Trending

मुफ्त की जमीन पर निजी कंपनियां बनाएंगी कोटा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट, 74 फीसदी तक होगी हिस्सेदारी

कोटा के नए एयरपोर्ट के बारे में जानिए वह सब कुछ जो आपको अभी तक नहीं है पता

  • दो साल से शंभूपुरा की जमीन को लेकर अटका था कोटा के नए एयरपोर्ट का फैसला 
  • गहलोत सरकार ने 1250 एकड़ जमीन मुफ्त में दी, पुराने एयरपोर्ट की जमीन भी हाथ से निकली

TISMedia@Kota राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मोहर लगते ही कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनने का रास्ता एकदम साफ हो गया है। राजस्थान सरकार ने ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को शंभूपुरा क्षेत्र में 1250 एकड़ जमीन मुफ्त में देने के प्रस्ताव पर आखिरी मोहर लगा दी है। मुफ्त की इस जमीन पर अब देश के बड़े कारोबारी समूह हवाई अड्डा बनाएंगे।

Read More: पोर्नोग्राफी केस में शिल्पा शेट्टी के घर क्राइम ब्रांच का छापा, गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे कुंद्रा

कोटा के लोगों के रोजगार से सीधे जुड़े कोटा कोचिंग संस्थानों और उद्योग धंधों के विकास एवं विस्तार के फैसलों पर सालों बाद भी कोई निर्णय न ले पाने वाली सरकारों ने कोटा में नया हवाई अड्डा बनाने का फैसला आनन-फानन में कर लिया। जबकि इस हवाई अड्डे के निर्माण से लेकर संचालन तक निजी कंपनियों के हाथों में होगा। गौर करने वाली बात है कि कोटा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण केंद्र या राज्य सरकार नहीं बल्कि, मुनाफे में करीब एक तिहाई हिस्सेदारी लेने वाले निजी कारोबारी समूह करेंगे।

Read More: Parliament Monsoon Session 2021: TMC के बवाली सांसद शांतनु सेन पूरे सेशन के लिए सस्पेंड

74 फीसदी तक होगी हिस्सेदारी 
ग्रीन फील्ड शब्द सुनते ही ज्यादातर लोगों के दिमाग में “हरियाली” कौंध उठती है, लेकिन जब बात एयरपोर्ट की आती है तो इसका मतलब होता है सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी मोड) के आधार पर तैयार की जाने वाली परियोजना। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने देश में हवाई अड्डों के निर्माण के लिए निजी कंपनियों और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का रास्ता खोलने के लिए जो परियोजना बनाई है उसी का नाम रखा गया है “ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट”। इस परियोजना के तहत ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से लेकर उसके संचालन तक में निजी क्षेत्र को सबसे ज्यादा हिस्सेदारी दी गई है। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट परियोजना में निजी क्षेत्र को 74% फीसदी तक की हिस्सेदारी मिल सकती है। जबकि राज्य सरकार एवं भारतीय विमान प्राधिकरण की सहित बाकी सरकारी हिस्सेदारियां 26% फीसदी के आसपास ही होंगी। इतना ही नहीं  ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट परियोजना में शत-प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की भी अनुमति दी जा चुकी है। इस परियोजना के तहत हैदराबाद के शमशाहाबाद में निर्मित राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट है। जिसे जीएमआर ने तैयार किया है। इस 2,470 करोड की परियोजना में निजी क्षेत्र का हिस्सा 63 प्रतिशत है।

Read More: दूरस्थ शिक्षा को सार्थक बनाना है तो ऑनलाइन मोड में करानी होगी पढ़ाईः कलराज मिश्र

इसीलिए नहीं बन रही थी बात 
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से प्रयासों से कोटा के शंभूपुरा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने का रास्ता तो साल 2019 में ही साफ हो गया था, लेकिन भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने तब इसके लिए करीब 500 हेक्टेयर जमीन मांगी थी। जबकि कोटा नगर विकास न्यास पहले से ही “विकास की संभावनाओं” का अंदाजा लगाकर अपने मास्टर प्लान एयरपोर्ट विकसित करने के लिए बूंदी जिले में पड़ने वाले तीन गांवों जाखमुंड, रामपुरिया और तुलसा गांव की करीब 2745 बीघा खाली जमीन चिन्हित कर चुका था। दो साल तक एएआई और यूआईटी के बीच जमीन के आकार को लेकर दर्जनों बैठकों के दौर चलते रहे। पहले यूआईटी ने कम जमीन देने की बात कही, लेकिन बाद में एएआई ने 1250 एकड़ से कम जमीन लेने से साफ मना कर दिया।

