कोटा में कोचिंग चलवाने के लिए हॉस्टल संचालकों ने जलाई मोमबत्तियां
कोटा. कोटा में स्कूल व कोचिंग में क्लासरूम की पढ़ाई शुरू करने की मांग को लेकर कोटा बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। शहर के हॉस्टल, पीजी, मैस संचालक, व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, ऑटो चालक यूनियन के सदस्य तथा फुटकर व्यवसायियों द्वारा संयुक्त रूप से कोटा बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर किए जा रहे इस आंदोलन के तीसरे दिन शहरवासियों द्वारा न्यू राजीव गांधी नगर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा के समक्ष कैंडल जलाकर सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की गई।
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संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना था कि आंदोलन के तीसरे दिन लगातार सरकार से कोटा में कोचिंग क्लासेज शुरू करवाने की मांग की गई। इसके तहत राजीव गांधी की प्रतिमा के समक्ष कैंडल जलाई गई, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस सरकार है और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार के आदर्श हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजीव गांधी के संस्कारों पर चलने की बात कहते हैं, राजीव गांधी को आधुनिक सूचना एवं तकनीकी क्रांति के युग का पहलकर्ता माना जाता है। ऐसे में यहां भी देश के नौनिहालों की बात हो रही है। कोटा में देशभर के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य बनाया जाता है। हजारों अभिभावक और विद्यार्थी कोटा के कोचिंग संस्थानों में कॉल करके पढ़ाई शुरू करवाने के लिए मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही। सरकार को चाहिए कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए सुरक्षित वातावरण के लिए आवश्यक निर्देश देते हुए पूरी सावधानी के साथ कोटा में कोचिंग क्लासेज की पढ़ाई शुरू करवाए ताकि देशभर में मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई आगे बढ़ा सकें। वर्तमान में घर में रहकर सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई से विद्यार्थी परेशान हो चुके हैं, क्लासरूम कोचिंग नहीं होने के कारण कई विद्यार्थियों ने तो पढ़ाई तक छोड़ी हुई है, ज्यादातर विद्यार्थी क्लासरूम कोचिंग से पढऩा चाहते हैं और इसीलिए अभिभावक भी लगातार फोन कर रहे हैं।
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सदस्यों का कहना है कि कोटा बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन लगातार चलाया जाएगा। इस संबंध में शहर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रविन्द्र त्यागी से भी मुलाकात की गई। समिति के सदस्य त्यागी के घर पहुंचे और उन्हें ज्ञापन देते हुए कहा कि कोटा में जल्द से जल्द कोचिंग शुरू करवाने के प्रयास हों। इस संबंध में त्यागी ने कहा कि मैं कोटावासियों की मांग का पूरी तरह से समर्थन करता हूं। कोटा में कोचिंग व हॉस्टल बंद होने से लोग परेशान हैं, सड़कों पर हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है। इस संबंध में जल्द ही जयपुर जाकर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के समक्ष मांग रखूंगा, यही नहीं अन्य स्तर पर भी कोटा में कोचिंग शुरू करने की मांग रखी जाएगी। इस दौरान कोटा बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि सरकार बार-बार आश्वासन दे रही है, इससे कोटा का हाल बदहाल हो रहा है, कोटा में स्टूडेंट नहीं आ रहे हैं। यदि सरकार एक तिथि बता दे तो उसके अनुसार कोटा सावधानीपूर्वक तैयारी करे। स्थानीय कोचिंग संसथान और हॉस्टल व अन्य संस्थानों द्वारा राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को पूरी तरह से आश्वस्त किया जा चुका है कि सरकार जो गाइड लाइन बनाएगी उसका अनुसरण कड़ाई से किया जाएगा और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के प्रति कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। इस पर त्यागी ने कहा कि इस संबंध में जयपुर स्तर पर बात करके क्लासेज शुरू करवाने का प्रयास करेंगे।
कोटा बचाओ संघर्ष समिति द्वारा जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भी दिया जा चुका है। इसके अलावा दूसरे दिन जल सत्याग्रह किया। प्रदर्शन करने वालों में शहर के हॉस्टल, पीजी, मैस संचालक, व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, ऑटो चालक यूनियन के सदस्य तथा फुटकर व्यवसायी, बेरोजगार हुए फुटकर व्यापारी, चाय-पोहे के ठेले लगाने वाले, मैस व हॉस्टल्स में काम करने वाली महिलाओं के साथ-साथ हॉस्टल व मैस संचालक भी शामिल थे।