कोटाः उत्तर में कांग्रेस का कब्जा, दक्षिण में निर्दलीय ‘किंगमेकर’

कोटा. नगर निगम चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को जमकर पटकनी दी। कोटा उत्तर का किला फतेह करने के साथ ही दक्षिण में मुकाबला बराबरी पर लाकर छोड़ा। स्थानीय नेताओं को दरकिनार करना भाजपा को खासा भारी पड़ा। वहीं पूरा चुनाव शांति धारीवाल के इर्द-गिर्द ही समेट कर रखने की कांग्रेस की रणनीति कारगर साबित हुई।

कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण नगर निगम के पूरे चुनावी नजीते शाम 5.30 बजे तक आ गए। शुरुआत से ही एक बोर्ड भाजपा और एक बोर्ड कांग्रेस की रणनीति के साथ लड़ा गया यह चुनाव परिणाम आने तक खासा दिलचस्प हो गया। कांग्रेस ने न सिर्फ कोटा उत्तर में भारी बहुमत हासिल किया। बल्कि कोटा दक्षिण में भाजपा को कड़ी टक्कर दी। शुरुआती नतीजों में कांग्रेस खासी बढ़त बनाए हुई थी, लेकिन 25 सीटें जीतने के बाद कभी एक कदम आगे और कभी एक कदम पीछे का खेल चलता रहा। आखिरी परिणाम जारी होने पर दोनों ही दलों को 36-36 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

उत्तर में कांग्रेस राज

कांग्रेस ने कोटा उत्तर में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। निगम की 70 सीटों में से 47 पर कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की है। जबकि भाजपा को महज 14 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है। जबकि निर्दलीयों ने खासा अच्छा प्रदर्शन करते हुए 9 सीटें जीत ली। इस निगम में मेयर का पद एससी महिला के लिए आरक्षित है, लेकिन जीते हुए प्रत्याशियों में से किसे यह मौका मिलेगा इसका निर्णय पार्टी ने धारीवाल पर ही छोडड दिया है।

दक्षिण में निर्दलीय निर्णायक

कोटा दक्षिण में भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटने के बाद अब जीते हुए सातों निर्दलीय प्रत्याशी निर्णायक भूमिका में आ गए हैं। जिस दल की ओर जितने ज्यादा निर्दलीय पार्षद टूटेंगे उसी का बोर्ड बनना तय है। हालांकि निर्दलीयों की ओर से नया गुट बनाकर समर्थन मांगने की रणनीति भी बनने लगी है।

फेल हुई भाजपाई रणनीति

कोटा के स्थानीय नेताओं चाहे वह विधायक हों या फिर पूर्व मेयर को चुनावी रणनीति, प्रचार और प्रत्याशी चयन से अलग रखने की भाजपा की रणनीति पार्टी की हार की सबसे बड़ी वजह रही। पुराने पार्षदों पर भरोसा न जता नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की योजना भी किसी काम नहीं आ सकी। इसके साथ ही भाजपा के प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार में कोटा-बूंदी सांसद की कमी भी जमकर खली। संविधानिक पद पर आसीन होने के कारण वह चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो सके। वहीं पूरे चुनाव में नगर विकास मंत्री शांति धारीवाल विकास का विकास का एजेंडा, काम और संगठन पर पूरी पकड़ चुनावी सफलता की वजह बनी।

चुनावी आंकड़ेः- 

कोटा उत्तरः कुल वार्ड 70ः कांग्रेस- 47, भाजपा-14, निर्दलीय-09

कोटा दक्षिणः कुल वार्ड 80ः कांग्रेस-36, भाजपा-36, निर्दलीय-08

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