कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित, पुरानी पेंशन योजना हो लागू

कोटा. एनपीएस एम्प्लाइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान (एनपीएसईएफआर) के प्रदेश समन्वयक विनोद कुमार ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम कार्मिकों की संख्या देश में 70 लाख को पार कर चुकी है। इस स्कीम में सरकारी कार्मिकों का जमा धन 4 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी के 6.5 प्रतिशत के बराबर है। वहीं देश में शिक्षा पर जीडीपी का मात्र 4 प्रतिशत ही खर्च हो रहा है।

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वे मंगलवार को संगठन के तृतीय स्थापना दिवस पर राज्य स्तरीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनपीएस कार्मिकों का इतना धन शेयर बाजार में है,जो बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। इसलिए देशभर में कर्मचारी गुस्से में है व आंदोलनरत है। राजस्थान में भी न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लाइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान के नेतृत्व में कर्मचारी पिछले तीन साल से संघर्षरत हैं। इसी संघर्ष की कड़ी में 31 अक्टूबर तक मुख्यमंत्री के नाम पोस्टकार्ड अभियान कार्यक्रम जारी है, क्योंकि संगठन का मानना है कि पुरानी पेंशन योजना को राज्य सरकारें भी लागू कर सकती हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम के कर्मचारियों को आग्रह किया कि उनको भी एनपीएस में लाए जाने का खतरा बरकरार है। इसलिए इन्हें समय रहते संघर्ष में आ जाना चाहिए। दीपावली पर धनतेरस से भाईदूज तक पांच दिवसीय “एक दीपक पुरानी पेंशन के नाम” जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया है।

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सेमिनार का आयोजन एनपीएसईएफआर के प्रदेश संरक्षक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ रूक्टा के प्रांतीय संयुक्त सचिव डॉ.रमेश बैरवा ने किया। सेमिनार में डॉ. शिवचरण चेड़वाल, डॉ. महेश गोठवाल, डॉ. लाधूराम चौधरी, डॉ. संजय रॉयपुरिया, डॉ. सुभाष यादव, विनोद मीणा,ज्योति राठौड़, डॉ. मल्लूराम मीणा, संजयसिंह सहित राजस्थान के विभिन्न कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया।

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