वसुंधरा-ज्योतिरादित्य बनेंगे केंद्र में मंत्री, आज कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार के विस्तार पर लगेगी मोहर

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आज, मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार का खींचा जाएगा खाका

TISMedia@नेशनल डेस्कः मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार पर आज मोहर लग सकती है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और फिर कोरोना के कहर के चलते बीते एक साल से टल रहे मंत्रिमंडल के विस्तार का खाका लगभग खींचा जा चुका है। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार यानि आज होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट में जगह मिलना तय है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में दोनों की वजह से पार्टी में खासा घमासान मचा है जिसे खत्म करने के लिए उन्हें केंद्र की राजनीति में लाने का फैसला किया गया है। इनके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में 5 से 7 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहले मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी जोरशोर से चल रही है। प्रधानमंत्री अलग-अलग मंत्रियों के साथ बैठक कर उनके मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा कर चुके हैं। इन बैठकों में गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। काम काज की समीक्षा का यह दौर बीते सप्ताह गुरुवार से शुरू हुआ। बैठकों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ कई मंत्रालय संभाल रहे मंत्रियों का बोझ कम करने पर जोर दिया। सूत्रों के मुताबिक इन बैठकों के बाद प्रधानमंत्री ने कृषि, ग्रामीण विकास, पशु पालन एवं  मत्स्य पालन, आदिवासी मामले, शहरी विकास, संस्कृति, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन, नागरिक उड्डयन, रेलवे, भोजन और उपभोक्ता मामले, जल शक्ति, पेट्रोलियम, स्टील और पर्यावरण मंत्रालयों के मंत्रियों को भी बुलाया।

तीन समूहों में चली बैठकें 
केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के आवास पर बीते एक सप्ताह से चल रही इन बैठकों के बात तीन समूहों में विशेष बैठकें भी की गईं। पांच-पांच घंटे से अधिक समय तक चली इन बैठकों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी भी मौजूद रहे। भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों से कुछ महत्वपूर्ण नेता मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन से बाहर होने व लोजपा के रामविलास पासवान की मौत के बाद मंत्रिमंडल में कुछ अहम पद खाली चल रहे हैं। अभी सिर्फ आरपीआई के रामदास अठावले ही भाजपा के सहयोगी दलों के तौर पर बतौर राज्य मंत्री सरकार में शामिल हैं। आरपीआई के अलावा लोकसभा में साथ देने वाले एनडीए के एक भी सहयोगी दल को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हासिल नहीं है। ऐसे में एनडीए के सहयोगी दलों का सरकार में प्रतिनिधित्व सिर्फ प्रतीकात्मक भर रह गया है।

वसुंधरा-ज्योतिरादित्य बनेंगे केंद्रीय मंत्री
नरेंद्र मोदी कैबिनेट का विस्तार सियासी मायनों में खासा महत्वपूर्ण होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी सबसे पहले मध्यप्रदेश और राजस्थान में चल रही अंदरूनी उठापठक को खत्म करने की कोशिश में जुटी है। इसके लिए पार्टी ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ ताल ठोक रही असंतुष्ट नेता वसुंधरा राजे को प्रदेश की राजनीति से हटाकर केंद्र में लाने की तैयारी पूरी कर ली है। वसुंधरा के तमाम इनकार के बावजूद रविवार को उन्हें दिल्ली बुला लिया गया और तब से वह यहीं बनी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा को केंद्र में इसी शर्त पर जगह दी जा रही है कि राजस्थान की राजनीति में उनका दखल कम से कम रहेगा। हालांकि शुरुआती दौर में वसुंधरा इसके लिए राजी नहीं हुईं और अपनी जगह बेटे दुष्यंत को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर जोर देती रहीं, लेकिन पार्टी हाईकमान के साफ इनकार और राजस्थान की कुछ सीटों पर प्रत्याशी तय करने के वायदे के बाद बात बन गई। केंद्र सरकार में पहली बार बुआ भतीजे एक साथ दिखाई दे सकते हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी सूबे की सियासत से बाहर निकालने के लिए भाजपा आला कमान केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने की तैयारी में जुटा है।

इन्हें भी मिल सकती है जगह 
मोदी मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में भाजपा का पूरा फोकस अपनी सियासी गोटियां सेट करने पर ही रहेगा। इसके लिए जनता के बीच बेहद लोकप्रिय होने के बावजूद हसिए पर धकेल दिए गए असंतुष्ट चल रहे नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह देने की पूरी तैयारी है। इनमें सबसे बड़ा नाम संजय और मेनिका गांधी के बेटे वरुण गांधी का है। इसके साथ ही भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव और जामयांग शेरिंग नामग्याल का भी नाम खासा चर्चाओं में है। वहीं जेडीयू को प्रतिनिधित्व देने के लिए भी मंत्रालयों पर गहनता से चर्चा चल रही है। जिसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। बता दें कि साल 2019 में मोदी सरकार के गठन के दौरान जेडीयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का ऑफर बीजेपी ने दिया था, लेकिन उस समय महज एक मंत्री पद ही दिया जा रहा था, लेकिन नितीश अपने किसी साथी को नाराज नहीं करना चाहते थे इसीलिए उन्होंने कम से कम दो पदों की मांग की थी, जो इस बार पूरी होती नजर आ रही है। ऐसे में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।

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