समलैंगिक-करवाचौथः भावनाओं से फिर खेला बाजार…

डाबर के विज्ञापन में करवाचौथ मनाता दिखा समलैंगिक जोड़ा, विरोध के साथ हुआ स्वागत

TISMedia@BusinessDesk भावनाओं को भुनाने में बाजार कभी कोई कसर नहीं छोड़ता। ऐसा करने से न सिर्फ उसे प्रचार मिलता है बल्कि, धंधे पर भी खासा असर पड़ता है। यह बात और है कि अब त्यौहारी सीजन से ठीक पहले शुरू होने वाले इस “खेल” को लेकर तल्खियां भी बढ़ने लगी हैं।

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इस बार कटघरे में भारत की नामचीन कंपनी डाबर है। जिसने करवाचौथ से ठीक पहले समलैंगिक समुदाय की भावनाओं को विज्ञापन का जरिया बनाकर अपने सौंदर्य प्रसाधनों के लिए नया बाजार तलाशा है। हालांकि, कंपनी ने करवाचौथ के जिस त्यौहार को केंद्र में रखकर प्रचार-प्रसार का तानाबाना बुना है, उसे लेकर तल्खी के साथ स्वागत के सुर भी सुनाई पड़ रहे हैं।

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क्या है डाबर के विज्ञापन में 
डाबर की फेम गोल्ड ब्लीच (Dabur FEM Gold Creme Bleach) सौंदर्य प्रसाधनों की श्रेणी में सालों से खास जगह रखती है। डाबर अपने इस उत्पाद के लिए सालों से करवाचौथ पर महिलाओं को केंद्रित कर वीडियो एड लांच करता रहा है। लेकिन, इस बार इस उत्पाद के लिए नया बाजार तलाशने को डाबर ने समलैंगिक जोड़ों को जरिया बनाया है। डाबर की इस क्रीम के विज्ञापन में दो युवतियां अपने पहले करवा चौथ के लिए तैयार होती नजर आ रही हैं। वीडियो एड में एक महिला दूसरी को ब्लीच लगा रही हैं। इसके साथ हीं वे एक दूसरे को इस त्यौहार का मतलब समझा कर अपने व्रत रखने की वजह बता रही हैं। इस बीच एक और महिला इन दोनों के पास आती है और रात को पहनने के लिए दोनों को साड़ी देती है। उसके बाद रात को दोनों अपनी पारंपरिक छलनी से एक दूसरे को देखती हैं और पानी पिलाती हैं। इस विज्ञापन में यह दर्शाया गया है कि वे एक दूसरे की जीवनसाथी हैं।

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प्रतिक्रियाओं की आई बाढ़ 
डाबर के इस विज्ञापन को खास तौर पर आज के दिन यानी करवा चौथ के लिए रिलीज किया गया है। इस विज्ञापन में समलैंगिक जोड़ों को करवा चौथ मनाते दिखाए जाने की वजह से यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कमेंट बॉक्स में यूजर्स की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कुछ इस नई सोच का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है। डाबर ने इस विज्ञापन में दुनियां की सोच बदलने का संदेश देने की कोशिश की है, लेकिन बीते कई त्यौहारों से विज्ञापनों की ऐसी विवादित श्रंखला शुरू हुई है कि डाबर भी इस बार ट्रोलर्स के निशाने पर आने से नहीं बच सका।

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जितना बड़ा विवाद, उतना ज्यादा मुनाफा
भारतीय सौंदर्य प्रसाधन बाजार में 99 फीसदी उत्पाद महिलाओं को केंद्रित करके ही उतारे जाते हैं। ऐसा पहली मर्तबा हुआ है जब किसी बहुउत्पाद कंपनी वह भी भारतीय स्वदेशी कंपनी ने समलैंगिक समूह को केंद्र में रखकर अपने किसी पुराने सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद का विज्ञापन रिलीज किया है। बाजार के जानकारों की मानें तो डाबर ने तेजी से बढ़ रहे एलजीबीटी कम्युनिटी (LGBT Community) की भावनाओं को मंच देकर सौंदर्य प्रसाधनों की श्रंखला में एक नया बाजार खड़ा करने की कोशिश की है। इसे लेकर चाहे जितना विवाद हो, फायदा निश्चित तौर पर ट्रेंड सेटर डाबर को ही मिलेगा। क्योंकि जितना बवाल होगा, उतना ही समलैंगिकों की भावनाएं इस ओर मुड़ेंगी।

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