Read More: राजनीतिक नियुक्तियांः दो दर्जन कांग्रेसियों पर बरसी “पार्षदी” की कृपा

और अचानक ऐसे बनी बात 
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी पहले ज्यादा जमीन न देने पर अड़े थे, लेकिन करीब एक साल की जद्दोजहद के बाद जैसे ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभाला, केंद्र से लेकर राज्य तक के सुर अचानक बदल गए। मंत्री बनने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने जब सिंधिया उनके घर पहुंचे तो बिरला ने कोटा में अटका एयरपोर्ट के निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू कराने के लिए कहा। जिसके बाद रातों रात राजस्थान सरकार ने एएआई की मांग को मान लिया और शंभूपुरा क्षेत्र में 1250 एकड़ जमीन मुफ्त देने के प्रस्ताव बना उसे आनन-फानन में मंजूरी भी दे दी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर अंतिम मोहर भी लगा दी।

Read More: “जेम्स बॉड” बनने के चक्कर में तीन दोस्तों ने कर डाली युवक की हत्या, बदलते रहे लाश का ठिकाना

क्यों पड़ी इतनी जमीन की जरूरत
कोटा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की जमीन का सर्वे करने आए एएआई के अधिकारियों ने मौका मुआयना करते समय मीडिया को बताया था कि एयरपोर्ट तो सिर्फ 300 से 400 एकड़ जमीन पर ही बनेगा, लेकिन बाकी जमीन एयरपोर्ट का निर्माण करने वाले कारोबारी समूह को हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का विकास करने के लिए दी जाएगी। जिनमें बड़े विमानों और आपातकालीन लैंडिंग जैसी सुविधाओं के साथ-साथ मुसाफिरों के लिए होटल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, पार्किंग, कैफेटेरिया और लाउज जैसी सुविधाएं लग्जरियस सुविधाएं शामिल हैं।

Read More: खबरों का खौफ: तो! भास्कर की तीखी पत्रकारिता से डरी सरकार, आप भी देखिए कौन सी हैं वह खबरें

3.5 किमी का होगा रनवे 
कोटा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयपोर्ट के लिए जमीन का भौतिक सत्यापन करने आई एएआई की हाई प्रोफाइल टीम के सदस्यों के मुताबित कोटा एयरपोर्ट पर देश का सातवां सबसे लंबा यानि 3.5 किमी का रनवे बनाया जाएगा। जिस पर बोइंग 747 और एयरबस ए-302 जैसे जंबो जहाज उतर सकेंगे।

Read More: #राजस्थान_तैयार_हैः तीसरी लहर के मुकाबले को कोटा में होगी 700 पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती

कोटा को होगा यह फायदा
एजुकेशन के नजरिए से उत्तर भारत में कोटा सबसे बड़ा हब माना जाता है। यहां इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की तैयारी कराने के लिए एक से बढ़कर एक कोचिंग सेंटर हैं। यही कारण है कि राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, यूपी, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर के अलावा नॉर्थ ईस्ट से जुड़े राज्यों के लाखों स्टूडेंट यहां हर साल पढ़ाई करने आते हैं। इन स्टूडेंट्स को अभी यहां पहुंचने का सबसे बड़ा जरिया ट्रेन है। एयरपोर्ट छोटा है, इसलिए फ्लाइट की संख्या भी सीमित है। नया एयरपोर्ट बनने के बाद उन शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू हो जाएंगी, जहां के लिए अभी सेवा नहीं है। साथ ही, फ्लाइट की संख्या भी बढ़ जाएगी। इससे कोटा आने-जाने वालों को ज्यादा लाभ होगा। इसके अलावा बूंदी के पर्यटन स्थल और कोटा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, बूंदी एरिया में फैला मुकुंदरा हिल अभ्यारण, सवाई माधोपुर रणथम्भौर आने वाले पर्यटकों का भी समय बचेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!