Pride Of Kota: कोरोना युद्ध में उद्यमी की बड़ी आहुति, लोगों को तड़पता देख फैक्ट्री को बना डाला ऑक्सीजन प्लांट

कोटा. कोरोना की दूसरी लहर से देश और प्रदेश के हालात लगातार बिगड़ते नजर आ रहे है। साथ ही ऑक्सीजन की कील्लत की खबरे लगातार देखने को मिल रही है। जिस के चलते मरीजों को ऑक्सीजन के लिए काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है। इस बीच शीक्षा नगरी कोटा से एक उद्यमी की अनोखी पहल सामने आई है। कोटा के युवा उद्यमी ने बड़ा फैसला कर एक गजब का काम कर दिखाया है। इस उद्यमी ने कुछ ही दिनों में दिल्ली के विशेषज्ञों की टीम की मदद से अपनी फैक्ट्री को ऑक्सिजन प्लांट बनवा दिया।

READ MORE: बड़ी उपलब्धि : कोटा में ऑक्सीजन प्लांट शुरू, कोविड केयर सेंटर में मिलेगी 250 बेड की सुविधा

150 से ज्यादा ऑक्सिजन सिलेंडर्स
पहले इस फैक्ट्री में बाजार में सप्लाई के लिए दूसरी गैस का उत्पादन किया जाता था। जब कोरोना महामारी के बेकाबू हो रहे हालातों में ऑक्सिजन को लेकर मारामारी शुरू हुई तो युवा उद्यमी ने अपने व्यवसाय को एक तरफ कर मानवता का प्रमाण देते हुए अपनी फैक्ट्री को जन सेवा के लिए ऑक्सिजन प्लांट में बदल दिया। इस फैक्ट्री में अब प्रतिदिन 150 से ज्यादा ऑक्सिजन सिलेंडर्स का उत्पादन किया जा रहा है। ऑक्सिजन प्रबंधन के लिए प्लांट उद्यमि ने जिला प्रशासन को सौंप दिया है।

करना चाहते है प्रशासन का सहयोग
यह प्लांट कोटा के रानपुर इंडस्ट्रियल एरिया के पास भीमपुरा में आकाश नाम से है, इसके मालिक राजेश ने बताया कि, “इस संकट के समय हमने अपने सभी दुसरे गैस उत्पादन मैटेरियल्स के काम को बंद कर ऑक्सिजन प्लांट तैयार करवाया है।” राजेश ने बताया कि वह जिला प्रशासन का सहयोग करना चाहते है इस के साथ ही उन्होंने कहा कि, “हम उद्योग जगत से जुड़े लोगों को भी इस संकट की घड़ी में अपना मानवता का धर्म निभाना चाहिए। अब हम यहां से 200 ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को संकट की इस घड़ी में राहत मिल सके।”

READ MORE: बेशर्मी की हदें पारः पुलिस की सख्ती और मौत के तांड़व के बावजूद सड़कों पर टहल रहे लोग, दुकानदार भी उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

24 घंटे किया काम
इस के साथ ही राजेश अग्रवाल ने औद्योगिक क्षेत्र के अन्य उद्यमियों से भी अपने प्लाटों को ऑक्सिजन प्लांट मे बदलकर संकट की इस घड़ी में अपना मानवता धर्म निभाने की अपील की। प्लांट तैयार करने आई वेशेषज्ञों की टीम के सदस्य ने बताया कि इस तरह के प्लांट को तैयार करने में वैसे तो 3 से 4 महीनों का समय लगता है लेकिन 24 घंटे काम कर यह प्लांट 15 से 20 दिन में तैयार किया गया। इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही बताया कि उनके पास लगातार देश के अन्य क्षेत्रों से भी ऑक्सिजन प्लांट तैयार करने के ऑर्डर आ रहे है। जिला प्रशासन ने प्लांट में तैयार हो रहे ऑक्सिजन सिलेंडर्स को अस्पतालों में आपूर्ति के लिए अधिग्रहित कर लिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!