ये कैसी दुश्मनीः विकास कार्यों की आड़ में काट रहे कोटा की अंडर ग्राउंड बिजली सप्लाई की लाइनें

केईडीएल को सूचना तक नहीं देते निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार, 2 साल में 439 बार काटी गईं केबलें

  • 3 महीने में ही 104 जगहों पर काट डाली बिजली की अंडरग्राउंड केबलें, केईडीएल को हुआ करोड़ों का नुकसान 
  • विद्युत आपूर्ति चौपट करने की साशिज, केईडीएल के साथ उपभोक्ताओं को भी उठाना पड़ रहा खामियाजा 

TISMedia@Kota कोटा में 6 साल से निर्बाध बिजली आपूर्ति कर रही कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (KEDL) की साख पर बट्टा लगाने की सियासी साजिशें नाकाम हुईं तो कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। कोटा के उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के लिए डाली गईं भूमिगत केबलों को विकास कार्यों के नाम पर निर्माण कार्य कर रही एजेंसियां बार बार काट रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि निर्माण कार्य के दौरान केईडीएल से समन्वय बनाना तो दूर सूचना तक नहीं दी जा रही। जिसके चलते न सिर्फ केईडीएल को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं शहर के विद्युत उपभोक्ताओं को भी बिजली कटौती का नाहक सामना करना पड़ रहा है।

कोटा में इन दिनों जगह-जगह विकास कार्य चल रहे हैं। कहीं यूआईटी फलाईओवर बना रही है, तो कहीं एलीवेटेड और सीसी रोड का निर्माण कार्य करवा रही है। सीवरेज लाइनें बिछाने के साथ ही यूआईटी कई जगह अंडरपास का निर्माण करवा रही है। यूआईटी के साथ साथ आरयूआईडीपी भी पानी की पाइप लाइनें बिछाने का काम कर रही है। इन सभी कामों को पूरा करने में जुटीं निर्माण एजेंसियों के ठेकेदार शहर भर में जेसीबी से खुदाई करने में जुटे हुए हैं।

Read More: बिजली अभियंताओं पर प्राण घातक हमले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

दुश्मनी या मनमर्जी!
नियमानुसार निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ठेकेदार को बिजली, पानी, टेलीफोन और गैस सप्लाई से जुड़ी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाना होता है, ताकि उस इलाके में बिछीं भूमिगत केबलों आदि के इलाके चिन्हित कर खुदाई आदि कार्य किया जा सके। विभागीय कॉर्डिनेशन होने से खुदाई के दौरान बिजली और टेलीफोन आदि की लाइनों को चिन्हित कर काम शुरू किया जाता है, ताकि उन्हें नुकसान न हो और उपभोक्ताओं को भी परेशानी न उठानी पड़ी, लेकिन बीते दो सालों से कोटा में विकास कार्यों का ठेका लेने वाली निर्माण एजेंसियों ने केईडीएल के साथ कॉर्डिनेशन करना तो दूर निर्माण कार्यों के लिए खुदाई शुरू करने से पहले सूचना तक देना जरूरी नहीं समझा। जबकि यूआईटी और नगर निगम से लेकर राजस्थान विद्युत वितरण निगम और दूरसंचार कंपनियों के बीच इसे लेकर सरकारी स्तर पर पहले से ही करार होता है। ऐसे में विकास कार्यों का ठेका लेने वाली एजेंसियों के ठेकेदार जमकर मनमर्जी कर रहे हैं। नतीजन, सरकारी करार को धत्ता बता पूर्व संचालित व्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। अब ऐसे में इसे ठेकेदारों की मनमर्जी माना जाए या फिर केईडीएल से सियासी दुश्मनी का नतीजा!

