KOTA ACB का खौफ: थाना लावारिश छोड़ नंगे पैर भागा सीआई, रीडर का साला भी सरपट दौड़ा

गिरफ्तारी का खौफ दिखा सीआई ने मांगी थी 50 हजार की घूस, रिश्वत लेते रीडर रंगे हाथ दबोचा

TISMedia@Kota. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) का नाम सुनते ही अब घूसखोरों के कलेजे कांपने लगते हैं। यकीन न आए तो कोटा ग्रामीण थाने के सीआई जयराम से पूछ लीजिए। हालांकि, यह बताने के लिए अभी वह ढूंढ़ने के बाद भी नहीं मिल रहे हैं। खाकी पर घूसखोरी का कलंक लगाने वाले जयराम ने अपने रीडर दिनेश मीणा के साथ मिलकर धोखाधड़ी के दो आरोपियों को गिरफ्तार न करने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। 50 हाजर रुपए में सौदा पटने के बाद जैसे ही दिनेश अपने सालो को लेकर घूस लेने कोटा आया एएसपी ठाकुर चंद्रशील की टीम ने उसे धर दबोचा। यह खबर जैसे ही सांगोद तक पहुंची घूसखोर सीआई नंगे पैर ही थाना छोड़कर भाग खड़ा हुआ।

कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि सांगोद निवासी लक्ष्मी नारायण और कोटा के जवाहर नगर निवासी जय कुमार शर्मा ने 09 जून 2021 को एक लिखित शिकायत दी। दोनों परिवादियों ने एसीबी को बताया कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज है। जिसकी जांच सांगोद पुलिस कर रही है। इस मामले में सांगोद पुलिस उन्हें लगातार गिरफ्तार करने की धमकी दे रही है। हालांकि, गिरफ्तार न करने के लिए सांगोद थाने का सीआई जयराम और उसका रीडर दिनेश मीणा 10 हजार रुपए की रिश्वत ले चुके हैं।

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अब मांगी एक लाख की घूस 
लक्ष्मी नारायण और जय कुमार शर्मा ने बताया कि इसी दौरान राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए, लेकिन घूसखोर पुलिस कर्मी इसके बाद भी उन्हें लगातार परेशान कर रहे हैं। दोनों ने एसीबी को लिखित शिकायत दी कि, गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट का स्टे होने के बावजूद सांगोद थाने का सीआई जयराम और उसका रीडर दिनेश मीणा उन्हें बार-बार गिरफ्तार करके जेल भेजने की धमकी देने लगे। गिरफ्तारी से बचने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। परिवादियों ने जब एक लाख रुपए ज्यादा होने की बात की तो दोनों पुलिस कर्मी 50 हजार रुपए पर रजामंद हो गए। रीडर दिनेश मीणा ने उन्हें बताया कि 10 हजार रुपए उसे देने होंगे और 40 हजार रुपए सीआई जयराम लेंगे।

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सांगोद में नहीं ली घूस 
50 हजार रुपए की घूस तय होने के बाद दिनेश मीणा ने 10 जून के दिन लक्ष्मी नारायण और जय कुमार शर्मा को सांगोद बुलाया। इसकी जानकारी उन्होंने एसीबी को दे दी। जिसके बाद एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने घूसखोर पुलिस कर्मियों को ट्रैप करने के लिए सांगोद में जाल बिछाया, लेकिन दिनेश मीणा ने अचानक सांगोद में घूस लेने से मना कर दिया। पैसे लेने के लिए उसने खुद ही कोटा आने की बात कह दोनों को टाल दिया।

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घूस लेने रीडर आया कोटा
एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि सांगोद थाने के रीडर दिनेश मीणा ने परिवादी जयकुमार को फोन कर 25 जून को कोटा आने की बात कही। दिनेश ने फोन पर बताया कि सीआई जयराम भी उसके साथ आएगा। सूचना मिलते ही ठाकुर चंद्रशील ने डीएसपी हर्षराज खरेड़ के नेतृत्व में टीएलओ चौहान, सीआई अजीत बगड़ोलिया, दिलीप सिंह, भरत सिंह, देवेंद्र सिंह, मनोज कुमार, नरेंद्र सिंह, मुकेश कुमार, योगेन्द्र सिंह, मोहम्मद खालिक, सरोज और कंवर लाल की टीम गठित कर घूसखोर पुलिस कर्मियों को रंगे हाथ दबोचने के लिए परिवादी के घर के आसपास फैल गई।

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साले को भी घूसखोरी के दलदल में घसीटा
सीआई जयराम का रीडर दिनेश मीणा घूस लेने से पहले खासा चौकन्ना था। उसे पहले से ही एसीबी के हत्थे चढ़ जाने का खौफ था इसीलिए रिश्वत की रकम लेने के लिए अपने साथ अपने साले मोहित मीणा को लेकर जय कुमार के घर पहुंचा। दिनेश ने अपनी बाइक मेन रोड पर लगा दी और साले को जय कुमार के घर भेज दिया, लेकिन परिवादी ने दिनेश या सीआई जयराम के अलावा किसी को भी घूस की रकम देने से इनकार कर दिया। इस पर दिनेश ने उसे रोड पर आने के लिए कह दिया। जहां जय कुमार ने उसे 11 हजार रुपए दे दिए। कम पैसे देखकर दिनेश भड़क गया और सीआई जयराम को फोन लगा कर परिवादी की बात करवाई। जिस पर सांगोद थाने के सीआई ने उसे बाकी रकम जल्द से जल्द देने की हिदायत देकर 11 हजार रुपए ले लेने और सांगोद आने की कह दी।

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घूसखोर रीडर रंगे हाथ दबोचा 
दिनेश इतने के बाद भी सीधे घूस लेने को राजी न हुआ। उसने परिवादी को साले मोहित के साथ पास की एक गली में जाकर पैसे देने के लिए कहा। परिवादी ने दिनेश के साले को 11 हजार रुपए की घूस देने के बाद एसीबी को इशारा कर दिया। जैसे ही मोहित ने घूस की रकम दिनेश को जाकर दी, पहले से मुस्तैद एसीबी ने उसे धर दबोचा। हालांकि मोहित अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से बचकर निकले में सफल हो गया। इतना ही नहीं मोहित ने सांगोद थाने के सीआई को भी दिनेश के पकड़े जाने की खबर दे दी। घूसखोरी के सह आरोपी सीआई जयराम को गिरफ्तार करने के लिए एसीबी की टीम जैसे ही सांगोद थाने पहुंची, वह नंगे पैर ही थाने को लावारिश छोड़ कर भाग खड़ा हुआ। एसीबी की टीमें फरार हुए दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी हैं।

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