Rajasthan Patwari Exam: जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर में पकड़े गए डमी कैंडिडेट
कोटा सेटलमेंट ऑफिस का बाबू हनुमान मीना निकला नकल गिरोह का मास्टरमाइंड
TISMedia@Jaipur रीट (REET Exam) के बाद अब पटवारी परीक्षा (Patwari Exam 2021) में नकल गुरुओं को रोकने में प्रशासन फेल साबित हो रहा है। शनिवार को प्रदेशभर में नकल गिरोह से जुड़े 31 लोगों की गिरफ्तारियां हुई। राजस्थान के कई जिलों में पटवारी भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन यानि रविवार को भी डमी कैंडिडेट और नकल गिरोह से जुडे लोगों को पुलिस ने पकड़ा हैं। जोधपुर और उदयपुर में पुलिस ने डमी कैंडिडेट धर दबोचे तो वहीं दूसरी ओर कोटा में शनिवार को पकड़ी गई मुन्नाभाई गैंग के सरगना को कोटा पुलिस ने धर दबोचा। चौंकाने वाली बात यह है कि नकल गिरोह का सरगना टलमेंट ऑफिस का बाबू निकला।
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सेटलमेंट ऑफिस का बाबू निकला गैंग का सरगना
कोटा से पटवारी परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के मामले में कोटा पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। शनिवार को पकड़ी गई मुन्नाभाई गैंग का सरगना सेटलमेंट ऑफिस का बाबू हनुमान मीना निकला। कोटा पुलिस ने इस मामले में मीना के साथ-साथ एक अन्य बाबू और दो सेकेंड ग्रेड टीचर को भी हिरासत में लिया है। पुलिस के मुताबिक हनुमान मीणा और उसका भाई जीतू डमी कैंडिडेट तैयार करते थे।
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जोधपुर-उदयपुर में पकडे गए फर्जी परीक्षार्थी
जोधपुर में पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान फर्जी परीक्षार्थी के बैठने की बात सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक परीक्षार्थी मनीष की जगह सुरेश देवनगर बैठ गया। एसएचओ जयकिशन सोनी के नेतृत्व में कार्रवाई हुई है। मनीष और सुरेश दोनों आपस में दोस्त है। दोनों ही बाड़मेर के धोरीमन्ना गांव के रहने वाले है। परीक्षा के बाद 20,000 रुपए देना तय हुआ था। पटवारी के चयन होने पर 5 लाख रुपए देने का सौदा किया गया था। पुलिस अभी पूरे मामले की जांच करने के बाद गैग का खुलासा करेगी। इसके साथ ही उदयपुर में भी डमी कैंडिडेट पकड़ा गया है। पकड़े गए डमी कैंडिडेट का नाम दिनेश विश्नोई बताया जा रहा है। गोवर्धन विलास थाना पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
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जयपुर में सरकारी स्कूल का क्लर्क बना डमी कैंडिडेट
राजधानी जयपुर में पटवारी एग्जाम में सरकारी स्कूल का लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) डमी कैंडिडेट बनकर दोस्त की जगह एग्जाम देने पहुंच गया। डीसीपी हरेंद्र महावर ने बताया कि सुनील गोदारा व ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि दो दिन चलने वाली पटवारी भर्ती में जालोर से फर्जी कैंडिडेट बनकर जयपुर में परीक्षा देने आए हैं। तब पुलिस लोकेशन के हिसाब से कुमावत क्षत्रिय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास पहुंची। वहां पर एएसपी भरतलाल मीणा, डीएसपी भोपाल सिंह भाटी व सोडाला थानाधिकारी सत्यपाल सिंह के साथ अन्य पुलिसकर्मी पहुंच गए। पुलिस टीम आरोपियों की तलाश कर रही थी। स्कूल के कमरा नंबर 6 में रोल नंबर 3252074 पर परीक्षा देने आए युवक से संदेह के आधार पर पूछताछ की गई। जांच में टीम ने देखा कि प्रवेश पत्र व आधार कार्ड़ सहित अन्य दस्तावेजों में लगे फोटो बिल्कुल अलग थे। मुख्य अभ्यर्थी भूपेंद्र कुमार मीणा पुत्र बाबूलाल मीणा महुआ दौसा के स्थान पर डमी कैंडिडेट बनकर सुनील गोदारा आया था। जांच में भूपेंद्र फर्जी पाया गया। पुलिस ने सुनील गोदारा को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने बताया कि ओमप्रकाश के जरिए ही डील हुई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
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जालोर का युवक मास्टरमाइंड
सुनील कुमार गोदारा पढ़ने में काफी होशियार है। वह एलडीसी के पद पर जालोर में है। जांच में सामने आया कि मास्टरमाइंड रामलाल बिश्नोई पुत्र जगमाला निवासी चितलवाना जालोर है। इनके पास से पुलिस को आधार कार्ड व काफी फर्जी कार्ड मिले हैं। इनपर नाम-पते किसी और के हैं। वह खुद आदमी अलग है। रामलाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, चितलवाना, जालोर में शरीरिक शिक्षक है। यह पढ़े-लिखे युवकों को लालच देकर उन्हें दूसरे की जगह पर परीक्षा देने भेज देता है। ओमप्रकाश व श्रवण की जगह पर डमी कैंडिडेट से पेपर दिलाने की बात सामने आई है। पुलिस रामलाल बिश्नोई की तलाश कर रही है।
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भाई की जगह पर देने वाला था परीक्षा
सुनील बिश्नोई 24 अक्टूबर को पहली परीक्षा में भाई ओमप्रकाश के स्थान पर परीक्षा देने वाला था। इसके बाद वह श्रवण कुमार की परीक्षा देने जाने वाला था। जांच में पता लगा कि सुनील बिश्नोई रीट की परीक्षा में 26 सितम्बर को सांगानेर में अरविंद कुमार के स्थान पर फर्जी डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने आया था। सुनील के भाई ओमप्रकाश की रीट लेवल दो की परीक्षा महारानी कॉलेज जयपुर में किसी अन्य युवक ने आकर दी थी।