृष्णकुमार मोदी: क्या चेक बना दिया ?
आरोपी कैशियर चंद्रप्रकाश शर्मा अरे वो मेरी व्यवस्था है, सब बना दिया है..अभी कहीं भी बजट नहीं आया है लेकिन मैं तुम्हें पेमेन्ट कर दूंगा। तुम्हारा पैसा आ जाएगा। तुम मेरा काम कर देना।
परिवादी : आपको कितने की व्यवस्था करवा दूं
कैशियर: तुम 10 की व्यवस्था कर दो….हम सब मिलकर काम करते हैं
परिवादी: अच्छा
कैशियर : मैं बोल रहा था कि 1 हजार की व्यवस्था तो अभी कर दो, पार्टी करनी है यार…
परिवादी : यह किसमें से कटेगा…
कैशियर: अरे, काट लेना यार समझा करो…जीएसटी भी तुम्हारे नाम से काट दूंगा।
रिकॉर्डिंग : 2
कैशियर: हमने भी हमारा पैसा खर्च कर रखा है….उस हिसाब से देखना पड़ता है…
परिवादी: आपका कितना पैसा बैठ रहा है…
कैशियर: मैंने मेरा और विनोद-जी का जोड़ा था तो 17-18 हजार बैठ रहा है…क्योंकि 4 से ऊपर का पेमेंट है। इस हिसाब से देख लो, इससे ऊपर ही बैठेगा।
परिवादी: हां
कैशियर: अगला टेंडर भी तुम्हें ही दिलवा देंगे.. थोड़ी पारदर्शिता रखा करो…
कैशियर : अभी हालात खराब हैं यार कोविड के कारण…
इस ऑडियो से आप खुद समझ सकते हैं कि शिक्षा विभाग में घूसखोरी की जड़े किस तरह फैल चुकी है। घूसखोर कैशियर चंद्रप्रकाश किस तरह से बेखौफ होकर फोन पर ही परिवादी से बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांग रहा है। साथ ही अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी की शह पर ही घूसकांड को अंजाम दिया गया।
गौरतलब है की परिवादी मोदी की शिकायत पर कोटा एसीबी की टीम ने एक दिन पहले कैशियर चंद्रप्रकाश और अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षाधिकारी विनोद मिश्रा को 10 हजार की घूस लेने के आरोप में एक जूस की दुकान से ट्रैप किया था। जिन्हें, रविवार को एसीबी कोर्ट ने जेल भेज दिया है।