BIG News: कोटा पुलिस ने बाइक चोर गिरोह का किया पर्दाफाश, 15 लाख की 33 बाइक जब्त
कोटा. शहर के अलग-अलग इलाकों से बाइक चुराने वाली गैंग का पुलिस ने शनिवार को फर्दाफाश कर 33 बाइक बरामद की है। साथ ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन बाइकों की अनुमानित लागत 15 लाख बताई जा रही है। शहर एसपी गौरव यादव ने बताया कि शहर में लगातार हो रही वाहन चोरी की वारदातों का पर्दाफाश करने के लिए एएसपी प्रवीण कुमार जैन व पुलिस उप अधीक्षक राजेश मेश्राम के निर्देशन में प्रशिक्षु आरपीएस मृत्युंजय मिश्रा के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।
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प्रशिक्षु आरपीएस मिश्रा ने बताया कि 5 नवंबर को मुखबिर से सूचना मिली थी कि तीन युवक एक बाइक पर भामाशाह मंडी की तरफ से आ रहे हैं। इनके पास चोरी की बाइक होने की आशंका है। इस पर पुलिस ने डीसीएम रोड पर नाकाबंदी कर दी। इस दौरान सामने से आ रहे बाइक सवार तीनों युवक पुलिस को देखकर वापस मुड़कर भागने लगे। इस पर पुलिस ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया। बाइक पर नंबर प्लेट भी नहीं थी। गाड़ी के कागजात मांगे तो युवकों ने कागजात नहीं होने की बात कही। इस पर तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपियों ने वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार कर लिया।
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मिश्रा ने बताया कि प्रेम नगर अफोर्डेबल योजना निवासी आरोपी कुशाल कुमार उर्फ कौशल (34), रेलगांव सीमलिया हाल मुकाम अफोर्डेबल योजना निवासी गणेश कुमार (31), बूंदी के तालेड़ा निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू (21) को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से पुलिस रिमांड पर सौंपा गया। पूछताछ में तीनों आरोपियों ने शहर के गुमानपुरा, अनंतपुरा, दादाबाड़ी, आरकेपुरम, नयापुरा व कुन्हाड़ी सहित अन्य इलाकों से 33 वाहन चोरी करना स्वीकार कर लिया।
जंगल में छीपाकर रखते थे चोरी की बाइकें
प्रशिक्षु आरपीए मिश्रा ने बताया कि आरोपी शहर के विभिन्न इलाकों से बाइक चोरी कर अफोर्डेबल योजना के पीछे स्थित भडकिया खाल के जंगलों में पेड़ों के बीच तिरपाल से ढककर रखते थे। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वहां से 33 बाइकें बरामद की है।
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बाइकों को मध्यप्रदेश में बेचने से पहले ही धरा गया गिरोह
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दोपहर के समय शहर के विभिन्न इलाकों में बाइकों की रैकी करते थे, फिर रात को जहां से मौका मिलता वहीं से बाइक चोरी कर जंगल में झाडिय़ों के बीच छिपा देतेे। इसके बाद आरोपी मिस्त्री जितेंद्र उर्फ जीतू की दुकान पर ले जाकर बाइक के चेचिस नंबर व इंजन बदल दिया जाता था। ताकि, वाहनों की पहचान नहीं हो सके। इसके बाद सभी बाइकों को मध्यप्रदेश में बेचने की फिरार में थे। इससे पहले ही सभी आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।