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कांग्रेस ने किया बिजली कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन, KEDL ने दिया कांग्रेसियों के आरोपों का जवाब

TISMedia@Kota कोटा में बिजली वितरण कर रही जेवीवीएनएल की फ्रेंचाइजी कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (Kedl) के खिलाफ मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों ने गुमानपुरा रोड पर बिजली के मीटरों की शव यात्रा निकाली। वहीं दूसरी ओर केईडीएल ने कांग्रेसियों के आरोपों का जवाब दिया है।

शहर जिला कांग्रेस कमेटी और टीम धारीवाल ने मंगलवार को केईडीएल के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस शहर जिला महामंत्री बिपिन बरथूनिया और साजिद खान के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोटड़ी चौराहे से गुमानपुरा रोड स्थित केईडीएल के दफ्तर तक बिजली के मीटरों की शव यात्रा निकाली। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केईडीएल दफ्तर के बाहर जमकर नारे बाजी की।

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15 दिन बाद फिर प्रदर्शन
बारिश में भीगते हुए प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों ने केईडीएल को कोटा से भगाने का ऐलान किया। शहर जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री बिपिन बरथूनिया ने प्रदेश सरकार से मांग की कि बिजली कंपनी को हटा कर कोटा की बिजली वितरण व्यवस्था फिर से जेवीवीएनएल के हाथों में सौंपी जाए। प्रदर्शन करने वालों में अजय भान, अमित सूद, विकास वाधवानी, दीपक शर्मा, अंकित देवड़ा, मुस्ताक, श्याम लाल, भजन लाल और प्रेम कुशवाहा आदि कांग्रेसी शामिल थे। कांग्रेसियों ने घोषणा की कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो 15 दिन बाद फिर से प्रदर्शन किया जाएगा।

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केईडीएल ने दिया कांग्रेसियों के आरोप का जवाब 
कांग्रेस शहर जिला कमेटी के महासचिव बिपिन बरथूनिया ने सोशल मीडिया के जरिए एक मांग पत्र जारी कर केईडीएल पर कई आरोप लगाए थे। मंगलवार को केईडीएल ने सभी आरोपों और मांग का जवाब दिया है। जिसमें केईडीएल ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

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कांग्रेसियों की मांग और केईडीएल के जवाब 

कांग्रेस की मांगः केईडीएल और सरकार के बीच हुए करार को समाचार पत्रों के माध्यम से जनता के बीच पहुंचाया जाए।
केईडीएल का जवाबः राज्य सरकार व केईडीएल के बीच हुए पीएफपी की प्रति उर्जा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। फिर भी किसी को प्रति चाहिए वह उर्जा विभाग से ले सकता है।

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कांग्रेस की मांगः केईडीएल के स्मार्ट मीटर और नॉन स्मार्ट मीटर के साथ जेवीवीएनएल के मीटर केईडीएल की लैब में जांच किए बगैर लगाए जाएं। क्योंकि वह पहले ही जेवीवीएनएल की लैब में जांच होकर आते हैं।
केईडीएल का जवाबः जयपुर डिस्कॉम व केईडीएल को मीटरों की सप्लाई करने वाली कम्पनी एक ही है। इन मीटरों की जांच एनएबीएल अधिस्वीकृत प्रयोगशाला में जाती है। केईडीएल की प्रयोगशाला में किसी मीटर की जांच नहीं होती है।

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कांग्रेस की मांगः बिजली कंपनी के बिलों में हर महीने आने वाले फ्यूल सरचार्ज को हटाया जाए। क्योकि पहले यह जेवीवीएनएल के समय साल में केवल तीन बार ही आता था।
केईडीएल का जवाबः फ्यूल सरचार्ज जयपुर डिस्कॉम की ओर से लगाया जाता है। फ्यूल सरचार्ज का फैसला राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग करता है। इसको लागू करने की जिम्मेदारी डिस्कॉम की है। केईडीएल जयपुर डिस्कॉम के आदेश से लागू करती है। इससे जो भी राशि वसूल होती है वह जयपुर डिस्कॉम में जमा कराई जाती है। यह व्यवस्था पूरे राजस्थान में लागू है। फ्यूल सरचार्ज हटाने के बारे में राज्य सरकार या राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ही फैसला ले सकते है।

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कांग्रेस की मांगः केईडीएल ने जेवीवीएनएल के करोड़ों रुपए के स्क्रैप तारों और ट्रांसफार्मर को हटाकर जेवीवीएनएल के स्टोर में जमा कराना चाहिए था। उन्हें अभी तक स्टोर में क्यों जमा नहीं करवाया गया या फिर उन्हें बेचकर करोड़ों रुपए का गबन कर लिया गया।
केईडीएल का जवाबः जयपुर डिस्कॉम ने अपनी असेट्स 20 साल के लिए केईडीएल को रखरखाव को दी है। हर साल असेट्स की ऑडिट देश की पांचवी श्रेष्ठ स्वतंत्र ऑडिट एजेंसी केपीएमजी से कराई जाती है। अब तक केईडीएल ने उपयोग लायक नहीं रहे 56 ट्रांसफारमर जयपुर डिस्कॉम में जमा कराए है। जो ट्रांसफारमर ठीक हो सकते हैं, उनको ठीक कर उपयोग में लिया जा रहा है। केईडीएल ने अब तक एक भी ट्रांसफारमर व स्क्रेप नहीं बेचा है। इसके बाद भी केईडीएल को 20 साल बाद जयपुर डिस्कॉम को सारा हिसाब देना होगा।

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कांग्रेस की मांगः महावीर नगर सेकंड के एक मॉल की छत पर 11 केवीए का ट्रांसफार्मर क्यों लगाया गया। उसे हटाया जाए।
केईडीएल का जवाबः देश के उन सभी शहरों जहां घनी आबादी है जैसे दिल्ली, मुम्बई व कोलकोता आदि में छत पर भी ट्रांसफारमर लगाए जाते हैं। यह कोई नई बात नहीं है। छत पर ट्रांसफारमर लगाए जाने से पहले सुरक्षा के सारे इन्तजाम किए जाते हैं।

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कांग्रेस की मांगः केईडीएल के खिलाफ जांच कमेटी बनाई जाए। जिसमें दो जेवीवीएनएल के अधिकारी, एक यूआटी और एक निगम के अधिकारी के साथ-साथ एक जनप्रतिनिधि और दो जनता के लोग शामिल हों।
केईडीएल का जवाबः जांच कमेटी गठित करने के बारे में राज्य सरकार से निवदेन कर सकते है। वैसे हर साल स्वतंत्र ऑडिट एजेसी से जांच कराई जाती है। एग्रीमेंट के अनुसार केईडीएल को हर महीने जयपुर डिस्कॉम को सारी जानकारी देनी होती है जिसकी क्रॉस चैकिंग की जाती है।

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