दूरस्थ शिक्षा को सार्थक बनाना है तो ऑनलाइन मोड में करानी होगी पढ़ाईः कलराज मिश्र
35वें स्थापना दिवस पर वीएमओयू में आयोजित हुए कई वर्चुअल कार्यक्रम
- कुलाधिपति ने पाठ्यक्रमों और शिक्षकों को नए दौर की जरूरतों के मुताबिक अपडेट करने के दिए निर्देश
- राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के नवनिर्मित परीक्षा भवन के प्रथम तल का किया वर्चुअल लोकार्पण
TISMedia@Kota कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया वर्चुअल मोड पर शिफ्ट हुई तब जाकर लोगोंं को डिस्टेंस एजुकेशन का महत्व समझ आया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम इसी को अपनी उपलब्धि समझ विकास की प्रक्रिया से अलग हो जाएं। नया दौर डिजिटल का है। इसीलिए अब दूरस्थ शिक्षा देने वाले विश्वविद्यालयों को इस पद्धति में भी महारथ हांसिल करनी होगी। यदि वह अपडेट नहीं होंगे तो पहले की तरह फिर उनका महत्वहीन होना तय है। हिदायतों भरी यह सलाह वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (VMOU) के 35वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए दी।
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मंजिल नहीं यह पड़ाव है, तैयार रहें
दूरस्थ शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा में हर कोई कहीं से भी प्रवेश लेकर अपनी शिक्षा पूरी कर सकता है और यह काफी सस्ती और सुगम भी है। उन्होंने तकनीकी ज्ञान के युग में मुक्त शिक्षा को गांवों तक पहुंचाने की बात कही। श्री मिश्र ने कहा कि ओपेन यूनिवर्सिटीज को अपने पाठ्यक्रमों को समय के अनुसार बदलने चाहिए और नई-नई चीजों को जोड़ना चाहिए। अच्छे पाठ्यक्रमों के लेखन के लिए नामी विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिए। कुलाधिपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें अपने शिक्षण और प्रशिक्षण में काफी बदलाव करने होंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में खुला विश्वविद्यालय ने लाखों विद्यार्थियों की घर बैठे ही मदद की। श्री मिश्र ने कहा कि आज शिक्षकों को नई जानकारियों के साथ अपने को अद्यतन करना होगा तथा मूल्यपरक और कौशल विकास वाली शिक्षा प्रदान करनी होगी। कुलाधिपति ने कहा कि अब ऑनलाइन एजूकेशन का दौर है और इसे कारगर बनाने के लिए विश्वविद्यालयों को आगे आना होगा। श्री मिश्र ने वीएमओयू के कैंपस-टू कम्यूनिटी कनेक्ट कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि हमें सामाजिक जिम्मेदारियां भी निभानी होंगी। राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विश्वविद्यालयों को अपने शिक्षण-प्रशिक्षण को ऐसा बनाना होगा जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके और कार्यकुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सके।
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भविष्य की करें तैयारी
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप खुला विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने कोरोना काल में अभूतपूर्व कार्य किया है। जिससे उच्च शिक्षा व्यवस्था को पटरी से नहीं उतरने दिया गया। उन्होंने कहा कि कोविड की पहली और दूसरी लहर के बावजूद लाखों छात्रों की मदद के लिए खुला विश्वविद्यालय सामने आया और उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री भाटी ने कहा कि वीएमओयू का ऑनलाइन सेटअप बहुत अच्छा है और इस विश्वविद्यालय को भविष्य के हिसाब से तैयारी करनी होगी तथा अन्य विश्वविद्यालयों की भी मदद करनी होगी। उन्होंने कहा कि मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के जरिए राज्य की उच्च शिक्षा में काफी कार्य हुआ है। छात्रों को ई-लेक्चर और ई-कंटेट मुहैया कराने में राज्य के शिक्षकों ने काफी कार्य किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों ने टीकाकरण तथा जन सहयोग में जो भूमिका अदा की है वह काफी काबिलेतारीफ है। उन्होंने कहा कि अब स्कूलों को खोलने की तैयारी की जा रही है और इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। श्री भाटी ने वीएमओयू के कार्यों को काफी सराहा।
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और मजबूत करनी होगी व्यवस्था
वीएमओयू के संस्थापक कुलपति प्रो वीआर मेहता ने भारत में दूरस्थ शिक्षा की स्थितियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में दूरस्थ शिक्षा को लेकर काफी भ्रांतियां और संदेह थे, लेकिन समय के साथ सब बदल गया। उन्होंने कहा कि आज वीएमओयू में सवा लाख बच्चे शिक्षा पा रहे हैं। काफी खुशी है कि जिस पौधे को उन्होंने रोपा था आज वह अच्छे फल दे रहा है। श्री मेहता ने कहा कि आज सामान्य और वोकेशनल दोनों प्रकार के पाठ्यक्रमों पर जोर देना चाहिए तथा ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाना चाहिए। प्रो मेहता ने कहा कि वीएमओयू में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना एक नया कदम है और राजस्थान में कुशल कामगारों की कमी नहीं है, जरूरत है कि उसे अपग्रेह करके प्रशिक्षित किया जाए जिसके सुखद परिणाम होंगे। प्रो मेहता ने वर्तमान कुलपति प्रो गोदारा के कार्यों की प्रशंसा की। प्रो मेहता ने कहा कि हमारे देश में असमानता है और ऐसे में ओपेन यूनिवर्सिटीज में ही क्षमता है कि वे अपने शैक्षिक सिस्टम से गरीबों की उच्च शिक्षा में मदद कर सकती हैं।
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कुलाधिपति ने किया लोकार्पण
वीएमओयू के कुलपति प्रो आरएल गोदारा ने कहा कि 18 महीनों से हम सभी कोविड महामारी से जूझ रहे हैं और ऐसे में वीएमओयू ने अभूतपूर्व कार्य करते हुए विद्यार्थियों को घर बैठे शैक्षिक सुविधाएं दी हैं। प्रो गोदारा ने कहा कि विश्वविद्यालय लगातार ऑनलाइन सिस्टम को मजबूत कना रहा है और आनलाइन कोर्सेज को शुरू करने तथा असाइनमेंट के ऑनलाइन मूल्यांकन पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रो गोदारा ने कहा कि आज मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा का भविष्य है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अहम बिंदुओं को लागू करने की ओर भी विश्वविद्यालय अपनी तैयारी कर रहा है, जिससे युवाओं, महिलाओं और वंचितों को उच्च शिक्षा का समुचित लाभ हासिल हो सके। प्रो गोदारा ने कार्यक्रम के बाद धन्यवाद ज्ञापन भी किया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में कुलाधिपति श्री मिश्र ने विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन के नवनिर्मित प्रथम तल का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल, विद्या परिषद के सदस्यों के अलावा शिक्षक, कर्मचारी और कई गणमान्य नागरिक यूट्यूब प्लेटफार्म पर जुड़े रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ क्षमता चौधरी ने किया।