#Operation_NEET जोधपुर का राजन राजगुरु निकला “मुन्नाभाई एमबीबीएस” गिरोह का सरगना
कोटा में चला रहा था ट्यूशन सेंटर, साल 2010 में एमबीबीएस करने आया था कोटा
- साल 2018 में कोटा दक्षिण से लड़ा था विधानसभा चुनाव, मिले थे सिर्फ 123 वोट
- मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ मिलकर बनाया सॉल्वर गिरोह, दो लड़कियां भी गिरफ्तार
TISMedia@Kota नीट यूजी परीक्षाओं में असली परिक्षार्थियों की जगह मेडिकल कॉलेज के छात्रों को सॉल्वर बनाकर परीक्षा दिलाने वाले गिरोह का सरगना जोधपुर का बाशिंदा राजन राजगुरू निकला। अजमेर पुलिस ने राजन राजगुरु के साथ 7 सॉल्वर भी गिरफ्तार किए हैं। जो NEET UG Exam 2021 में असली स्टूडेंट्स की जगह परीक्षा देने वाले थे। इनमें दो लड़कियां भी शामिल हैं। राजन राजगुरू की गिरफ्तारी के बाद कोटा कोचिंग को बदनाम करने की बड़ी साजिश का भी खुलासा हुआ है।
चार दिनों से पूरे देश में कोटा कोचिंग को बदनाम करने के कुचक्र का पर्दाफाश हो गया। “मुन्नाभाई एमबीबीएस” फिल्म की तर्ज पर नीट यूजी परीक्षा में असली छात्रों की जगह एमबीबीएस कर रहे मेडिकल के छात्रों को सॉल्वर बनाकर परीक्षा दिलाने वाले गिरोह का राजस्थान पुलिस ने सोमवार को पूरी तरह से खुलासा कर दिया।
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जोधपुर का रहने वाला है सरगना
अजमेर पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि उसने अभी तक मुन्नाभाई एमबीबीएस गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें गिरोह का सरगना राजन राजगुरू भी शामिल है। जोधपुर के मूल निवासी राजन राजगुरू ने साल 2010 में राजस्थान प्री मेडिकल टेस्ट दिया था जिसमें राज्य स्तर पर उसे दूसरी रेंक मिली थी। मेडिकल में दाखिला होने के बाद उसे कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट आवंटित हुई। यहां से चार साल की पढ़ाई करने के बाद उसने बतौर जूनियर रेजीडेंट भी कुछ साल तक काम किया।
कोटा की कोचिंग ने कर दिया था रिजेक्ट
एमबीबीएस करने के बाद राजन राजगुरू का मन अस्पताल की सरकारी नौकरी में नहीं लगा। डॉक्टर बनने के बजाय वह लोगों को डॉक्टर बनाने के ख्वाब देखने लगा। उसने देखा कि सरकारी डॉक्टर से ज्यादा सेलरी तो कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ा रहे शिक्षकों की है। बस यहीं से उसका रातों रात अमीर बनने का ख्वाब जाग उठा। इसके लिए उसने पहले तो फिजिक्स की फैकल्टी के तौर पर कोटा के कोचिंग संस्थानों में नौकरी मांगी, लेकिन सफलता न मिलने पर वह बॉयोलॉजी का टीचर बनने निकल पड़ा, लेकिन कोटा के किसी भी कोचिंग संस्थान की गुणवत्ता पर खरा न उतर पाने के कारण उसे किसी भी कोचिंग संस्थान में नौकरी नहीं मिली।
रातों रात अमीर बनने की ख्वाहिश ने बनाया अपराधी
कोटा के कोचिंग संस्थानों से रिजेक्ट होने के बाद डॉ. राजन गुरू ने महावीर नगर द्वितीय में एस्प्रिनेट के नाम से खुद का ही ट्यूशन सेंटर खोल लिया। जहां वह सीबीएसई के बच्चों को दसवीं और बारहवीं की ट्यूशन देने लगा, लेकिन इससे उसे न तो पैसे मिले और न ही शौहरत हासिल हुई। जिससे निराश होकर राजगुरू ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिला कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का धंधा शुरू कर दिया। क्योंकि, वह खुद मेडिकल का छात्र रहा था और राजस्थान के कई मेडिकल कॉलेजों में उसके यार दोस्त पढ़ भी रहे थे इसीलिए उसे आसानी से एमबीबीएस की खाली सीटों की जानकारी मिल जाती। जिन पर वह लाखों रुपए लेकर दाखिला कराता। रातों रात नोट छापने की इसी ख्वाहिश ने उसे अपराध के दलदल में धकेल दिया।
विधायकी का भी लड़ा चुनाव
डॉ. राजन राजगुरू को शौहरत की इतनी भूख थी कि उसने साल 2018 में न सिर्फ अभिनव राजस्थान (एआरएस) के नाम से एक पार्टी बना डाली, बल्कि राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कोटा दक्षिण से चुनाव भी लड़ लिया। हालांकि इस चुनाव में उसे मुंह की खानी पड़ी। राजन को इस चुनाव में सिर्फ 123 वोट मिले। जिसके बाद उसकी जमानत भी जब्त हो गई। इस चुनाव में दाखिल हलफनामे के मुताबिक उसने 61 लाख 60 हजार रुपए की सम्पत्ति की घोषणा की थी। इतना ही नहीं हलफनामे के मुताबिक उसने 20 लाख रुपए का कर्जा भी बताया था। इस चुनाव में उसने 4 लाख 45 हजार 476 रुपए की नियमित आय भी बताई थी। जिसमें महावीर नगर के ट्यूशन सेंटर और उसी बिल्डिंग में हॉस्पीटल चलाए जाने से अर्जित आय भी शामिल थी।
अजमेर पुलिस ने किया गिरफ्तार
नीट परीक्षा में सॉल्वर बिठाने वाले गिरोह का पीछा करते हुए अजमेर पुलिस डॉ. राजन राजगुरू तक जा पहुंची। पुलिस की गिरफ्तर में आए सॉल्वर्स ने बताया कि इस गैंग को कोई और नहीं खुद डॉ. राजन राजगुरू ही चला रहा है। जयपुर, सीकर, चुरू और जोधपुर के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले एमबीबीएस प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को राजगुरू मोटी रकम देकर असली परीक्षार्थियों की जगह नीट एग्जाम में बिठाता है।
जयपुर से चल रहा था गैंग
राजगुरू जयपुर से सॉल्वर गैंग चला रहा था। उसका जाल पूरे देश भर में फैला था। नीट की परीक्षा दिलाने के लिए राजगुरू दूसरे राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे राजस्थान के बच्चों को लाखों रुपए देने का लालच देकर फंसाता था। अजमेर पुलिस ने डॉ राजन राजगुरु के साथ गिरफ्तार 6 मेडिकल स्टूडेंट भी गिरफ्तार किए हैं। जिनमें दो लड़कियां भी शामिल हैं। सॉल्वर गिरोह के साथ गिरफ्तार प्राची देहरादून के गुरुराम मेडिकल कॉलेज की छात्रा है। जबकि प्रिया गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज भरतपुर से MBBS कर रही है। वहीं सांवरमल ,प्रवीण मन्डा और अंकित यादव यूपी के बनारस विवि के हैं मेडिकल छात्र हैं। जबकि गिरफ्तार किया गया एक अन्य सॉल्वर प्रद्युम्न सिंह एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज देहरादून का छात्र है।