कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ता भिड़े, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, दर्जन भर घायल
- निर्दलीय पार्षद लेखराज योगी को मतदान से रोकने के लगे आरोप
- राज्य सरकार ने दिए लाठीचार्ज की घटना के जांच के आदेश, अफसरों पर गाज गिरना तय
कोटा. दक्षिण का घमासान मंगलवार को सड़कों तक आ पहुंचा। दोपहर में जैसे ही निर्दलीय पार्षद लेखराज योगी बस में सवार होकर मतदान करने कोटा नगर निगम पहुंचे, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें बस से उतारने की कोशिश की। ऐसे में योगी को बचाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता बीच में कूद पड़े। दोनों पक्षों के बीच भिड़ंत होती देख पुलिस को दो बार लाठीचार्ज करना पड़ा। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए।
कोटा दक्षिण नगर निगम के महापौर चुनाव में पार्षदों के मतदान के दौरान निर्दलीय पार्षद लेखराज योगी को बस से उतारने के लिए कांग्रेस व भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। दोनों गुटों के बीच मारपीट की नौबत आई तो हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। किया। लाठीचार्ज में दोनों पक्षों के एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।
भाजपाई लाए थे योगी को मतदान कराने
भाजपा के बाड़े में बंद निर्दलीय पार्षदों को जब मतदान के लिए नगर निगम लाया गया तो कांग्रेस कार्यकर्ता उसे बस से नीचे उतारने की कोशिश में जुट गए। कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा पर आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने लेखराज योगी को जबरन कब्जे में ले रखा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जैसे ही योगी को बस से नीचे उतारने की कोशिश की मौके पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ता उन से भिड़ गए। तब भाजपा खेमे में शामिल निर्दलीय पार्षद लेखराज को बस से नीचे उतारने के लिए कांग्रेसी व भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ और निर्दलीय को सीधे मतदान के लिए ले जाने के लिए दबाव बनाया।
पुलिस ने किया दो बार लाठीचार्ज
भाजपा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आपस में भिडता देख हालात काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। जिसमें हाड़ौती विकास मोर्चा के शहर शाहिद और कांग्रेस कार्यकर्ता जंयत सिंह राजावत लहुलुहान हो गए। इसके बाद दोनों गुट सीएडी सर्किल पर आ गए। वहीं राजेंद्र सांखला भी पुलिस से भिड़ गए। जिसके बाद पुलिस ने सभी लोगों को खदेड़ने के लिए दोबारा लाठीचार्ज किया। जिसमें भाजपा और कांग्रेस के दर्जन भर से ज्यादा कार्यकर्ता चोटिल हो गए। सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जांच के आदेश
लाठीचार्ज के बाद कोटा से लेकर जयपुर तक हड़कंप मच गया। सरकार ने आनन-फानन में घटना की प्रशासनिक जांच के आदेश जारी कर दिए। सरकार ने पूरे मामले की जांच गृह सचिव एन एल मीणा को सौंपी है। जांच के लिए उनके जल्द ही कोटा आने की संभावना है। इसके बाद मौके पर मौजूद कुछ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।