वैक्सीन से पहले रेलवे ने खोजा कोरोना का तोड़, बना डाला ‘एंटी कोविड कोच’
स्टेट डेस्क@लखनऊ. कोरोना के कहर की सबसे ज्यादा मार झेल रही भारतीय रेलवे ने इसका तोड़ खोज निकाला है। मुसाफिरों का सफर सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अब एंटी कोविड कोच तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है। जल्द ही इन्हें रेलगाड़ियों में जोड़ा जाएगा। ताकि, एक बार फिर बेपटरी हुई रेल पुरानी रफ्तार से दौड़ सके।
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कोरोना का कहर शुरू होते ही संक्रमण को रोकने के लिए रेल मंत्रालय ने देश भर में रेल गाड़ियों के चक्के जाम कर दिए। हालात में काफी सुधार होने के बावजूद बीते सात महीने में बामुश्किल 20 से 30 फीसदी ट्रेने ही पटरियों पर वापस लौट सकी हैं। जिसके चलते मुसाफिरों को तो मुश्किलों का सामना करना ही पड़ रहा था। वहीं रेलवे को भी खासा घाटा उठाना पड़ रहा था।
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आइसोलेशन वार्ड में बदल दिए कोच
कोरोना का संक्रमण बढ़ता देख रेलवे ने लोगों की मदद के लिए ट्रेन के कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर खासी राहत पहुंचाई। इसके बाद एहतियात के साथ कोविड स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया, लेकिन जैसे ही ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो यात्रियों के संक्रमण की चपेट में आने की शिकायतें आने लगी। जिससे लोग अब भी रेल में सफर करने से खासे डर रहे हैं।
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एंटी कोविड कोच का तोहफा
मुसाफिरों की तकलीफ और कोरोना संक्रमण का मुकाबला करने के लिए रेलवे के अभियंताओं ने इसका तोड़ निकलाने की तरकीब तलाशी। जो अब ‘एंटी कोविड कोच’ की शक्ल में सिरे चढ़ चुकी है। गोरखपुर में कोरोना से बचाव करने वाले कोचों का खास डिजाइन तैयार किया गया। इन कोच में ऐसी सुविधाएं दी गई हैं जिससे यात्रियों में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो सकेगा।
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यह है खासियत
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि एंटी कोविड कोच के दरवाजों को संक्रमण मुक्त बनाने के लिए उनके हैंडिल और रेलिंग पर कॉपर कोटिंग की गई है। कॉपर के संपर्क में आने वाला वायरस कुछ ही घंटों में निष्क्रिय हो जाता है। इसके साथ ही कोच में शौचालय के दरवाजे और नल खोलने एवं बंद करने के साथ ही साबुन निकलने के लिए पैर से संचालित होने वाला सिस्टम लगाया गया है।
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एसी में भी नहीं फैलेगा कोरोना
इतना ही नहीं एसी कोच के पाइप में प्लाज्मा एअर उपकरण लगाया गया है। इस तकनीक से एसी कोच के अंदर की हवा और सतहों को वायरस मुक्त बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही बेसिन के टैब पर किसी का हाथ गलती से भी न जाए, इसके लिए बेसिन में ऐसे टैब लगाए गए हैं जिसमें खोलने या बंद करने वाला कोई नॉब नहीं है। बेसिन के ठीक नीचे पैडल लगा है। जिसे दबाते ही टैब से पानी गिरने लगेगा। इन तरीकों से पूरा कोच कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त रहेगा।
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जल्द दौड़ेंगे पटरी पर
राजेश कुमार ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए रेलवे खासे एहतियात बरत रहा है। एसी कोच के पर्दे हटाने से लेकर बैडिंग तक की व्यवस्था बंद की गई। इसी कड़ी में एंटी कोविड कोचों का निर्माण हो रहा है। जल्द ही इसे ट्रेनों में जोडा जाएगा।