Read More: सिंधिया की सौगातः कोटा में बनाएंगे बेहतरीन आधुनिक सुविधायुक्त एयरपोर्ट

2 साल में 439 बार कटीं बिजली केबलें
कोटा में भूमिगत बिजली आपूर्ति लाइनों को काटने का सिलसिला अप्रैल 2019 से शुरू हुआ। विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों और निर्माण एजेंसियों ने बीते दो सालों में 439 बार केईडीएल की अंडरग्राउंड लाइनों को काट डाला। लेकिन, नगर निगम और यूआईटी के साथ केईडीएल के स्ट्रीट लाइटों के बिल को लेकर हुए विवाद के बाद केईडीएल की भूमिगत बिजली सप्लाई लाइनों को काटने में अचानक तेजी आ गई। यूआईटी, आरयूआईडीपी और नगर निगम जैसी सरकारी संस्थाओं के लिए काम कर रहे ठेकेदारों ने बीते तीन महीने में ही 104 जगहों पर केईडीएल की अंडरग्राउंड बिजली सप्लाई केबलें काट डाली। आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक विभिन्न एजेंसियों ने विकास कार्यों के दौरान 128 जगह भूमिगत केबल कटी। वहीं अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक केबल कटने की घटनाएं दोगुना हो गईं। इस दौरान कुल 259 बार भूमिगत बिजली केबलें कटी। वहीं अप्रैल 2021 से जून 2021 तक 104 बार बिजली की भूमिगत हाईटेंशन केबलें काटी जा चुकी है।

Read More: दिल्ली के वीवीआईपी ठिकाने राजस्थान हाउस में बलात्कार! संयुक्त श्रम आयुक्त पर लगे आरोप

बिगड़ रही कोटी की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था 
भूमिगत हाईटेंशन लाइनों के कटने से शहर बड़े इलाके में लंबे समय तक बिजली गुल हो जाती है। भीषण गर्मी के इस दौर में बिजली आपूर्ति बिगड़ने से कोटा के बाशिंदों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं केईडीएल को केबल बदलने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं केईडीएल की टीमें दिनभर इन लाइनों की मरम्मत के लिए दौडती रहती है, लेकिन लाइनें भूमिगत होने के कारण इन्हें ठीक करने में काफी समय लगता है। जब तक केबल ठीक नहीं होती तब तक इनसे जुड़े इलाकों की बिजली बंद ही रहती है। हालांकि केईडीएल उपभोक्ताओं को वैकल्पिक व्यवस्था कर बिजली आपूर्ति करती है, लेकिन इसके चलते दो बार शटडाउन लेना पड़ जाता है।

Read More: सीएम साहब! कोटा से आपका बैर कब खत्म होगा, सिनेमा हॉल खोल सकते हो कोचिंग नहीं

लोगों की जान जोखिम में डाल भाग जाते हैं ठेकेदार 
हाल ही में नम्रता आवास में सीवरेज लाइन डाल रहे ठेकेदार ने केईडीएल को सूचना दिए बिना खुदाई शुरू कर दी। निर्माण एजेंसी और केईडीएल के बीच कॉर्डिनेशन न होने से खुदाई करने वाली जेसीबी ने वहां से गुजर रही 11 केवी भूमिगत केबल के साथ पीएचईडी की पानी की पाइप भी फोड़ डाली। अचानक बिजली गई तो लोगों ने केईडीएल के कस्टमर केयर सर्विस सेंटर पर कॉल कर शिकायतें दर्ज करना शुरू कर दिया। फॉल्ट देखने पहुंची टीम ने जब गड्ढा देखा तो भौंचक्के रह गए। क्योंकि खुदाई की वजह से वहां गहरा गड्ढा हो गया और उसमें पानी भर गया। ऐसे में केईडीएल को न सिर्फ पानी की पाइप ठीक करनी पड़ी बल्कि गड्ढा खाली करने के लिए पंप तक लगाना पड़ा। पांच घंटे की मशक्कत के बाद यह लाइन ठीक हो सकी। लेकिन, सीवरेज पाइप डाल रहे ठेकेदार ने अगले दिन फिर उसी के पास दोबारा 11 केवी की लाइन काट डाली। जिससे केबल ठीक करने के लिए इस इलाके में  फिर से कई घंटों तक बिजली बंद रखनी पड़ी। चौंकाने वाली बात यह थी कि दोनों ही दिन केबल काटने के बाद ठेकेदार जेसीबी भगा ले गया। गनीमत यह रही कि केबल कटने से केईडीएल ने तुरंत शटडाउन ले लिया। यदि केईडीएल ने हाई लेवल सिक्योरिटी इंतजाम न किए होते तो इलाके में करंट फैलने से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!