Congress: पार्टी ज्वाइन करनी है तो देना होगा “मुंह बंद” रखने का हलफनामा
पार्टी की मेंबरशिप के फॉर्म में हुआ बड़ा बदलाव, बागी नेताओं से सावधान हुई कांग्रेस
- सार्वजनिक मंच पर आलोचना न करने का देना होगा हलफनामा
TISMedia@PoliticalDesk कांग्रेस ज्वाइन करना अब आसान नहीं होगा। कांग्रेस की मेम्बरशिप लेने के लिए अब न सिर्फ फॉर्म भरना पड़ेगा, बल्कि “मुंह बंद” रखने का हलफनामा भी देना होगा। दरअसल, कांग्रेस एक नवंबर से 31 मार्च 2022 तक सदस्यता अभियान चलाने जा रही है। इसको लेकर पार्टी की ओर से नया मेंबरशिप फॉर्म जारी किया गया है। जिसमें एक शर्त यह भी है कि सदस्यता लेने वाले व्यक्ति को यह हलफनामा देना होगा कि वह पार्टी की नीतियों व निर्णयों की आलोचना सार्वजनिक तौर पर नहीं करेगा।
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बीते कई चुनावों में लगातार फजीहत होने के बाद अब देश की सबसे पुरानी पार्टी नई परिपाटी शुरू करने जा रही है। कांग्रेस अब हर किसी को पार्टी की सदस्यता नहीं देगी। पार्टी ज्वाइन करने के लिए बकायदा लंबा चौड़ा फॉर्म भरना होगा। इस फार्म में एक दो नहीं बल्कि पूरे 10 बिंदु रखे गए हैं। जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सदस्यता लेने वाले व्यक्ति को यह हलफनामा देना होगा कि वह पार्टी की नीतियों व निर्णयों की आलोचना सार्वजनिक तौर पर नहीं करेगा। इसके अलावा यह शर्त भी रखी गई है कि सदस्यता लेने वाला कोई भी व्यक्ति कानूनी सीमा से अधिक संपत्ति नहीं रखेगा।
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यह है शपथ पत्र का प्रारूप
कांग्रेस के मेंबरशिप फॉर्म में साफ तौर पर लिखा है कि- ‘मैं धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद व लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए सदस्यता लेता हूं। मैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, खुले तौर पर या किसी तरह से पार्टी मंचों के अलावा, पार्टी की स्वीकृत नीतियों व कार्यक्रमों की आलोचना नहीं करूंगा।’
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फजीहत से लिया सबक
कांग्रेस की नीतियों व फैसलों को लेकर पार्टी के नेताओं ने ही जमकर फजीहत करवाई थी। वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने तो मीडिया से बातचीत के दौरान यहां तक कह दिया था कि ‘पार्टी में निर्णय कौन ले रहा है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। पार्टी का अध्यक्ष कौन है यह ही नहीं पता है। हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है।’ इसके अलावा गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस कार्यसमिति की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की थी। उन्होंने अध्यक्ष के चुनाव की भी मांग की थी। इसके अलावा कांग्रेस में युवा बनाम बुजुर्ग नेताओं की लड़ाई भी कई बार सार्वजनिक तौर पर सामने आ चुकी है।
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सोनिया गांधी ने दिखाए तेवर
सार्वजनिक मंचों पर अपनी ही पार्टी की आलोचना और किरकिरी के बाद सोनिया गांधी ने अपने तेवर जी-23 नेताओं को दिखाए थे। उन्होंने सीधे नाम न लेते हुए जी-23 नेताओं को फटकार लगाई थी और अध्यक्ष की मांग पर साफ कहा था कि मैं ही कांग्रेस की अध्यक्ष हूं और फैसले भी मैं ही ले रही हूं। उन्होंने यहां तक भी कह दिया था कि कुछ भी कहने के लिए मीडिया के सहारे की जरूरत नहीं है।