जेब में रखकर घूमता था कलक्टर और यूआईटी सचिव की सील, करोड़ रुपए की जमीन बेच डाली

रेलवे कॉलोनी पुलिस ने दबोचा शातिर भूमाफिया, कोर्ट ने 23 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा

TISMedia@Kota कोटा रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने विज्ञान नगर थाने में दर्ज धोखाधड़ी कर सरकारी जमीन को बेच 1.30 करोड़ की ठगी करने के माममे में आरोपी भूमाफिया को गिरफ्तार किया है। उसे शनिवार को न्यायालय में पेश कियाए जहां से 23 तक पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा है। आरोपी दो प्रकरणों में लम्बे समय से फरार चल रहा था। इसके खिलाफ कई जिलों के पुलिस थानों में 12 आपराधिक प्रकरण ठगी व धोखधड़ी के दर्ज हैं।

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पुलिस अधीक्षक शहर केसर सिंह शेखावत ने बताया कि फरियादी रविन्द्र नागर ने विज्ञान नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि आरोपी धनकिशोर उर्फ नंदकिशोर व्यास ने हनुवंतखेड़ा स्थित सरकारी जमीन को अपनी बताकर उसे बेच दिया और 1.30 करोड़ की ठगी कर ली। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। वहीं फरियादी ने एक रिपोर्ट रेलवे कॉलोनी थाने में भी दी थी। इसमें बताया था कि आरोपी ने गंगाईचा गांव में हैदर अली की जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे 1 करोड़ 10 लाख रुपए में बेच दिया। इसकी एडवांस राशि 6 लाख रुपए ले लिए। पुलिस ने मामला दर्ज किया था। दोनों प्रकरणों का अनुसंधान रेलवे कॉलोनी थानाधिकारी मुनीन्द्र सिंह को सौंपा गया।

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तीन आरोपी पहले ही दबोचे 
पुलिस ने दोनों प्रकरणों में गिरोह के सदस्य योगेश पालीवाल, शहजाद अली उर्फ सज्जा और जगन्नाथ लश्करी को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। जबकि आरोपी धनकिशोर उर्फ नंद किशोर काफी लम्बे समय से फरार था। थानाधिकारी मुनीन्दर सिंह मय टीम ने 3 सितम्बर को आरोपी जोधपुर हाल हनुमान बस्ती दादाबाड़ी निवासी धनकिशोर उर्फ नंदकिशोर व्यास को बावरी सराय आमेर जयपुर से गिरफ्तार किया था। उसे न्यायाल में पेश कर जेल भेज दिया था। शुक्रवार को विज्ञान नगर के प्रकरण में उसे जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। शनिवार को न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे 23 सितम्बर तक रिमाण्ड पर भेज दिया है।

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आला अफसरों की फर्जी मोहर
आरोपी ने हनुवंतखेड़ा की सरकारी जमीन में मुख्य शासन सचिव, जिला कलेक्टर कोटा, तहसीलदार लाडपुरा, एसडीएम और यूआईटी सचिव की फर्जी सील लगाकर एक फर्जी आदेश बनाया। जिसके जरिए इस सरकारी जमीन का फर्जी राजस्व रिकार्ड तैयार किया। फर्जी दस्तावेजों से फरियादी रविन्द्र नागर को हनुवंतखेड़ा में स्थित सरकारी जमीन को अपनी बताकर गैंग के सदस्यों के माध्यम से बेच दिया एवं 10 करोड़ 50 लाख रुपये में सौदा कर एडवांस राशि 1 करोड़ 30 लाख रुपए ठग लिए थे।

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भेष बदल छिपता फिरा
आरोपी ने अपनी पहचान छिपाने के लिए विभिन्न वेश धारण कर धर्मशाला, मठ, मंदिर व आश्रम में छिपकर रहा। पुलिस को गुमराह करने के लिए राज्यपाल के मार्फत राष्ट्रपति के नाम एक झूठा परिवाद आत्महत्या व इच्छामृत्यु का पेश किया। जिसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था।

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